बेरूत : सीरिया के विद्रोही गुट ‘हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया. गोलानी ने अपनी सार्वजनिक छवि को फिर से बनाने के लिए कई वर्षों तक काम किया और अलकायदा से दूरी बनाते हुए खुद को बहुलवाद और सहिष्णुता के समर्थक के रूप में पेश किया. हाल के दिनों में, विद्रोहियों ने उसका उपनाम भी हटा दिया और उसे उसके असली नाम अहमद अल-शरा से संदर्भित करना शुरू कर दिया. इस घटना पर विभिन्न देशों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
रूस का दावा : असद शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण के निर्देश देकर सीरिया से चले गए थे
रूस के विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में रविवार को दावा किया कि बशर अल असद विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद सीरिया से चले गये थे और ‘‘शांतिपूर्वक तरीके से सत्ता हस्तांतरण’’ के निर्देश दिए थे. मंत्रालय ने रविवार को टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक पोस्ट में कहा कि मॉस्को ने इन वार्ताओं में सीधे तौर पर भाग नहीं लिया है। इसने यह भी कहा कि वह सीरिया में “नाटकीय घटनाक्रम” पर करीबी नजर रख रहा है. इसने कहा कि सीरिया में तैनात रूसी सैनिकों को सतर्क किया गया है और रविवार दोपहर तक वहां रूसी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को ‘‘कोई गंभीर खतरा’’ नहीं था.
रूस ने सितंबर 2015 से सीरिया में सैन्य अभियान चलाया हुआ है, तथा ईरान के साथ मिलकर असद सरकार को सशस्त्र विपक्षी समूहों से लड़ने तथा देश के ज्यादातर भाग पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करने में सहायता प्रदान की है. रूस अब अपने सैन्य संसाधनों का बड़ा हिस्सा यूक्रेन में केंद्रित कर रहा है लेकिन उसने सीरिया में अपनी सैन्य पकड़ बनाए रखी है और वहां अपने सैन्य ठिकानों पर सेना को तैनात रखा है.
सीरिया के लोग बिना विदेशी हस्तक्षेप के अपना भविष्य खुद तय करें: ईरान
सीरिया के अपदस्थ हुए राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का पुरजोर समर्थन करने वाले ईरान ने कहा कि सीरियाई लोगों को बिना विदेशी हस्तक्षेप के अपना भविष्य खुद तय करना चाहिए.विदेश मंत्रालय ने असद सरकार गिरने के बाद पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविवार को बयान जारी किया. ईरान लगभग 14 वर्ष से जारी गृह युद्ध के दौरान असद का कट्टर समर्थक रहा है.
सीरिया में अशांति के बाद इजराइल ने गोलान हाइट्स में ‘बफर जोन’ पर नियंत्रण किया: नेतन्याहू
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइली सुरक्षा बलों ने सीरिया के साथ 1974 के संघर्ष विराम समझौते तहत गोलान हाइट्स में बनाए गए ‘बफर जोन’ को अपने नियंत्रण में कर लिया है. ‘बफर जोन’ दो शत्रु देशों को एक दूसरे से अलग रखने के लिए बनाया जाने वाला क्षेत्र होता है.
उन्होंने विद्रोहियों के कब्जे के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद के शासन का अंत होने के बाद यह बात कही. नेतन्याहू ने कहा कि दशकों पुराना समझौता खत्म हो गया है और सीरियाई सैनिक पीछे हट चुके हैं, जिसकी वजह से इजराइली नियंत्रण आवश्यक हो गया था. साल 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध के दौरान इजराइल ने गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था. अमेरिका को छोड़कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे सीरिया के कब्जे वाला क्षेत्र मानता है.
चीन ने विद्रोही बलों से सीरिया में चीनी नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करने को कहा
चीन ने रविवार को सीरिया की राजधानी पर कब्जा करने वाले विद्रोही बलों से कहा कि वे देश में चीनी नागरिकों और उसके संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. विद्रोही बलों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाकर सीरिया की राजधानी पर नियंत्रण बना लिया है.
सीरिया पर विद्रोहियों के कब्जे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीन ने कहा कि वह अरब देश की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और आशा करता है कि जल्द स्थिरता लौट आएगी. चीन सीरिया में असद शासन का समर्थन करता रहा है।.
विदेश मंत्रालय की ओर से बीजिंग में जारी एक बयान में कहा गया कि दमिश्क में चीनी दूतावास खुला है और अपने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. बयान में कहा गया, ‘‘हम सीरिया में संबंधित पक्षों से सीरिया में चीनी संस्थानों और कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं.’’
इसमें कहा गया है कि चीन सरकार सीरिया छोड़ने की इच्छा रखने वाले चीनी नागरिकों को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से ऐसा करने में सक्रिय रूप से मदद कर रही है, सीरिया में अभी भी मौजूद लोगों के साथ संपर्क में रह रही है और उन्हें सुरक्षित रहने के बारे में सलाह दे रही है.
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