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Dunki Route: अवैध प्रवास को रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे भारत-अमेरिका

विदेश मंत्रालय ने बताया कि मानव तस्करी और अवैध प्रवास को रोकने के लिए भारत और अमेरिका नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं.

How India and US are working to check the Dunki route
भारत-अमेरिका (IANS)
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By Aroonim Bhuyan

Published : Nov 3, 2024, 10:02 PM IST

नई दिल्ली: पिछले महीने अमेरिका से एक चार्टर्ड विमान से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने की घटना से 2023 में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म डंकी और नई दिल्ली तथा वॉशिंगटन द्वारा मानव तस्करी की समस्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर फिर से ध्यान केंद्रित हो गया है.

बीते 25 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा गया कि 22 अक्टूबर को, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के माध्यम से भारतीय नागरिकों को भारत भेजने के लिए एक बड़ी चार्टर उड़ान का संचालन किया, जो अमेरिका में रहने के लिए वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए.

बयान के अनुसार, इस कार्रवाई ने डीएचएस की अवैध प्रवास को कम करने और रोकने तथा मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के लिए भारत सरकार और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करने की निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया.

प्रेस विज्ञप्ति में डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की उप-सचिव क्रिस्टी ए कैनेगैलो के अंतर्गत काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना भारतीय नागरिकों को तुरंत वापस भेजा जा सकता है, और इच्छुक प्रवासियों को तस्करों के जाल में नहीं फंसना चाहिए, जो गलत जानकारी देते हैं. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग देश के कानूनों को लागू करना जारी रखेगा."

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि जून 2024 से, जब सीमा सुरक्षा राष्ट्रपति उद्घोषणा और साथ में अंतरिम अंतिम नियम लागू हुए, तब से अमेरिका की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर प्रवेश के बंदरगाहों के बीच घुसपैठ में 55 प्रतिशत की कमी आई है. जून 2024 से, डीएचएस ने 1,60,000 से अधिक लोगों को वापस लौटाया और भारत सहित 145 से अधिक देशों में 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ानें संचालित कीं.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान 22 अक्टूबर के घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि किस तरह भारत और अमेरिका भारतीयों द्वारा अमेरिका में अवैध प्रवास की समस्या को रोकने के लिए लगातार मिलकर काम कर रहे हैं.

जायसवाल ने कहा, "हम प्रवास और आवाजाही पर अमेरिका के साथ नियमित रूप से बातचीत करते हैं. इसका उद्देश्य कानूनी प्रवास के लिए और अधिक अवसर पैदा करना है. नियमित वाणिज्य दूतावास संवाद और व्यवस्था के हिस्से के रूप में, हमने उन लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं या अनियमित आवाजाही का हिस्सा हैं."

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पिछले कुछ समय से चल रही है. हमें उम्मीद है कि यह सहयोग और आवाजाही तथा प्रवास पर अमेरिका के साथ हमारा जुड़ाव अवैध प्रवास को रोकने में सक्षम होगा.

भारत से अमेरिका में अवैध प्रवास एक सतत चुनौती रही है, जिसके जटिल सामाजिक-आर्थिक कारण और जटिल रास्ते हैं, जिनका उपयोग लोग बिना अनुमति के सीमाओं को पार करने के लिए करते हैं. इस मुद्दे ने दोनों सरकारों के लिए बड़ी चिंताएं पैदा की हैं, न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा जोखिमों के कारण, बल्कि दोनों देशों के बीच आव्रजन प्रणालियों और राजनयिक संबंधों पर पड़ने वाले दबाव के कारण भी.

अवैध भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या भारत के ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों से आती है, जहां नौकरी के अवसर सीमित हैं और वेतन कम मिलता है. कई लोगों के लिए बेहतर नौकरी के अवसर और अमेरिका में अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाने का मौका आकर्षक हो सकता है.

मानव तस्करी करने वाले संगठन अक्सर ऐसे लोगों की हताशा का फायदा उठाते हैं, उन्हें उच्च कीमत पर अमेरिका में प्रवेश का वादा करते हैं. प्रवासियों को अक्सर असुरक्षित परिस्थितियों, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे खतरनाक रास्तों से अमेरिकी सीमा पार करने का प्रयास करते हैं. जैसा कि फिल्म डंकी में दिखाया गया है, खतरनाक भूमि मार्गों का उपयोग करके अवैध प्रवास लोगों के जीवन को खतरे में डालता है.

कई भारतीय प्रवासी लैटिन अमेरिकी देशों, विशेष रूप से मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने के लिए तस्करों या 'एजेंटों' को बड़ी रकम का भुगतान करते हैं. इस मार्ग में अक्सर भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उदार वीजा नीतियों वाले देशों की हवाई यात्रा शामिल होती है, जिसके बाद वे खतरनाक जमीनी यात्रा करते हैं.

