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रूस ने छह माह के लिए पेट्रोल और गैसोलीन के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

Russia Banned Petrol Export, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच रूस ने एक बड़ा फैसला लिया है. दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक रूस शुक्रवार से पेट्रोल और गैसोलीन का निर्यात छह माह के लिए बंद करने वाला है. यह फैसला ऐसे समय में आया, जब मार्च में रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने है.

Russian President Putin
रूसी राष्ट्रपति पुतिन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 29, 2024, 10:54 PM IST

नई दिल्ली: भारत की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं, क्योंकि तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक रूस ने शुक्रवार से गैसोलीन और पेट्रोल के निर्यात पर बैन लगाने का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार यह बैन छह माह तक लागू रहेगा. भारत पर रूस के इस फैसले का बड़ा असर पड़ने वाला है, क्यों कि जहां एक ओर पेट्रोल की मांग बढ़ती नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के सामने कीमतें स्थिर रखने की भी चुनौती है.

रूस के आरबीसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंध की पुष्टि रूस के विशाल ऊर्जा क्षेत्र के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रमुख, उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक के प्रवक्ता ने की. आरबीसी ने एक अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए बताया कि नोवाक ने बीती 21 फरवरी को एक पत्र के माध्यम से प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद प्रधान मंत्री मिखाइल मिशुस्टिन ने प्रतिबंध को मंजूरी दे दी.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रतिबंध को लेकर फैसला हो चुका है, लेकिन डिक्री अभी तक जारी नहीं की गई है. आरबीसी ने अपने प्रस्ताव में नोवाक के हवाले से कहा कि 'पेट्रोलियम उत्पादों की अत्यधिक मांग की भरपाई करने के लिए, घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर करने में मदद के लिए उपाय करना आवश्यक है.'

आपको बता दें कि रूस में 15-17 मार्च के बीच राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले घरेलू गैसोलीन की कीमतें मोटर चालकों और किसानों के लिए संवेदनशील हैं. वहीं दूसरी ओर रूस की कुछ रिफाइनरियां हाल के महीनों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों से प्रभावित हुई हैं.

रूस और यूक्रेन ने आपूर्ति लाइनों और रसद को बाधित करने और अपने विरोधियों को हतोत्साहित करने के लिए एक-दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध करीब दो सालों से चल रहा है और ऐसे में अभी भी इस युद्ध के खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

नई दिल्ली: भारत की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं, क्योंकि तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक रूस ने शुक्रवार से गैसोलीन और पेट्रोल के निर्यात पर बैन लगाने का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार यह बैन छह माह तक लागू रहेगा. भारत पर रूस के इस फैसले का बड़ा असर पड़ने वाला है, क्यों कि जहां एक ओर पेट्रोल की मांग बढ़ती नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के सामने कीमतें स्थिर रखने की भी चुनौती है.

रूस के आरबीसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंध की पुष्टि रूस के विशाल ऊर्जा क्षेत्र के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रमुख, उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक के प्रवक्ता ने की. आरबीसी ने एक अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए बताया कि नोवाक ने बीती 21 फरवरी को एक पत्र के माध्यम से प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद प्रधान मंत्री मिखाइल मिशुस्टिन ने प्रतिबंध को मंजूरी दे दी.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रतिबंध को लेकर फैसला हो चुका है, लेकिन डिक्री अभी तक जारी नहीं की गई है. आरबीसी ने अपने प्रस्ताव में नोवाक के हवाले से कहा कि 'पेट्रोलियम उत्पादों की अत्यधिक मांग की भरपाई करने के लिए, घरेलू बाजार में कीमतों को स्थिर करने में मदद के लिए उपाय करना आवश्यक है.'

आपको बता दें कि रूस में 15-17 मार्च के बीच राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले घरेलू गैसोलीन की कीमतें मोटर चालकों और किसानों के लिए संवेदनशील हैं. वहीं दूसरी ओर रूस की कुछ रिफाइनरियां हाल के महीनों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों से प्रभावित हुई हैं.

रूस और यूक्रेन ने आपूर्ति लाइनों और रसद को बाधित करने और अपने विरोधियों को हतोत्साहित करने के लिए एक-दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध करीब दो सालों से चल रहा है और ऐसे में अभी भी इस युद्ध के खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

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