न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा पट्टी में तत्काल और पूर्ण युद्धविराम की अपनी मांग दोहराई है. साथ ही बिना किसी शर्त के बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बुधवार को मध्य पूर्व पर खुली बहस हुई. इसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप प्रतिनिधि आर रविन्द्र ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न रूपों में फिलिस्तीन को भारत की ओर से कई गई सहायता का उल्लेख किया.
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— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) July 17, 2024
Ambassador R. Ravindra, Chargé d'Affaires & DPR, delivered India's statement at the UNSC Open Debate on the Middle East today. pic.twitter.com/PTat4Z0PfB
रविन्द्र ने कहा कि फिलिस्तीन को भारत की विकास सहायता लगभग 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब है. भारत उन देशों में शामिल था, जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा की थी. उन्होंने कहा, 'हमने इजराइल-हमास संघर्ष में नागरिकों की जान जाने की भी निंदा की है. हमने संयम बरतने, तनाव कम करने का आह्वान किया है और बातचीत तथा कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है.'
उन्होंने सभी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आग्रह किया. इसके साथ गाजा पट्टी में तत्काल, पूर्ण और संपूर्ण युद्धविराम, सुरक्षित, समय पर और निरंतर मानवीय सहायता और राहत और आवश्यक मानवीय सेवाओं तक अप्रतिबंधित पहुंच का आह्वान दोहराया. राजदूत आर रविंद्र ने कहा, 'इसके अलावा, हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का भी आह्वान करते हैं.'
उन्होंने इजराइल और फिलिस्तीन के नेतृत्व के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए कतर और मिस्र जैसे देशों की भूमिका की भी सराहना की. उन्होंने कहा, 'हमने सभी प्रासंगिक बहुपक्षीय मंचों पर अपनी स्थिति को लगातार दोहराया है. भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खड़ा है. हमारा दीर्घकालिक दृष्टिकोण यह रहा है कि हम दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें मान्यता प्राप्त और पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की स्थापना शामिल है. साथ ही फिलिस्तीन इजराइल के साथ शांतिपूर्वक रह सके. राजदूत ने कहा, 'इजराइल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, पिछले महीने जॉर्डन में आयोजित गाजा के लिए तत्काल मानवीय प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय उच्च स्तरीय सम्मेलन में भारत का वरिष्ठ स्तर पर प्रतिनिधित्व किया गया था.