तेहरान: पूर्व रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर मोहम्मद बाकर कालिबफ फिर से ईरानी संसद के स्पीकर चुन लिए गए. ईरानी मीडिया के मुताबिक तेहरान में नई ईरानी संसद के विधायकों ने बाकर कालिबफ को संसद के अध्यक्ष के तौर पर चुना. ईरान में संसद के अध्यक्ष पद के लिए हुई वोटिंग के मुताबिक कालिबफ को 287 में 198 वोट मिले. संसद के अध्यक्ष पद की रेस में मोजतबा जोलनौरी और मनौचेहर मोट्टाकी और अन्य शामिल थे. जोलनौरी को 60 और मोट्टाकी को केवल पांच वोट ही मिले.
सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सांसदों ने मंगलवार को पूर्व रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर मोहम्मद बाकर कालिबफ को फिर से संसद के स्पीकर के रूप में चुना, जिससे यह अटकलें खत्म हो गईं कि वह अगले महीने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं. कालिबफ ने 2020 में संसद के लिए दौड़कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को फिर से किया. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मृत्यु के बाद 28 जून को प्रारंभिक राष्ट्रपति चुनाव निर्धारित है.
देश का 14वां राष्ट्रपति चुनाव 28 जून को होगा. अंदरूनी सूत्रों और ईरानी राज्य मीडिया के मुताबिक कालिबफ को राष्ट्रपति पद की दौड़ में संभावित उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया था. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के बाद राष्ट्रपति की सीट खाली हो गई है। इस बीच ईरान की सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान कर दिया है। देश का 14वां राष्ट्रपति चुनाव 28 जून को होगा. रिपोर्ट के अनुसार, न्यायपालिका, सरकार और संसद के प्रमुखों की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख तय की गई है. बता दें कि, प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है.
बता दें कि, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर रविवार को ईरान के उत्तर पश्चिम प्रांत ईस्ट अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हो गया था. हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत टीम के सदस्यों की मौत की पुष्टि हुई थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के संविधान का अनुच्छेद 131 कहता है कि अगर पद पर रहते हुए किसी ईरानी राष्ट्रपति की मौत होती है तो सबसे पहले शासन चलाने के लिए उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पद संभालना पड़ता है। उपराष्ट्रपति के पास मात्र 50 दिन तक ही सत्ता संभालने का अधिकार रहता है। इसी 50 दिन के भीतर ईरान के लिए नए राष्ट्रपति का चुनाव कराना होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यक्रम के आधार पर पंजीकरण 30 मई से 3 जून तक किया जाएगा. इसके बाद उम्मीदवारों को 12 से 27 जून तक चुनाव प्रचार कर सकते हैं. आईआरएनए के अनुसार, संवैधानिक परिषद ने प्रारंभिक रूप से कार्यक्रम पर सहमति दे दी है.
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