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नेपाल में बाढ़, भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हुई, राहत-बचाव अभियान जारी - floods landslides in Nepal - FLOODS LANDSLIDES IN NEPAL

Nepal landslides floods Death toll rises: नेपाल में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 170 हो गई. इस बीच राहत बचाव अभियान जारी है. हालात को देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

floods landslides in Nepal
नेपाल में भूस्खलन, बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हुई (AP)
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By ANI

Published : Sep 30, 2024, 9:15 AM IST

काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश, विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के चलते हिमालयी राष्ट्र में मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है. पूरे देश में राहत- बचाव अभियान जारी है. इन आपदाओं से कई इलाकों में भयावह मंजर सामने आए हैं. भारी बारिश के चलते बाढ़ से कई इलाके जलमग्न हैं. भूस्खलन से उखड़े गए, कई सड़कों पर मलबों का ढेर लगा है.

राहत बचाव अभियान को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियां ​​- नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल, नेपाल पुलिस मिलकर काम कर रही हैं. त्रिभुवन राजमार्ग पर पड़ने वाला 6.8 किलोमीटर लंबा सड़क खंड भूस्खलन के कारण बंद पड़ा है. हजारों वाहन राजमार्ग पर फंसे हुए हैं. भूस्खलन के चलते पहाड़ी से नीचे आए मलबे की चपेट में आने से कई वाहन मलबे में दब गए. राहत बचाव अभियान जारी है.

नेपाल में बाढ़ का भयावह नजारा
नेपाल में बाढ़ का भयावह नजारा (AP)

मलबे से शवों को निकाला जा रहा है. मलबे में कई बसों के दबे होने की आशंका है. अस्पतालों में घायलों की भीड़ है. शवों का पोस्टमार्टम के लिए राजधानी काठमांडू ले जाया जा रहा है और परिवारों को सौंप दिया जा रहा है. काठमांडू और धाडिंग पुलिस की एक संयुक्त टीम मलबे से शवों की खोज और खुदाई कर रही है. राहत बचाव अभियान में जुटे लोग आपदा स्थलों पर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

शनिवार शाम को बारिश कम होने के बाद बचावकर्मियों ने एलयू 1 केएचए 4578 रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक वाहन से 14 शव बरामद किए. बताया जाता है कि वाहन बुटवाल से काठमांडू जा रहा था. रविवार को दो अतिरिक्त वाहनों से आपदा स्थल से 21 और शव बरामद किए गए. सुरक्षाकर्मियों ने चितवन से रवाना हुई एक मिनी बस से 16 शव तथा गोरखा जिले से रवाना हुई एक बस से 5 शव बरामद किए.

शनिवार सुबह से ही नेपाल के प्रमुख राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही. दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से नौ का घर नेपाल में इस साल पहले से ही औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान है. इससे 1.8 मिलियन लोग प्रभावित हुए. राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) ने भी अनुमान लगाया है कि मानसून से जुड़ी आपदाओं से 412 हजार घर प्रभावित हुए हैं. हिमालयी राष्ट्र में इस साल मानसून का प्रभाव अक्टूबर तक देखने के मिलेगा.

ये भी पढ़ें- नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 148 हुई

काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश, विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के चलते हिमालयी राष्ट्र में मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है. पूरे देश में राहत- बचाव अभियान जारी है. इन आपदाओं से कई इलाकों में भयावह मंजर सामने आए हैं. भारी बारिश के चलते बाढ़ से कई इलाके जलमग्न हैं. भूस्खलन से उखड़े गए, कई सड़कों पर मलबों का ढेर लगा है.

राहत बचाव अभियान को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियां ​​- नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल, नेपाल पुलिस मिलकर काम कर रही हैं. त्रिभुवन राजमार्ग पर पड़ने वाला 6.8 किलोमीटर लंबा सड़क खंड भूस्खलन के कारण बंद पड़ा है. हजारों वाहन राजमार्ग पर फंसे हुए हैं. भूस्खलन के चलते पहाड़ी से नीचे आए मलबे की चपेट में आने से कई वाहन मलबे में दब गए. राहत बचाव अभियान जारी है.

नेपाल में बाढ़ का भयावह नजारा
नेपाल में बाढ़ का भयावह नजारा (AP)

मलबे से शवों को निकाला जा रहा है. मलबे में कई बसों के दबे होने की आशंका है. अस्पतालों में घायलों की भीड़ है. शवों का पोस्टमार्टम के लिए राजधानी काठमांडू ले जाया जा रहा है और परिवारों को सौंप दिया जा रहा है. काठमांडू और धाडिंग पुलिस की एक संयुक्त टीम मलबे से शवों की खोज और खुदाई कर रही है. राहत बचाव अभियान में जुटे लोग आपदा स्थलों पर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

शनिवार शाम को बारिश कम होने के बाद बचावकर्मियों ने एलयू 1 केएचए 4578 रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक वाहन से 14 शव बरामद किए. बताया जाता है कि वाहन बुटवाल से काठमांडू जा रहा था. रविवार को दो अतिरिक्त वाहनों से आपदा स्थल से 21 और शव बरामद किए गए. सुरक्षाकर्मियों ने चितवन से रवाना हुई एक मिनी बस से 16 शव तथा गोरखा जिले से रवाना हुई एक बस से 5 शव बरामद किए.

शनिवार सुबह से ही नेपाल के प्रमुख राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही. दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से नौ का घर नेपाल में इस साल पहले से ही औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान है. इससे 1.8 मिलियन लोग प्रभावित हुए. राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) ने भी अनुमान लगाया है कि मानसून से जुड़ी आपदाओं से 412 हजार घर प्रभावित हुए हैं. हिमालयी राष्ट्र में इस साल मानसून का प्रभाव अक्टूबर तक देखने के मिलेगा.

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