वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका इस साल देश में 'हिंदुओं को निशाना बनाने वाले घृणा अपराधों' और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने अमेरिका के न्याय विभाग और एफबीआई से इस मामले पर विस्तृत जानकारी मांगी है.
कानूनविदों राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और अमी बेरा ने न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के क्रिस्टन क्लार्क को पत्र लिखा है. इसमें लिखा है, 'न्यूयॉर्क से कैलिफोर्निया तक मंदिरों पर हमलों ने हिंदू अमेरिकियों के बीच सामूहिक चिंता को बढ़ाने में योगदान दिया है'.
इन प्रभावित समुदायों के नेताओं ने व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से संदिग्धों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है. इससे कई लोग डर और भय में जी रहे हैं. हमारे समुदाय इन पूर्वाग्रह-प्रेरित अपराधों के संबंध में कानून प्रवर्तन समन्वय के बारे में चिंतित रहते हैं. वे आश्चर्यचकित रह जाते हैं कि क्या कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित संघीय निरीक्षण है'.
वर्तमान प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं. यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक है जब सभी पांचों किसी मुद्दे पर एक साथ आए हैं. पत्र में कहा गया है, 'घटनाओं की संख्या और घटनाओं के समय की निकटता संबंधों, साथ ही उनके पीछे की मंशा के बारे में परेशान करने वाले सवाल खड़े करती है'.
सांसदों ने लिखा, 'किसी ऐसे समुदाय के भीतर डर पैदा करने के लिए नफरत के अपेक्षाकृत कम समन्वित कृत्यों की आवश्यकता होती है. इसे अक्सर हाशिए पर या उपेक्षित किया गया है. हमें अमेरिका में सभी धार्मिक, जातीय, नस्लीय और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. इसलिए हम अनुरोध करते हैं कि आप हमें यह बताएं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदुओं को निशाना बनाने वाले घृणा अपराधों के संबंध में विशेष रूप से विभाग की रणनीति क्या है'.
सांसदोें ने कहा कि हिंदू मंदिरों सहित देश भर के पूजा घरों में बर्बरता की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी है. भारतीय-अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधियों ने स्थानीय एजेंसियों, संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और नागरिक अधिकार प्रभाग के बीच मौजूदा कानून प्रवर्तन समन्वय को इन अपराधों से संबंधित जांच की स्थिति पर एक ब्रीफिंग का अनुरोध किया.
उन्होंने 29 मार्च को लिखे पत्र लिखा था, जो 1 अप्रैल को मीडिया को जारी किया गया था. इसमें लिखा था, 'स्थिति की तात्कालिकता को देखते हुए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हमें गुरुवार, 18 अप्रैल से पहले एक ब्रीफिंग प्रदान करें'. इस कदम का भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने स्वागत किया है.
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) में नीति और रणनीति के प्रमुख खंडेराव कांड ने कहा, '2024 की पहली तिमाही में, हमने अमेरिका में मंदिरों में बर्बरता के साथ-साथ चोरी में अचानक वृद्धि देखी. स्थानीय अधिकारियों की पृष्ठभूमि के खिलाफ अक्सर मामलों की जांच करने और दोषियों को पकड़ने में विफल रहने पर, हम भारतीय-अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को यह पूछने के लिए धन्यवाद देते हैं. एफबीआई और डीओजे जांच करेंगे'.