नई दिल्ली: वोटिंग के बाद पोलिंग बूथ पर मौजूद अधिकारी वोटर्स की उंगली पर स्याही लगाई जाती है. यह स्याही भारत के तेलंगाना के हैदराबाद और कर्नाटक के मैसूर में बनाई जाती है.शुरू में इस स्याही का कलर बैंगनी होता है, लेकिन वक्त गुजरने के साथ-साथ ही यह काले रंग की हो जाती है.
भारत में बनी इस स्याही का इस्तेमाल 9 से ज्यादा देशों में किया जाता है. इन सभी देशों में स्याही का कलर बैंगनी होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक देश ऐसा भी है, जहां चुनाव में यूज होने वाली स्याही का रंग भगवा होता है.
किस देश में लगाई जाती है भगवा स्याही?
बता दें कि चुनाव में भगवा कलर की स्याही दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम नाम में किया जाता है. यहां पिछले दो दशकों से चुनावों में भगवा रंग की चुनाव स्याही इस्तेमाल हो रहा है. पहले यहां बैंगनी स्याही का इस्तेमाल होता था, लेकिन 2005 में सूरीनाम विधान सभा चुनाव के लिए मतदाताओं की उंगलियों को चिह्नित करने के लिए बैंगनी की जगह नारंगी स्याही का इस्तेमाल किया गया. यह कलर वोटर्स को भी काफी पसंद आया था.
जानें कहां -कहां होता है चुनाव में स्यागी का इस्तेमाल
दुनिया के 90 से ज्यादा देशों में चुनावी स्याही का इस्तेमाल होता है. इन देशों में अफगानिस्तान, अल्बानिया, अल्जीरिया, बहामास, कंबोडिया, चिली, डोमिनिक गणराज्य, मिस्र, ग्वाटेमाला, होंडूरास, इंडोनेशिया, इराक, केन्या, लेबनान, लीबिया, मालदीव्स, मैक्सिको, म्यांमार, नेपाल, निकारागुआ, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपीन्स, पेरू, सेंट किट्स, सोलोमन आईलैंड्स, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, सूडान, त्रिनिदाद, सीरिया, ट्यूनीशिया, तुर्की, वेनेजुएला और अमेरिका का नाम शामिल है.
चुनाव में क्यों होता है स्याही का इस्तेमाल?
स्याही इस बात का प्रमाण होती है कि वोटर ने अपने वोट डाल दिया है. वोटिंग के बाद उंगली पर स्याही लगाकर यह चिन्हित किया जाता है कि कोई भी वोटर एक बार मतदान करने के बाद दोबारा वोट न कर सके.
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