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डोनाल्ड ट्रंप के बदले सुर! अमेरिकी कॉलेजों के विदेशी ग्रेजुएट छात्रों के लिए ग्रीन कार्ड का प्रस्ताव रखा - Donald Trump On Green Card

Donald Trump On Green Card: अप्रवासियों पर क्राइम, नौकरियां और सरकारी संसाधनों पर कब्जा करने के आरोप लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल गए हैं. वह अब अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देने की वकालत कर रहे हैं.

Trump
डोनाल्ड ट्रंप (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 21, 2024, 10:43 AM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देने की वकालत की है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वह अमेरिकी कॉलेजों से स्नातक करने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देना चाहते हैं.

ट्रंप का यह बयान बुधवार को उद्यम पूंजीपतियों और तकनीकी निवेशकों के साथ 'ऑल-इन' नामक पॉडकास्ट में कंपनियों द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली" लोगों को इम्पोर्ट करने की योजना के बारे में पूछे के गए सवाल पर आया. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप कॉलेज से ग्रेजुएट हों तो आपको अपने डिप्लोमा के साथ ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए ताकि आप इस देश में रह सकें और इसमें जूनियर कॉलेज भी शामिल हैं.

ऑल-इन पॉडकास्ट के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए इन उपायों को लागू करने में असमर्थ होने के लिए कोरोना वायरस महामारी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की कहानिया पता हैं जो शीर्ष कॉलेजों से स्नातक हैं और अमेरिका में रहना चाहते हैं.

ग्रेजुएट्स को ग्रीन कार्ड देने का वादा
बता दें कि 2024 में व्हाइट हाउस में वापसी करने की कोशिश में जुटे ट्रंप के लिए आव्रजन मुख्य मुद्दा रहा है. उनका सुझाव कि वे ग्रीन कार्ड - ऐसे दस्तावेज जो अमेरिकी नागरिकता के लिए मार्ग प्रदान करता है. वह संभावित रूप से हजारों विदेशी ग्रेजुएट्स को ग्रीन कार्ड देंगे. गौरतलब ट्रंप का यह बयान विदेशियों पर उनके पहले के संदेशों से बिल्कुल अलग है.

पहले अप्रवासियों पर लगाए थे आरोप
इससे पहले ट्रंप ने अवैध रूप से देश में रहने वाले अप्रवासियों पर क्राइम करने और नौकरियां और सरकारी संसाधनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि अप्रवासी लोग हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं. उन्होंने वादा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान चलाएंगे.

अपने प्रशासन के दौरान ट्रंप ने फैमिली-बेस्ड वीजा और वीजा लॉटरी प्रोग्राम पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव रखा था. 2017 में पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद, उन्होंने अपना 'बाय अमेरिकन और हायर अमेरिकन' जैसा आदेश जारी किया था. इसमें कैबिनेट सदस्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए सुधारों का सुझाव देने का निर्देश दिया गया कि अमेरिकी मजदूरों की सुरक्षा के लिए बिजनेस वीजा केवल अधिक वेतन पाने वाले या सबसे कुशल आवेदकों को ही दिए जाएं.

उन्होंने पहले कहा था कि एच1-बी कार्यक्रम, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर काम पर रखने के लिए करती हैं, वह बहुत खराब था और टेक कंपनियां कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को लाने के लिए इसका इस्तेमाल करती थीं.

यह भी पढ़ें- अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन का भारत दौरा आज, करेंगे अहम बैठक

वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देने की वकालत की है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वह अमेरिकी कॉलेजों से स्नातक करने वाले विदेशी छात्रों को ऑटोमैटिक ग्रीन कार्ड देना चाहते हैं.

ट्रंप का यह बयान बुधवार को उद्यम पूंजीपतियों और तकनीकी निवेशकों के साथ 'ऑल-इन' नामक पॉडकास्ट में कंपनियों द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली" लोगों को इम्पोर्ट करने की योजना के बारे में पूछे के गए सवाल पर आया. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप कॉलेज से ग्रेजुएट हों तो आपको अपने डिप्लोमा के साथ ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए ताकि आप इस देश में रह सकें और इसमें जूनियर कॉलेज भी शामिल हैं.

ऑल-इन पॉडकास्ट के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए इन उपायों को लागू करने में असमर्थ होने के लिए कोरोना वायरस महामारी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की कहानिया पता हैं जो शीर्ष कॉलेजों से स्नातक हैं और अमेरिका में रहना चाहते हैं.

ग्रेजुएट्स को ग्रीन कार्ड देने का वादा
बता दें कि 2024 में व्हाइट हाउस में वापसी करने की कोशिश में जुटे ट्रंप के लिए आव्रजन मुख्य मुद्दा रहा है. उनका सुझाव कि वे ग्रीन कार्ड - ऐसे दस्तावेज जो अमेरिकी नागरिकता के लिए मार्ग प्रदान करता है. वह संभावित रूप से हजारों विदेशी ग्रेजुएट्स को ग्रीन कार्ड देंगे. गौरतलब ट्रंप का यह बयान विदेशियों पर उनके पहले के संदेशों से बिल्कुल अलग है.

पहले अप्रवासियों पर लगाए थे आरोप
इससे पहले ट्रंप ने अवैध रूप से देश में रहने वाले अप्रवासियों पर क्राइम करने और नौकरियां और सरकारी संसाधनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि अप्रवासी लोग हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं. उन्होंने वादा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान चलाएंगे.

अपने प्रशासन के दौरान ट्रंप ने फैमिली-बेस्ड वीजा और वीजा लॉटरी प्रोग्राम पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव रखा था. 2017 में पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद, उन्होंने अपना 'बाय अमेरिकन और हायर अमेरिकन' जैसा आदेश जारी किया था. इसमें कैबिनेट सदस्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए सुधारों का सुझाव देने का निर्देश दिया गया कि अमेरिकी मजदूरों की सुरक्षा के लिए बिजनेस वीजा केवल अधिक वेतन पाने वाले या सबसे कुशल आवेदकों को ही दिए जाएं.

उन्होंने पहले कहा था कि एच1-बी कार्यक्रम, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर काम पर रखने के लिए करती हैं, वह बहुत खराब था और टेक कंपनियां कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को लाने के लिए इसका इस्तेमाल करती थीं.

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