लंदन: बोइंग के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता स्पिरिट एयरोसिस्टम्स के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि विमान के प्रमुख हिस्से गंभीर खराबी के साथ नियमित रूप से इस्तेमाल हो रहे हैं. यह पहली बार नहीं है कि बोइंग या उससे जुड़े किसी कंपनी के अधिकारी ने विमानन कंपनी के अंदर चल रहे गड़बड़ियों के बार में बात की है. हालांकि, इससे भी ज्यादा डराने वाली बात यह है कि बोइंग के खिलाफ आवाजें उठाने वाले व्हिसलब्लोअर्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एयरोस्पेस निर्माण कंपनी बोइंग के साथ काम करने वाले कुल 32 व्यक्तियों ने नियामक अधिकारियों से शिकायत की थी कि कंपनी के खिलाफ सुरक्षा चिंताएं उठाने वालों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. इनमें से दो की हाल ही में मौत हो चुकी है.
जोशुआ डीन, जो बोइंग के आपूर्तिकर्ता स्पिरिट एयरोसिस्टम्स के गुणवत्ता लेखा परीक्षक थे, का हाल ही में निधन हो गया. अपनी स्वस्थ जीवनशैली के बावजूद, डीन अपनी मृत्यु से कुछ हफ्ते पहले एक अस्पताल गए उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी. सिएटल टाइम्स के अनुसार, बाद में उन्हें निमोनिया और एक जीवाणु संक्रमण हो गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका.
डीन ने स्पिरिट में 737 उत्पादन लाइन के वरिष्ठ गुणवत्ता प्रबंधन की ओर से गंभीर और घोर कदाचार के संबंध में एफएए से शिकायत की थी. बता दें कि स्पिरिट एयरोसिस्टम्स बोइंग की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता है. डीन से पहले, बोइंग के एक अन्य पूर्व कर्मचारी से व्हिसलब्लोअर बने 62 वर्षीय जॉन बार्नेट कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ सबूत देने के कुछ दिनों बाद अमेरिका में मृत पाये गये थे.
तब बीबीसी ने खुलासा किया था कि प्रकाशन के साथ अपने एक साक्षात्कार में, बार्नेट ने बोइंग के बारे में कहा था कि दबाव में कर्मचारी जानबूझकर उत्पादन पर विमान में घटिया सामानों के फिट करते हैं. जिससे ऑक्सीजन प्रणाली के साथ गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
बार्नेट ने बीबीसी को यह भी बताया था कि कुछ मामलों में, स्क्रैप हो चुके विमानों से घटिया किस्म के पार्ट्स को निकाल कर नये विमानों में लगा दिया गया. जिससे उत्पादन लाइन में देरी ना हो. अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिचालन की बढ़ती जांच के बीच, 32 लोगों का हालिया दावा कि कंपनी ने खामियों की ओर ध्यान दिलाने के बाद उनमें से कुछ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी, और भी चिंताजनक है.
अल जजीरा के पास मौजूद दस्तावेजों से अब पता चला है कि बार्नेट अपनी मृत्यु के समय व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन (OSHA) के माध्यम से अपनी एक शिकायत को खारिज करने के लिए एक उच्च प्राधिकारी के समक्ष अपील कर रहे थे.
इस स्थिति में जो चीज ध्यान खींचती है वह यह तथ्य है कि कंपनी के लिए ऐसी शिकायतें नई नहीं है. वाशिंगटन पोस्ट की 2019 की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि फेडरल एविएशन अथॉरिटी के ऑडिटर ने कंपनी के एक उपठेकेदार को 777 की बड़ी संख्या में कार्गो दरवाजों के लिए जाली प्रमाणपत्र बनाते हुए पाया था. ऑडिटर ने आरोप लगाया था कि यह वर्षों से चल रहा था.
एक अन्य मामले में, कंपनी के कर्मचारी विमान की गति को नियंत्रित करने वाले केबलों के पास उपकरण छोड़ देते थे, जिससे विमान में सवार सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती थी. एफएए ने तब कहा था कि कंपनी की सुरक्षा खामियों की बार-बार जांच होगी. हालांकि, ऐसा करने का वादा करने के बावजूद उन्होंने कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की.
एजेंसी के चीफ ऑफ स्टाफ एमिली हारग्रोव की ओर से लिखे गए एक ईमेल से पता चला है कि सार्वजनिक मामलों को देखने वाली टीम 'मांग कर रही थी कि हम मामले (बार्नेट के) को खारिज करने के 2017 के फैसले की समीक्षा करें'.
अप्रैल 2024 में, एक अन्य बोइंग व्हिसलब्लोअर, सैम सालेहपुर ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि जब उन्होंने कंपनी को सुरक्षा संबंधी मुद्दे बताए, तो उसने उन्हें 'चुप रहने' के लिए कहा गया. सालेहपुर ने आगे आरोप लगाया कि उनके सवालों के कारण ही कंपनी ने उन्हें 787 से 777 प्रोग्राम में स्थानांतरित कर दिया. सोसाइटी ऑफ प्रोफेशनल इंजीनियरिंग एम्प्लॉइज इन एयरोस्पेस (एसपीईईए) ने भी उसी महीने बोइंग के खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रीय श्रम संबंध बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई थी.
इसमें आरोप लगाया गया कि बोइंग 787 और 777 जेट में किए गए इंजीनियरिंग कार्यों का पुनर्मूल्यांकन की मांग करने वाले अपने दो कर्मचारियों के खिलाफ बोइंग ने नकारात्मक समीक्षा देकर जवाबी कार्रवाई की.
बोइंग ने हालांकि दावों का खंडन किया और एक बयान में कहा कि उसके संस्थान में 'प्रतिशोध' के तहत कोई काम नहीं किया जाता है. बल्कि बोइंग अपने कर्मचारियों को खामियों पर बोलने के लिए प्रोत्साहित करता है.
बता दें कि अलास्का एयरलाइंस के 737-9 MAX विमानों में से एक का दरवाजा उड़ जाने के बाद से बोइंग पिछले कुछ महीनों से लगातार जांच के दायरे में है. इस घटना के बाद, अमेरिका और दुनिया भर में कई शीर्ष एयरलाइनों ने अपने 737-9 MAX विमानों को हवा में जाने से रोक दिया है. जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ. इसके बाद उनके सीईओ डेव कैलहौन ने घोषणा की कि वह चालू वर्ष के अंत में पद छोड़ देंगे.