यही कारण है कि भारत और अमेरिका इस अवैध प्रथा को रोकने के लिए नियमित रूप से बातचीत करते हैं. इस वर्ष फरवरी में, नई दिल्ली में आयोजित 11वें द्विपक्षीय कांसुलर संवाद के दौरान, भारत और अमेरिका ने प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवास तथा कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी.

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा था, "इस संवाद ने लोगों के बीच मजबूत संबंधों और आपसी हितों के कांसुलर मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया. दोनों पक्षों ने प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवास, कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और अपने-अपने नागरिकों की सुगम यात्रा को सक्षम करने जैसे कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की."

हालांकि 22 अक्टूबर की उड़ान में सवार अवैध भारतीय प्रवासियों की सही संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान डीएचएस की सहायक सचिव रॉयस बर्नस्टीन मर्रे (Royce Bernstein Murray) ने कहा कि बड़े चार्टर उड़ानों में आमतौर पर 100 से अधिक व्यक्ति सवार होते हैं जिन्हें वापस भेजा जाना होता है.

मर्रे ने यह भी कहा कि विमान पंजाब में उतरा, इसका लैंडिंग स्थल इस तरह निर्धारित किया गया था कि लोग अपने मूल स्थान के करीब हो सकें. उन्होंने कहा, "हालांकि, इसका मतलब यह है कि व्यक्ति पंजाब और आसपास के राज्यों से हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं. लेकिन हमारे पास उन स्थानों का सटीक विवरण नहीं है, जहां से वापस भेजे गए भारतीय नागरिक आए थे."

'डंकी' पंजाबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'गधा उड़ान', यह एक अवैध प्रवास तकनीक है, जिसका उपयोग अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवैध प्रवेश के लिए किया जाता है. जालसाज कंटेनर और जहाज जैसे तरीकों का उपयोग करके अवैध सीमा पार करने की सुविधा देकर प्रवासियों का शोषण करते हैं. एजेंट सीमा पर प्रवासियों को पकड़ते हैं, जिसके बाद उन्हें निर्वासित कर दिया जाता है.

मर्रे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में (जो सितंबर के अंत में समाप्त हुआ) अमेरिका ने 1,100 से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस भेजा. उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका से भारतीय नागरिकों के निष्कासन में लगातार वृद्धि का हिस्सा है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय नागरिकों के घुसपैठ में सामान्य वृद्धि हुई है.

हालांकि, भारत से अमेरिका में अवैध प्रवासन चुनौतीपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, फिर भी सुरक्षित, व्यवस्थित और विनियमित प्रवासन सुनिश्चित करने तथा अवैध माध्यमों से जुड़े जोखिम को कम से कम करने के प्रयास जारी हैं.

यह भी पढ़ें- Trump Vs Harris: दुनिया का सबसे चुनौतीपूर्ण मुकाबला, जानें क्या हैं अमेरिकी नागरिकों के चुनावी मुद्दे

नई दिल्ली: पिछले महीने अमेरिका से एक चार्टर्ड विमान से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने की घटना से 2023 में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म डंकी और नई दिल्ली तथा वॉशिंगटन द्वारा मानव तस्करी की समस्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर फिर से ध्यान केंद्रित हो गया है.

बीते 25 अक्टूबर को जारी एक बयान में कहा गया कि 22 अक्टूबर को, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के माध्यम से भारतीय नागरिकों को भारत भेजने के लिए एक बड़ी चार्टर उड़ान का संचालन किया, जो अमेरिका में रहने के लिए वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए.

बयान के अनुसार, इस कार्रवाई ने डीएचएस की अवैध प्रवास को कम करने और रोकने तथा मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के लिए भारत सरकार और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करने की निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया.

प्रेस विज्ञप्ति में डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की उप-सचिव क्रिस्टी ए कैनेगैलो के अंतर्गत काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना भारतीय नागरिकों को तुरंत वापस भेजा जा सकता है, और इच्छुक प्रवासियों को तस्करों के जाल में नहीं फंसना चाहिए, जो गलत जानकारी देते हैं. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग देश के कानूनों को लागू करना जारी रखेगा."

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि जून 2024 से, जब सीमा सुरक्षा राष्ट्रपति उद्घोषणा और साथ में अंतरिम अंतिम नियम लागू हुए, तब से अमेरिका की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर प्रवेश के बंदरगाहों के बीच घुसपैठ में 55 प्रतिशत की कमी आई है. जून 2024 से, डीएचएस ने 1,60,000 से अधिक लोगों को वापस लौटाया और भारत सहित 145 से अधिक देशों में 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ानें संचालित कीं.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान 22 अक्टूबर के घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि किस तरह भारत और अमेरिका भारतीयों द्वारा अमेरिका में अवैध प्रवास की समस्या को रोकने के लिए लगातार मिलकर काम कर रहे हैं.

जायसवाल ने कहा, "हम प्रवास और आवाजाही पर अमेरिका के साथ नियमित रूप से बातचीत करते हैं. इसका उद्देश्य कानूनी प्रवास के लिए और अधिक अवसर पैदा करना है. नियमित वाणिज्य दूतावास संवाद और व्यवस्था के हिस्से के रूप में, हमने उन लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं या अनियमित आवाजाही का हिस्सा हैं."

