मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में यहूदियों के प्रार्थना स्थल में आगजनी के बाद श्रद्धालुओं को वहां से भागने पर मजबूर होना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार शुक्रवार सुबह अग्निशमन कर्मियों को मेलबर्न के एडास इजराइल (Adass Israel) प्रार्थना स्थल में आग लगने की सूचना मिली थी, लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे तो इमारत पूरी तरह जल चुकी थी.
यहूदी समुदाय के लोगों से हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सुबह की प्रार्थना के समय यह घटना हुई. आगजनी में एक व्यक्ति घायल हो गया, जबकि इमारत को काफी नुकसान हुआ.
मेलबर्न पुलिस का मानना है कि आग जानबूझकर लगाई गई थी. फिलहाल पुलिस इसके पीछे के उद्देश्य की जांच कर रही है. पुलिस ने शनिवार को कहा कि वह पूजा स्थाल में आगजनी करने वाले दो संदिग्धों की तलाश कर रही है, जिन पर जानबूझकर इस घटना को अंजाम देने का संदेह है.
The burning of the Adass Israel synagogue in Melbourne is an abhorrent act of antisemitism. I expect the state authorities to use their full weight to prevent such antisemitic acts in the future.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) December 6, 2024
Unfortunately, it is impossible to separate this reprehensible act from the extreme…
नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की आलोचना की
वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे नफरती घटना करार दिया और इसकी निंदा की. उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइल के कब्जे को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को ऑस्ट्रेलियाई सरकार का समर्थन मेलबर्न में यहूदी प्रार्थना स्थल में आगजनी हमले के लिए जिम्मेदार है.
इजराइली पीएम नेतन्याहू ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के चरम इजराइल विरोधी रुख से आगजनी की घटना को अलग नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "मेलबर्न में एडास इजराइल सिनेगॉग (यहूदी प्रार्थना स्थल) को जलाना यहूदी विरोधी भावना का घृणित कार्य है."
नेतन्याहू के बयान पर ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया
नेतन्याहू की आलोचना के बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यहूदी-विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के अपने रिकॉर्ड का बचाव किया. ऑस्ट्रेलिया के रोजगार और कार्यस्थल संबंधों के मंत्री मर्रे वाट (Murray Watt) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यहूदी-विरोधी गतिविधियों के खिलाफ खड़े होने और देश से इसे खत्म करने के लिए कई तरह के कड़े कदम उठाए हैं.
वाट ने कहा, मई 2022 में पदभार संभालने के बाद से, सरकार ने यहूदी संगठनों को स्कूलों सहित यहूदी पूजा स्थलों पर सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के लिए 25 मिलियन डॉलर दिए हैं, नाजी सैल्यूट (Nazi salute) पर प्रतिबंध लगाया है और नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. ब्रिस्बेन में मीडिया से बात करते हुए वाट ने कहा कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से असहमत हैं.
इससे पहली ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने शुक्रवार को हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न के दक्षिण-पूर्व में रिप्पोनली में संदिग्ध नकाबपोश घुसपैठियों ने कथित तौर पर एडास इजराइल इमारत में घुसकर आग लगा दी थी. इसके कारण तीन इमारतों में से दो नष्ट हो गई हैं. घटना के समय सुबह की प्रार्थना की तैयारी कर रहे दो लोग अंदर थे, उन्हें बाहर निकाला गया था. जिनमें से एक को मामूली चोटें आईं.
पुलिसा का आतंकवादी हमले की संभावना से इनकार
मेलबर्न पुलिस ने आतंकवाद के कारण हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है. पुलिस का मानना है कि यह लक्षित हमला था. पुलिस ने कहा कि संदिग्धों ने प्रार्थना स्थल के अंदर फर्श पर एक्सीलेंट डाला और आग लगा दी, लेकिन जब एक श्रद्धालु ने विरोध किया तो वे भाग गए.
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