काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने बुधवार को संसद में विश्वास मत जीत लिया. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) के नेता प्रचंड(69) ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 157 मत हासिल किए. सीपीएन (माओवादी केंद्र) प्रतिनिधि सभा में तीसरा सबसे बड़ा दल है.
माओवादी नेता द्वारा नेपाली कांग्रेस को छोड़ने और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ एक नया गठबंधन बनाने के कुछ दिनों बाद प्रचंड ने यह विश्वास मत हासिल किया है. यह तीसरा मौका है जब दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद प्रचंड ने सदन में विश्वास मत हासिल किया है. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, किसी सहयोगी दल के सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है.
बता दें कि प्रतिनिधि सभा में तीसरे सबसे बड़े दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के नेता प्रचंड ने रविवार को इस संबंध में संसदीय सचिवालय को एक पत्र भेजा था. नई सरकार को विश्वास मत साबित करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 वोटों की जरूरत थी. दिसंबर 2022 में पद संभालने के बाद से 69 वर्षीय प्रचंड बुधवार को तीसरी बार विश्वास मत हासिल किया. प्रतिनिधि सभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल के पास 76 सीटें हैं, जबकि तीसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के पास 32 सीटें हैं। इसी तरह, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के पास क्रमशः 20, 12 और 10 सीटें हैं.
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