इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मंगलवार को घोषणा की कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे देश की चुनौतीपूर्ण हालात में मदद करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान कोई वेतन नहीं लेंगे. रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले 68 वर्षीय जरदारी की पार्टी पीपीपी ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति ने विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है.
राष्ट्रपति सचिवालय प्रेस विंग ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 'राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने की जरूरत को समझकर वेतन नहीं लेने का फैसला किया है.' पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रति माह 8,46,550 रुपये वेतन मिलता था, जो 2018 में संसद ने तय किया था. जरदारी पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने रविवार को इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सदर में आयोजित समारोह में दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के तौर शपथ ली थी. इसके अलावा जरदारी के पदचिन्हों पर चलते हुए, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी देश के सामने आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए वेतन नहीं लेने का फैसला किया है. नकवी ने एक्स पर लिखा कि वह चुनौतीपूर्ण समय में हर संभव तरीके से देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मोहम्मद इशाक डार ने पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री के रूप में संभाला कार्यभार
इसके अलावा वरिष्ठ राजनेता और अर्थशास्त्री इशाक डार ने मंगलवार को पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान की नवगठित नई सरकार भारत और अन्य पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों को सुधारने सहित घरेलू और बाहरी मोर्चों पर अनगिनत समस्याओं से पार पाने का प्रयास कर रही है.