ETV Bharat / international

अमेरिका: कैलिफोर्निया के स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर लगेगा बैन, कानून पर हस्ताक्षर - mobile phones ban in school

California restrict student smartphone use at school: अमेरिका के कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने एक ऐसे कानून पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत स्कूलों में छात्रों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल बैन लगाया जाएगा. स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध को लेकर लंबे अरसे से मांग उठ रही है.

MOBILE PHONES BAN IN SCHOOL
कैलिफोर्निया के स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर लगेगा बैन (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2024, 1:18 PM IST

कैलिफोर्निया: अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्टूडेंट के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया है. हालांकि कई स्टूडेंटों के साथ-साथ पैरेंट्स भी इसके विरोध में हैं. कैलिफोर्निया के स्कूल में स्टूडेंटों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित लगाए जाने संबंधी कानून बनाए गए हैं. डेमोक्रेटिक गवर्नर गैविन न्यूसम ने इस संबंध में सोमवार को नया कानून पास किया है.

कहा जा रहा है कि अमेरिका का कैलिफोर्निया पहला प्रांत है जहां इस प्रकार का बैन लगाया गया है. यह कदम क्लास में बच्चों की पढ़ाई के प्रति डिस्ट्रैक्शन को देखते हुए उठाया गया. इसके साथ ही बच्चों पर सोशल मीडिया के मानसिक प्रभावों को दूर करने के प्रयास में किया गया है. फ्लोरिडा, लुइसियाना, इंडियाना और कई अन्य प्रांतों ने स्कूल में छात्रों के स्मार्टफोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कानून बनाए गए हैं.

न्यूसम ने एक बयान में कहा कि नया कानून छात्रों को स्कूल में पढ़ाई, सामाजिक विकास और स्क्रीन पर नहीं बल्कि उनके सामने की दुनिया पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा. वहीं दूसरी ओर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध नीतियों के कुछ आलोचकों का कहना है कि इसका बोझ शिक्षकों पर नहीं पड़ना चाहिए. दूसरों को चिंता है कि छात्रों के लिए आपातकालीन स्थिति में मदद लेना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही तर्क दिया गया कि फोन प्रतिबंध संबंधी निर्णय स्कूलों पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

स्कूल बोर्ड एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि यह निर्णय स्कूलों पर छोड़ दिया जाना चाहिए था. नये कानून से छात्र स्कूल परिसर में स्मार्टफोन का उपयोग करने से वंचित हो जाएंगे. इस कानून को हर पांच साल पर अपडेट किया जाएगा. इस प्रतिबंध के संबंध में कदम 2019 में उठाया गया था. इस साल जून में इस मुद्दे को फिर से उठाने की योजना तब बनाई गई जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का युवाओं पर उसके प्रभावों को लेकर देशव्यापी बहस हुई.

कई स्टूडेंट को यह पसंद नहीं है कि उन्हें स्मार्टफोन स्कूल ले जाने से रोका जाए. उनमें ऐसे बच्चे भी हैं जो मोबाइल इस्तेमाल करने के आदी हो चुके हैं. इन बच्चों की उम्र 10 से लेकर 15 वर्ष हैं. ऐसे बच्चों के लिए यह फैसला कठिन होने वाला है.

कुछ अभिभावकों ने चिंता जताई है कि अगर कोई आपात स्थिति होती है तो वे अपने बच्चों से संपर्क कैसे करेंगे. इस फैसले से वे अपने बच्चों से दूर कर सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों में गोलीबारी की घटना भी हुई से इससे पैरेंट्स में चिंता है. वहीं, कई टीचर का कहना है कि ये बहुत अच्छा फैसला है. दोपहर के भोजन के समय ऑनलाइन सामग्री देखना, टिकटॉक बनाने जैसे चीजों पर रोक लगेगी. उनका कहना है कि नये कानून से स्कूल की संस्कृति पूरी तरह से बदल जाएगी.

ये भी पढ़ें- अमेरिकी लोकतंत्र को बचाने का सबसे अच्छा तरीका 'नई पीढ़ी को मशाल सौंपना' है: बाइडेन

कैलिफोर्निया: अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्टूडेंट के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया है. हालांकि कई स्टूडेंटों के साथ-साथ पैरेंट्स भी इसके विरोध में हैं. कैलिफोर्निया के स्कूल में स्टूडेंटों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित लगाए जाने संबंधी कानून बनाए गए हैं. डेमोक्रेटिक गवर्नर गैविन न्यूसम ने इस संबंध में सोमवार को नया कानून पास किया है.

कहा जा रहा है कि अमेरिका का कैलिफोर्निया पहला प्रांत है जहां इस प्रकार का बैन लगाया गया है. यह कदम क्लास में बच्चों की पढ़ाई के प्रति डिस्ट्रैक्शन को देखते हुए उठाया गया. इसके साथ ही बच्चों पर सोशल मीडिया के मानसिक प्रभावों को दूर करने के प्रयास में किया गया है. फ्लोरिडा, लुइसियाना, इंडियाना और कई अन्य प्रांतों ने स्कूल में छात्रों के स्मार्टफोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कानून बनाए गए हैं.

न्यूसम ने एक बयान में कहा कि नया कानून छात्रों को स्कूल में पढ़ाई, सामाजिक विकास और स्क्रीन पर नहीं बल्कि उनके सामने की दुनिया पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा. वहीं दूसरी ओर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध नीतियों के कुछ आलोचकों का कहना है कि इसका बोझ शिक्षकों पर नहीं पड़ना चाहिए. दूसरों को चिंता है कि छात्रों के लिए आपातकालीन स्थिति में मदद लेना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही तर्क दिया गया कि फोन प्रतिबंध संबंधी निर्णय स्कूलों पर छोड़ दिया जाना चाहिए.

स्कूल बोर्ड एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि यह निर्णय स्कूलों पर छोड़ दिया जाना चाहिए था. नये कानून से छात्र स्कूल परिसर में स्मार्टफोन का उपयोग करने से वंचित हो जाएंगे. इस कानून को हर पांच साल पर अपडेट किया जाएगा. इस प्रतिबंध के संबंध में कदम 2019 में उठाया गया था. इस साल जून में इस मुद्दे को फिर से उठाने की योजना तब बनाई गई जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का युवाओं पर उसके प्रभावों को लेकर देशव्यापी बहस हुई.

कई स्टूडेंट को यह पसंद नहीं है कि उन्हें स्मार्टफोन स्कूल ले जाने से रोका जाए. उनमें ऐसे बच्चे भी हैं जो मोबाइल इस्तेमाल करने के आदी हो चुके हैं. इन बच्चों की उम्र 10 से लेकर 15 वर्ष हैं. ऐसे बच्चों के लिए यह फैसला कठिन होने वाला है.

कुछ अभिभावकों ने चिंता जताई है कि अगर कोई आपात स्थिति होती है तो वे अपने बच्चों से संपर्क कैसे करेंगे. इस फैसले से वे अपने बच्चों से दूर कर सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों में गोलीबारी की घटना भी हुई से इससे पैरेंट्स में चिंता है. वहीं, कई टीचर का कहना है कि ये बहुत अच्छा फैसला है. दोपहर के भोजन के समय ऑनलाइन सामग्री देखना, टिकटॉक बनाने जैसे चीजों पर रोक लगेगी. उनका कहना है कि नये कानून से स्कूल की संस्कृति पूरी तरह से बदल जाएगी.

ये भी पढ़ें- अमेरिकी लोकतंत्र को बचाने का सबसे अच्छा तरीका 'नई पीढ़ी को मशाल सौंपना' है: बाइडेन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.