नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को सीरिया के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी किया है. इसमें भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक सीरिया की यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी गई है. ये चेतावनी सीरिया में बिगड़ते हालात के मद्देनजर दी गई है.
जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि वर्तमान हालात में वहां की यात्रा काफी जोखिम भरा है. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'सीरिया में व्याप्त स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगली अधिसूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.'
Ministry of External Affairs releases a travel advisory for Syria, advises citizens to avoid all travel to Syria until further notification. Those who can, are advised to leave at the earliest.
— ANI (@ANI) December 6, 2024
MEA also issued emergency helpline number +963993385973 and email id… pic.twitter.com/IotHlx7oqe
सीरिया में रह रहे भारतीय नागरिकों से कहा गया है कि वे भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें. दूतावास के इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in पर भी संपर्क में रह सकते हैं.
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि जिन्हें संभव हो वे जल्द से जल्द उपलब्ध कमर्शियल उड़ानों से सीरिया छोड़ सकते हैं. अन्य लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में पूरी सावधानी बरतें.
अपनी आवाजाही को कम से कम रखें. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने सीरिया में बढ़ती हिंसा पर संज्ञान लिया है और वहां भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सीरिया में करीब 90 भारतीय नागरिक हैं. इनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'हमने उत्तरी सीरिया में हाल ही में बढ़े संघर्ष पर ध्यान दिया है. मंत्रालय हालात पर नजर बनाए हुए है. वहां करीब 90 भारतीय नागरिक हैं जो अलग अलग क्षेत्रों में कार्यरत हैं. इनमें से 14 संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम करते हैं.
जयसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, 'हमारा मिशन अपने नागरिकों की सुरक्षा और उनके साथ निकट संपर्क में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीरियाई विद्रोहियों द्वारा किए गए हिंसक हमले ने गृह युद्ध को फिर से जगा दिया है जो कई वर्षों से काफी हद तक शांत था.
उल्लेखनीय रूप से 2020 के बाद से अग्रिम मोर्चे पर स्थिति काफी हद तक अपरिवर्तित बनी हुई है, तथा विद्रोही समूह मुख्य रूप से इदलिब प्रांत के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित हैं.
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि सैकड़ों लोग सीरिया के मध्य शहर होम्स से शुक्रवार तक पलायन कर गए क्योंकि शासन-विरोधी विद्रोही राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं. गुरुवार को उत्तर में हमा शहर पर कब्जा करने के बाद विद्रोहियों ने अपनी नजर होम्स शहर पर टिका दी है.
इस पर यदि कब्जा कर लिया गया तो राष्ट्रपति बशर अल-असद के नियंत्रण वाले क्षेत्र दो भागों में बंट जाएंगे. सीरिया में हालात 2011 में बिगड़े थे. ये उस समय हुआ जब असद ने अरब स्प्रिंग के दौरान शांतिपूर्ण लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की थी. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार एक दशक से अधिक समय तक चले युद्ध में तीन लाख से अधिक लोग मारे गए. साथ ही लाखों लोग विस्थापित हो गए.