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वीजा जारी करने में देरी को लेकर ढाका में प्रदर्शन, भारत ने बंद किया IVAC - Dhaka

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2024, 4:15 PM IST

Indian Visa Centres: भारतीय वीजा आवेदन केंद्र पर आवेदकों के हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में IVAC बंद कर दिया गया है. IVAC ने हाल ही में देश में बड़े पैमाने पर हुईं हिंसक झड़पों के बाद फिर से ढाका में सीमित संचालन शुरू किया था.

वीजा प्रोसेसिंग में देरी को लेकर लोगों ने किया था प्रदर्शन
वीजा प्रोसेसिंग में देरी को लेकर लोगों ने किया था प्रदर्शन (सांकेतिक तस्वीर (AFP))

ढाका: बांग्लादेश के ढाका में भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (IVAC) मंगलवार को बंद रहे. यहां सोमवार को सैकड़ों आवेदकों ने वीजा प्राप्त करने में कथित देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों का आरोप है कि अधिकारी वीजा के लिए आवेदन में देरी कर रहे थे, जिसके चलते उन्होंने हंगामा कर दिया.

आईवीएसी ने एक बयान में कहा, "सीमित परिचालन के कारण वीजा प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है. इसलिए, हम अभी पासपोर्ट वापस कर रहे हैं, और परिचालन फिर से शुरू होने पर उन्हें रीप्रोसेस किया जाएगा. आवेदकों को अपने पासपोर्ट फिर से जमा करने के लिए एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा."

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो
इससे पहले सोशल मीडिया पर सर्कूलेट कई वीडियो में गुस्साए आवेदकों को वीजा मिलने में देरी और कथित उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाते और व्यवधान पैदा करते हुए देखा गया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि महीनों तक इंतजार करने के बाद भी उन्हें वीजा नहीं मिला.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस अव्यवस्था ने न केवल भारतीय वीजा केंद्र के संचालन को प्रभावित किया, बल्कि अन्य देशों के वीजा प्रोसेस पर भी इसका असर पड़ा है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश के लोग मुख्य रूप से चिकित्सा और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भारत आना पसंद करते हैं. भारत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ती कीमत पर स्पेशलाइज ट्रीटमेंट, सर्जरी और हेल्थ केयर सर्विस प्रदान करता है. इसके अलावा भारत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले बांग्लादेशी छात्रों के लिए भी एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है.

हिंसा के बाद शुरू हुआ था काम
ढाका में IVAC ने हाल ही में देश में बड़े पैमाने पर हुईं हिंसक झड़पों के बाद फिर से सीमित संचालन शुरू किया था. इन झड़पों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा. इतना ही नहीं 76 साल की हसीना ने विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली पर देशव्यापी गुस्से के बाद पीए पद से इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं.

IVAC ने 13 अगस्त को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, "आईवीएसी (JFP) ढाका ने सीमित परिचालन फिर से शुरू कर दिया है. पासपोर्ट के कलेक्शन के संबंध में आवेदकों को मैसेज भेजे जाएंगे." आईवीएसी वीजा आवेदकों से अनुरोध किया कि वे अपना पासपोर्ट लेने के लिए केवल टेक्स्ट मैसेज मिलने के बाद ही केंद्र पर आएं.

यह भी पढ़ें- भारतीय राजदूत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मुहम्मद युनुस से की मुलाकात, दोहराई प्रतिबद्धता

ढाका: बांग्लादेश के ढाका में भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (IVAC) मंगलवार को बंद रहे. यहां सोमवार को सैकड़ों आवेदकों ने वीजा प्राप्त करने में कथित देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों का आरोप है कि अधिकारी वीजा के लिए आवेदन में देरी कर रहे थे, जिसके चलते उन्होंने हंगामा कर दिया.

आईवीएसी ने एक बयान में कहा, "सीमित परिचालन के कारण वीजा प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है. इसलिए, हम अभी पासपोर्ट वापस कर रहे हैं, और परिचालन फिर से शुरू होने पर उन्हें रीप्रोसेस किया जाएगा. आवेदकों को अपने पासपोर्ट फिर से जमा करने के लिए एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा."

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो
इससे पहले सोशल मीडिया पर सर्कूलेट कई वीडियो में गुस्साए आवेदकों को वीजा मिलने में देरी और कथित उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाते और व्यवधान पैदा करते हुए देखा गया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि महीनों तक इंतजार करने के बाद भी उन्हें वीजा नहीं मिला.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस अव्यवस्था ने न केवल भारतीय वीजा केंद्र के संचालन को प्रभावित किया, बल्कि अन्य देशों के वीजा प्रोसेस पर भी इसका असर पड़ा है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश के लोग मुख्य रूप से चिकित्सा और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भारत आना पसंद करते हैं. भारत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ती कीमत पर स्पेशलाइज ट्रीटमेंट, सर्जरी और हेल्थ केयर सर्विस प्रदान करता है. इसके अलावा भारत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले बांग्लादेशी छात्रों के लिए भी एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है.

हिंसा के बाद शुरू हुआ था काम
ढाका में IVAC ने हाल ही में देश में बड़े पैमाने पर हुईं हिंसक झड़पों के बाद फिर से सीमित संचालन शुरू किया था. इन झड़पों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा. इतना ही नहीं 76 साल की हसीना ने विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली पर देशव्यापी गुस्से के बाद पीए पद से इस्तीफा दे दिया और भारत भाग गईं.

IVAC ने 13 अगस्त को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, "आईवीएसी (JFP) ढाका ने सीमित परिचालन फिर से शुरू कर दिया है. पासपोर्ट के कलेक्शन के संबंध में आवेदकों को मैसेज भेजे जाएंगे." आईवीएसी वीजा आवेदकों से अनुरोध किया कि वे अपना पासपोर्ट लेने के लिए केवल टेक्स्ट मैसेज मिलने के बाद ही केंद्र पर आएं.

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