टेक्सास: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर हैं. इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इस बीच रविवार को डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत की. वहीं, उनकी यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने टेक्सास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी का दृष्टिकोण भाजपा के विपरीत है और वह 'पप्पू' नहीं हैं.
#WATCH | Texas, USA: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, " ...rahul gandhi's agenda is to address some of the larger issues, he has a vision contrary to what bjp promotes by spending crore and crore of rupees. i must tell you he is not 'pappu', he is highly… pic.twitter.com/28zgNI6BQj
— ANI (@ANI) September 9, 2024
पित्रोदा ने कहा, 'उनके (राहुल गांधी) पास भाजपा द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके प्रचारित किए जाने वाले दृष्टिकोण के विपरीत दृष्टिकोण है. मैं आपको बता दूं कि वह कोई पप्पू नहीं हैं. वह उच्च शिक्षित हैं, अच्छे से पढ़े-लिखे हैं, किसी भी विषय पर गहरी सोच रखने वाले रणनीतिकार हैं और कभी-कभी उन्हें समझना बहुत आसान नहीं होता.' इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने कहा कि गांधीवादी विचार और विविधता उनकी (पित्रोदा की) शिक्षा के मूल में हैं.
उन्होंने कहा, 'पचास के दशक की शुरुआत में स्कूल जाते समय गांधीवादी विचार हमारी शिक्षा का मूल था. समावेश, विविधता, ये केवल शब्द नहीं थे, ये वे थे जिनके अनुसार हम जीते थे और जब मैं अपने समाज में ऐसे बदलाव देखता हूं जो बुनियादी ढांचे पर हमला करते हैं तो मुझे इसकी चिंता होती है. इसलिए विचार यह है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हम अपने लोगों का सम्मान करें, चाहे उनकी जाति, धर्म, भाषा, राज्य कुछ भी हो. हम सभी के लिए समान अवसर पैदा करें, हम श्रमिकों को सम्मान प्रदान करें और ये वे मुद्दे हैं जिनकी राहुल गांधी वकालत कर रहे हैं और इससे मुझे बहुत खुशी होती है.'
पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी का एजेंडा विविधता का जश्न मनाना है. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी का एजेंडा अलग है जो उस चीज पर अधिक केंद्रित है जिसे हम लंबे समय से संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ठीक से संबोधित नहीं कर पाए हैं और वह है समावेश, विविधता का जश्न.' पित्रोदा ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र इतना सरल नहीं है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.
उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र इतना सरल नहीं है. लोकतंत्र के लिए हमारे जैसे बड़ी संख्या में लोगों के काम की आवश्यकता होती है. हम इसे हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र का अपहरण करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.'
हमने इसे कई देशों में देखा है. स्वतंत्रता के समय, स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर बहुत जोश था और गांधी, नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वे किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'हर कोई समझता है कि स्वतंत्रता का क्या मतलब है और स्वतंत्र भारत क्या अवसर पैदा करेगा. मैं चाहता हूं कि आप इंडियन ओवरसीज कांग्रेस में शामिल हों, हमारी गतिविधियों की गुणवत्ता, हमारे सदस्यों की संख्या में सुधार करें और अधिक विविध लोगों को इसमें शामिल करें.'
पित्रोदा ने कहा, 'जब राहुल गांधी पिछली बार न्यूयॉर्क में एक प्रमुख बैठक के लिए हमसे मिलने आए थे, तो उनसे डलास आने की मांग की गई थी और उन्होंने वादा किया था कि अपनी अगली यात्रा के दौरान मैं डलास आऊंगा और वह अपना वादा निभा रहे हैं.'
वह अपनी बात पर खरे उतरते हैं और मुझे खुशी है कि अपने व्यस्त कार्यक्रम से वह तीन दिन की छुट्टी लेकर हमसे मिलने आए हैं. आईओसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा है जो वैश्विक पार्टी की सभी पहलों की देखभाल करती है.' हम 32 देशों में हैं और हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हमारी पार्टी क्या चाहती है, हम किसमें विश्वास करते हैं और सभी प्रकार की लोकतांत्रिक पहलों के लिए ताकतों को एकजुट करना है.