कीव : अल जजीरा के अनुसार, संयंत्र के रूसी-स्थापित प्रशासन ने कहा कि रूसी-नियंत्रित जापोरिजिया परमाणु स्टेशन पर एक शटडाउन रिएक्टर के ऊपर के गुंबद पर रविवार को यूक्रेन ने हमला किया था. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि रविवार को हमले में किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, रूसी राज्य के स्वामित्व वाली परमाणु एजेंसी रोसाटॉम ने कहा कि यह परमाणु संयंत्र पर एक ड्रोन हमला था. जिसे 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के तुरंत बाद रूसी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया था.
संयंत्र के अधिकारियों के अनुसार, विकिरण का स्तर सामान्य था और हमले के बाद कोई महत्वपूर्ण क्षति नहीं हुई. हालांकि, रोसाटॉम ने बाद में बताया कि तीन लोग घायल हो गए थे. घायलों में ज्यादातर साइट पर कैंटीन के पास ड्रोन हमले के शिकार हुए. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए), जिसके विशेषज्ञ साइट पर हैं, ने बताया कि रूसी संचालित संयंत्र ड्रोन हमले की चपेट में आ गया है.
अल जजीरा के अनुसार, IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने दोनों पक्षों को 'परमाणु सुरक्षा को खतरे में डालने' वाले कार्यों से परहेज करने की चेतावनी दी है. यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा स्टेशन, जापोरीजिया परमाणु स्टेशन में सोवियत संघ की ओर से डिजाइन किए गए छह यूरेनियम-235 जल-ठंडा और जल-संचालित वीवीईआर-1000 वी-320 रिएक्टर शामिल हैं. इस सुविधा में खर्च किया गया परमाणु ईंधन भी रखा जाता है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, संयंत्र के प्रशासन के अनुसार, रिएक्टर नंबर एक, दो, पांच और छह कोल्ड शटडाउन में हैं, रिएक्टर नंबर तीन को रखरखाव के लिए बंद किया गया है, और रिएक्टर नंबर चार को 'हॉट शटडाउन' किया गया है. रूस और यूक्रेन दोनों ने अक्सर एक-दूसरे पर इस पर हमला करने और इस प्रकार परमाणु दुर्घटना की संभावना को बढ़ाने का आरोप लगाया है.