इस्लामाबाद: पाकिस्तान को बड़ी ऋण-भुगतान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और नकदी संकट से जूझ रहे देश की वैश्विक ऋणदाता को चुकाने की क्षमता पर गंभीर संदेह व्यक्त किया गया है. यह बात शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में आईएमएफ के हवाले से कही गई.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में वाशिंगटन स्थित बैंक का आकलन तब आया, जब इस्लामाबाद द्वारा विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) के तहत नए बेलआउट पैकेज का अनुरोध करने के बाद आईएमएफ सहायता टीम यहां अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए शुक्रवार को देश पहुंची.
जियो न्यूज ने पाकिस्तान पर इस महीने की शुरुआत में जारी अपनी स्टाफ रिपोर्ट में वाशिंगटन स्थित ऋणदाता के हवाले से कहा कि फंड चुकाने की पाकिस्तान की क्षमता महत्वपूर्ण जोखिमों के अधीन है और नीति कार्यान्वयन और समय पर बाहरी वित्तपोषण पर गंभीर रूप से निर्भर है.
रिपोर्ट में कहा गया कि 'सुधारों को देरी से अपनाने से असाधारण रूप से उच्च जोखिम, उच्च सार्वजनिक ऋण और सकल वित्तपोषण आवश्यकताएं, कम सकल भंडार और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) की शुद्ध एफएक्स व्युत्पन्न स्थिति, प्रवाह में गिरावट और सामाजिक-राजनीतिक कारक नीति कार्यान्वयन को खतरे में डाल सकते हैं और पुनर्भुगतान क्षमता और ऋण स्थिरता को नष्ट कर सकते हैं.'
इसमें आगे कहा गया कि पाकिस्तान की फंड चुकाने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए बाहरी व्यवहार्यता बहाल करना महत्वपूर्ण है, और यह मजबूत नीति कार्यान्वयन पर निर्भर करता है, जिसमें बाहरी संपत्ति संचय और विनिमय दर लचीलापन शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है.
इसमें कहा गया है कि भू-राजनीतिक अस्थिरता जोखिम का एक अतिरिक्त स्रोत है, भले ही पिछली समीक्षा के बाद से वैश्विक वित्तीय स्थितियों को लेकर अनिश्चितता में कुछ हद तक गिरावट आई है. वैश्विक ऋणदाता ने कहा कि देश को अगले पांच वर्षों के दौरान 123 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल वित्तपोषण की आवश्यकता है.
साथ ही आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2025-26 में 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग करने की उम्मीद है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि संकटग्रस्त देश को 2026-27 में 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर, 2027-28 में 29 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2028-29 में 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उम्मीद है.
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वैश्विक ऋणदाता की एक सहायता टीम देश की वित्तीय टीम के साथ अगले दीर्घकालिक ऋण कार्यक्रम के पहले चरण पर चर्चा करेगी. सूत्रों ने कहा कि अग्रिम दल बातचीत के लिए पाकिस्तान पहुंच चुका है, जबकि आईएमएफ मिशन 16 मई को पहुंचेगा. टीम विभिन्न विभागों से डेटा प्राप्त करेगी और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वित्तीय वर्ष 2025 (FY2025) के आगामी बजट पर चर्चा करेगी.
सूत्रों ने यह भी बताया कि टीम 10 दिनों से अधिक समय तक पाकिस्तान में रहेगी. पाकिस्तान ने जलवायु वित्तपोषण के माध्यम से वृद्धि की संभावना के साथ ईईएफ के तहत तीन वर्षों के लिए 6 और 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अगले बेलआउट पैकेज की मांग की. आईएमएफ के एक बयान में पहले कहा गया था कि अब सुधारों में तेजी लाना कार्यक्रम के आकार से अधिक महत्वपूर्ण है, जो सुधार और भुगतान संतुलन आवश्यकताओं के पैकेज द्वारा निर्देशित होगा.
इस बीच, पाकिस्तान ने अपने बाहरी वित्तपोषण में 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारी अंतर को पूरा करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में चीन जैसे प्रमुख सहयोगियों से लगभग 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण लेने का फैसला किया है, क्योंकि संघीय सरकार का लक्ष्य आईएमएफ टीम के देश में अपेक्षित आगमन से पहले बजट लक्ष्य हासिल करना है.