इस्लामाबाद: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सोमवार को 2024 के चुनावों को रद्द करने की मांग वाली याचिका को वापस लेने से इनकार कर दिया. अदालत ने पुलिस को वादी अली खान को तीन सदस्यीय पीठ के सामने पेश करने का निर्देश दिया. एआरवाई न्यूज ने यह रिपोर्ट दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीजेपी जस्टिस काजी फैज ईसा की अध्यक्षता में जस्टिस मुहम्मद अली मजहर और मुसर्रत हिलाली के साथ अली खान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिका का उद्देश्य 8 फरवरी के आम चुनावों को रद्द घोषित करना है. सुनवाई की शुरुआत में वादी के वकील ने मुवक्किल से याचिका वापस लेने की इच्छा व्यक्त की.
एसएचओ को याचिकाकर्ता को पेश करने का आदेश: एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जवाब में न्यायमूर्ति ईसा ने टिप्पणी की, 'सुप्रीम कोर्ट में इस तरह का मजाक नहीं हो सकता. याचिकाकर्ता को कहीं से भी लाओ और अदालत के सामने पेश करो. सीजेपी काजी फैज ईसा ने विशेष रूप से रूप से वादी के अधिकार क्षेत्र के एसएचओ (SHO) को अली खान को अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया. याचिका पर अगली सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है साथ ही रक्षा मंत्रालय के माध्यम से वादी को एक नोटिस जारी किया गया है.
एक निजी याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका में चुनावी अखंडता और लोकतांत्रिक मानदंडों के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से 8 फरवरी के आम चुनावों को रद्द करने का आग्रह किया गया है. याचिकाकर्ता ने अदालत से चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए न्यायपालिका की सीधी निगरानी में 30 दिनों के भीतर नए चुनाव कराने का आदेश देने की अपील की.
याचिका वापसी की मांग गंभीरता को रेखांकित करता है: एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका को वापस लेने की मांग याचिकाकर्ता की चिंताओं की गंभीरता को रेखांकित करता है. चुनावी प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की आगे की जांच के लिए मंच तैयार करता है. इस बीच पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने रविवार को खुलासा किया कि उन्होंने सत्ता-साझाकरण फॉर्मूले को खारिज कर दिया है.
इसमें प्रधानमंत्री का कार्यालय दो दलों के बीच साझा किया जाएगा और घोषणा की गई कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति पद के लिए पीपीपी के उम्मीदवार होंगे. पीपीपी अध्यक्ष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पीएमएल-एन नेता इशाक डार ने कहा कि पीपीपी और एमक्यूएम-पी के साथ सरकार बनाने की योजना 'अभी भी जारी है' क्योंकि उन्होंने बताया कि उनके पास कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है.