वाशिंगटन: पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि वह ईरान के खिलाफ किसी भी आक्रामक कार्रवाई में शामिल नहीं होगा. ईरान ने शनिवार को इजराइल के खिलाफ मिसाइलों की बौछार शुरू कर दी थी. इजराइल की उन्नत वायु रक्षा प्रणाली द्वारा ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोकने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच बातचीत में बाइडेन ने सुझाव दिया कि आगे की इजरायली प्रतिक्रिया अनावश्यक है.
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इजरायली पीएम के साथ फोन पर बातचीत में बाइडेन ने कहा कि उन्हें शनिवार को 'जीत' मानना चाहिए क्योंकि ईरान के हमले काफी हद तक असफल रहे और उन्होंने इजरायल की बेहतर सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया. एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी के अनुसार अमेरिका ने आकलन किया कि इजरायल के भीतर कोई महत्वपूर्ण क्षति नहीं हुई है.
इससे पहले ईरान शनिवार को इजरायल पर अपने जवाबी हमले के बचाव में सामने आया. इसने कहा कि सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर हमला करने के मामले को खत्म समझा जा सकता है. इजरायल के सबसे करीबी सहयोगी को कड़ी चेतावनी देते हुए ईरान ने अमेरिका से इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष से दूर रहने को कहा, साथ ही कहा कि अगर इजरायल ने 'एक और गलती' की तो उसकी प्रतिक्रिया और अधिक गंभीर होगी.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने एक्स पर पोस्ट किया,'मामले को समाप्त माना जा सकता है. हालांकि, अगर इजरायली शासन ने एक और गलती की, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी. यह ईरान और दुष्ट इजरायली शासन के बीच एक संघर्ष है जिससे अमेरिका को दूर रहना चाहिए! इस बीच, इजरायली राष्ट्रपति, इसहाक हर्जोग ने कहा कि उनका देश ईरान के हमले के बाद उसके साथ युद्ध नहीं चाहता है.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कई विश्व नेताओं के साथ बात कर रहे हैं और ईरान की कार्रवाइयों के जवाब में 'सहयोगियों के साथ बातचीत' हो रही है. हम इस सब पर विचार कर रहे हैं. हम ठंडे दिमाग से और स्पष्टता से काम कर रहे हैं.' राष्ट्रपति हर्जोग ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि हम बहुत केंद्रित तरीके से और बहुत जिम्मेदार तरीके से काम कर रहे हैं और मुझे यकीन है कि तदनुसार एक निर्णय होगा जो सुनिश्चित करेगा कि हम इजराइल के लोगों की रक्षा और सुरक्षा करें.
इससे पहले रविवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था कि व्यापक क्षति को रोकने की क्षमता इजराइल की 'सैन्य श्रेष्ठता' का प्रदर्शन है और यह सबूत है कि ईरान 'सैन्य शक्ति' नहीं है जिसका वो दावा करता है. किर्बी ने सीएनएन को बताया, 'यह एक अविश्वसनीय सफलता थी, जो वास्तव में इजराइल की सैन्य श्रेष्ठता और साथ ही उनकी कूटनीतिक श्रेष्ठता को साबित करती है, कि इस क्षेत्र में उनके दोस्त हैं, कि दुनिया भर में उनके दोस्त हैं जो उनकी मदद करने को तैयार हैं.'
इस बीच एक अन्य अमेरिकी अधिकारी के अनुसार रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने इजरायली समकक्ष योव गैलेंट से ईरानी हमले की किसी भी संभावित प्रतिक्रिया से पहले अमेरिका को सूचित करने के लिए कहा. ऑस्टिन ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया,'मैंने ईरानी क्षेत्र से और ईरान के प्रतिनिधियों द्वारा शुरू किए गए हमलों से इजराइल की रक्षा के लिए अमेरिका, इजराइल और उनके सहयोगियों द्वारा सफल संयुक्त अभियान की समीक्षा करने के लिए इस सप्ताह के अंत में तीसरी बार इजरायल के रक्षा मंत्री (मंत्री) योव गैलेंट से बात की.
अमेरिका तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, हम इजराइल और अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेंगे.' भले ही अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान को कैसे जवाब देना है, इस पर अंतिम निर्णय इजरायल पर निर्भर है. बाइडेन संघर्ष को व्यापक रूप से बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे थे.
बाइडेन ने रविवार को अपने साथी समूह के सात नेताओं से मुलाकात की और गैर-सैन्य कार्यों पर जोर देने के साथ 'संयुक्त राजनयिक प्रतिक्रिया' पर चर्चा की जो व्यापक युद्ध की संभावनाओं को सीमित करेगी. वर्चुअल बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में जी-7 (G7) सदस्यों ने इजरायल के खिलाफ ईरान के प्रत्यक्ष हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इजरायल और उसके लोगों के प्रति अपनी पूर्ण एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया. जी7 ने अपने बयान में कहा,'अपने कार्यों से ईरान ने क्षेत्र को अस्थिर करने की ओर कदम बढ़ाया है और अनियंत्रित क्षेत्रीय तनाव भड़काने का जोखिम उठाया है. इससे बचा जाना चाहिए.'