नई दिल्ली : शांतिप्रिय देशों की सूची में भारत को निचले पायदान पर रखा गया है. इस सूची में पहले नंबर पर आइसलैंड है. रैंकिंग ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा जारी की गई है.
भारत के शांतिप्रिय देश होने के बावजूद, वैश्विक शांति सूचकांक में उसे नीचे रखा गया है. ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक शांति सूचकांक में भारत की रैंकिंग 163 देशों के बीच 141 पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, आइसलैंड सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है, जबकि अफगानिस्तान सबसे कम शांतिपूर्ण देश है. IEP तीन विषयगत डोमेन के आधार पर देशों को उनकी शांति के स्तर के अनुसार रैंक करता है - सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षा का स्तर, चल रहे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष की सीमा और सैन्यीकरण की डिग्री शामिल है.
दुनिया के टॉप 10 सबसे शांति वाले देश
- आइसलैंड
- डेनमार्क
- आयरलैंड
- न्यूजीलैंड
- ऑस्ट्रिया
- सिंगापुर
- पुर्तगाल
- स्लोवेनिया
- जापान
- स्विट्जरलैंड
अफगानिस्तान अब दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण
दक्षिण एशियाई देशों में, भूटान 15वें स्थान के साथ सूचकांक में शीर्ष पर है, उसके बाद श्रीलंका 72 वें, नेपाल 76 वें और बांग्लादेश 101 वें स्थान पर है. आतंक से ग्रस्त पाकिस्तान को सूचकांक में 153 वां स्थान दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, आइसलैंड दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश बना हुआ है, यह स्थिति 2008 से कायम है. अफगानिस्तान अब दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश है, उसने सीरिया की जगह ले ली है, जो अब दूसरा सबसे कम शांतिपूर्ण देश है. शेष पांच सबसे कम शांतिपूर्ण देशों में दक्षिण सूडान, यमन और इराक शामिल हैं.
जलवायु खतरों के वजह से भारत को मिला ये रैंक
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत, फिलीपींस, जापान, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और पाकिस्तान ऐसे नौ देश हैं जहां कई जलवायु खतरों का खतरा सबसे अधिक है. इसमें कहा गया है कि भारत, अमेरिका, चीन, सऊदी अरब और रूस सबसे बड़े कुल सैन्य खर्च वाले शीर्ष पांच देश हैं. रिपोर्ट के अनुसार, चल रहे संघर्ष में प्रत्येक इंडिकेटर के लिए दक्षिण एशिया का स्कोर वैश्विक औसत से कम शांतिपूर्ण है, पिछले साल छह में से चार की स्थिति खराब हुई है.
पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान में केवल आंतरिक संघर्ष से होने वाली मौतों में सुधार हुआ है और पिछले वर्ष की तुलना में कम मौतें हुई हैं. जबकि सूचकांक के निष्कर्षों के अनुसार, वैश्विक शांति में पांच वर्षों में पहली बार सुधार हुआ है, दुनिया एक दशक पहले की तुलना में कम शांतिपूर्ण बनी हुई है.
इस वर्ष की रिपोर्ट में शांति पर जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभावों पर नया शोध शामिल है. रिपोर्ट से पता चला कि 2008 के बाद से वैश्विक शांति में 3.78 प्रतिशत की गिरावट आई है.
किसी देश की शांति को कैसे मापा जाता है?
किसी देश की शांति को 23 इंडिकेटर के समग्र इंडेक्स द्वारा मापा जाता है, प्रत्येक को 1 से 5 के पैमाने पर रेट किया जाता है. स्कोर जितना कम होगा, देश के भीतर शांति उतनी ही अधिक होगी. इसके अलावा, GPI तीन प्रमुख डोमेन के आधार पर राष्ट्रों का मूल्यांकन करता है, जिसमें सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा, चल रहे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष और सैन्यकरण शामिल है.