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पिछले कुछ समय से चल रही है. हमें उम्मीद है कि यह सहयोग और आवाजाही तथा प्रवास पर अमेरिका के साथ हमारा जुड़ाव अवैध प्रवास को रोकने में सक्षम होगा.

भारत से अमेरिका में अवैध प्रवास एक सतत चुनौती रही है, जिसके जटिल सामाजिक-आर्थिक कारण और जटिल रास्ते हैं, जिनका उपयोग लोग बिना अनुमति के सीमाओं को पार करने के लिए करते हैं. इस मुद्दे ने दोनों सरकारों के लिए बड़ी चिंताएं पैदा की हैं, न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा जोखिमों के कारण, बल्कि दोनों देशों के बीच आव्रजन प्रणालियों और राजनयिक संबंधों पर पड़ने वाले दबाव के कारण भी.

अवैध भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या भारत के ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों से आती है, जहां नौकरी के अवसर सीमित हैं और वेतन कम मिलता है. कई लोगों के लिए बेहतर नौकरी के अवसर और अमेरिका में अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाने का मौका आकर्षक हो सकता है.

मानव तस्करी करने वाले संगठन अक्सर ऐसे लोगों की हताशा का फायदा उठाते हैं, उन्हें उच्च कीमत पर अमेरिका में प्रवेश का वादा करते हैं. प्रवासियों को अक्सर असुरक्षित परिस्थितियों, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे खतरनाक रास्तों से अमेरिकी सीमा पार करने का प्रयास करते हैं. जैसा कि फिल्म डंकी में दिखाया गया है, खतरनाक भूमि मार्गों का उपयोग करके अवैध प्रवास लोगों के जीवन को खतरे में डालता है.

कई भारतीय प्रवासी लैटिन अमेरिकी देशों, विशेष रूप से मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने के लिए तस्करों या 'एजेंटों' को बड़ी रकम का भुगतान करते हैं. इस मार्ग में अक्सर भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उदार वीजा नीतियों वाले देशों की हवाई यात्रा शामिल होती है, जिसके बाद वे खतरनाक जमीनी यात्रा करते हैं.

यही कारण है कि भारत और अमेरिका इस अवैध प्रथा को रोकने के लिए नियमित रूप से बातचीत करते हैं. इस वर्ष फरवरी में, नई दिल्ली में आयोजित 11वें द्विपक्षीय कांसुलर संवाद के दौरान, भारत और अमेरिका ने प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवास तथा कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी.

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा था, "इस संवाद ने लोगों के बीच मजबूत संबंधों और आपसी हितों के कांसुलर मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया. दोनों पक्षों ने प्रत्यर्पण, छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही, सुरक्षित और कानूनी प्रवास, कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और अपने-अपने नागरिकों की सुगम यात्रा को सक्षम करने जैसे कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की."

हालांकि 22 अक्टूबर की उड़ान में सवार अवैध भारतीय प्रवासियों की सही संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान डीएचएस की सहायक सचिव रॉयस बर्नस्टीन मर्रे (Royce Bernstein Murray) ने कहा कि बड़े चार्टर उड़ानों में आमतौर पर 100 से अधिक व्यक्ति सवार होते हैं जिन्हें वापस भेजा जाना होता है.

मर्रे ने यह भी कहा कि विमान पंजाब में उतरा, इसका लैंडिंग स्थल इस तरह निर्धारित किया गया था कि लोग अपने मूल स्थान के करीब हो सकें. उन्होंने कहा, "हालांकि, इसका मतलब यह है कि व्यक्ति पंजाब और आसपास के राज्यों से हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं. लेकिन हमारे पास उन स्थानों का सटीक विवरण नहीं है, जहां से वापस भेजे गए भारतीय नागरिक आए थे."

'डंकी' पंजाबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'गधा उड़ान', यह एक अवैध प्रवास तकनीक है, जिसका उपयोग अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अवैध प्रवेश के लिए किया जाता है. जालसाज कंटेनर और जहाज जैसे तरीकों का उपयोग करके अवैध सीमा पार करने की सुविधा देकर प्रवासियों का शोषण करते हैं. एजेंट सीमा पर प्रवासियों को पकड़ते हैं, जिसके बाद उन्हें निर्वासित कर दिया जाता है.

मर्रे के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में (जो सितंबर के अंत में समाप्त हुआ) अमेरिका ने 1,100 से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस भेजा. उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका से भारतीय नागरिकों के निष्कासन में लगातार वृद्धि का हिस्सा है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय नागरिकों के घुसपैठ में सामान्य वृद्धि हुई है.

हालांकि, भारत से अमेरिका में अवैध प्रवासन चुनौतीपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, फिर भी सुरक्षित, व्यवस्थित और विनियमित प्रवासन सुनिश्चित करने तथा अवैध माध्यमों से जुड़े जोखिम को कम से कम करने के प्रयास जारी हैं.

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