रियाद (सऊदी अरब) : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को सऊदी अरब में कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी के साथ बैठक की. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया.
कतर के प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में विवरण साझा करते हुए जयशंकर ने कहा कि कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री थानी के साथ अच्छी बैठक के साथ दिन की शुरुआत हुई. भारत-कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई. साथ ही क्षेत्रीय विकास पर उनकी अंतर्दृष्टि और आकलन की सराहना की. बता दें कि इससे पहले दोनों नेताओं ने जून में दोहा में मुलाकात की थी. उस समय भी दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की थी.
Began the day with a good meeting with PM & FM of Qatar @MBA_AlThani_.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 9, 2024
Discussed taking 🇮🇳 🇶🇦 bilateral ties forward.
Appreciated his insights and assessments on regional developments. pic.twitter.com/OraccxjQEU
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और कतर के प्रधानमंत्री को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने भारत-कतर संबंधों की मजबूत संबंधों को रेखांकित किया तथा राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग पर जोर दिया. उल्लेखनीय है कि एस जयशंकर पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे.
सऊदी अरब के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी ने रियाद में जयशंकर का स्वागत किया. अपनी यात्रा के दौरान, एस जयशंकर ने रियाद में सऊदी राष्ट्रीय संग्रहालय और किंग अब्दुलअजीज फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड आर्काइव्स का दौरा किया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'रियाद में सऊदी राष्ट्रीय संग्रहालय और किंग अब्दुलअजीज फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड आर्काइव्स का दौरा किया. जो भारत के गहरे ऐतिहासिक संबंधों, जो अब एक मजबूत समकालीन संबंध विकसित करने के लिए आधार के रूप में काम करता है.'
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, रियाद की अपनी यात्रा के दौरान उनके जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं. इसमें कहा गया है कि जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है. विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगा. रियाद की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद जयशंकर 10-11 सितंबर को जर्मनी की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. इसके बाद वे स्विट्जरलैंड जाएंगे.
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