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मंदिरों में आगजनी, हिंदू घरों पर हमला, क्या हिंदू बांग्लादेश में बने सॉफ्ट टारगेट - bangladesh temples vandalised

Bangladesh Hindus 2024: बांग्लादेश में छात्र आंदोलन और सत्ता परिवर्तन के बीच अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर से हिंदुओं के खिलाफ हमले काफी बढ़ गये हैं. इस दौरान कई मंदिरों और घरों को लूटा गया और नुकसान पहुंचाया गया है. हमले में कई हिंदू नेताओं के मारे जाने की भी सूचना है.

Bangladesh Hindus 2024
बांग्लादेश (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 9:39 AM IST

Updated : Aug 8, 2024, 11:18 AM IST

ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में नई आरक्षण नीति के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन देश भर में हिंसक हमलों का माध्यम भी बन गया. पूरे बांग्लादेश से लूटपाट और दंगे की खबरें आ रही हैं. ये हमले खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों और अल्पसंख्यकों पर हुए हैं. बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून और डेली स्टार में प्रकाशित खबरें इस बात की तस्दीक करती है. सोशल मीडिया पर कुछ मंदिरों में आग लगाने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.

Bangladesh Hindus 2024
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार में मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय. (thedailystar.net से साभार)

हालांकि, इसके साथ ही ऐसे वीडियो और खबरें भी आ रही हैं जिसमें बांग्लादेश का मुस्लिम समुदाय मंदिरों और हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने की बात कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मुस्लिम मौलवियों को देखा जा सकता है जो कमिल्ला में एक हिंदू मंदिर की रखवाली कर रहे हैं. सोमवार को प्रकाशित बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार की रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 27 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की रिपोर्ट दर्ज की गई है.

Bangladesh Hindus 2024
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार में सोमवार को प्रकाशित खबर. (thedailystar.net से साभार)

इस्कॉन मंदिर में लगाई गई आग: बांग्लादेश के खुलना डिवीजन में स्थित मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर, और एक काली मंदिर में बर्बरता की गई और आग लगा दी गई. इस्कॉन के प्रवक्ता युधिस्टिर गोविंदा दास ने ट्वीट किया कि मेहरपुर में हमारे इस्कॉन सेंटर को जला दिया गया. उन्होंने लिखा कि तीन भक्त जो केंद्र में रहते थे, किसी तरह से बचने और जीवित रहने में कामयाब रहे.

रंगपुर सिटी कॉरपोरेशन के हिंदू पार्षद हरदेश रॉय भी हिंसक दंगों के शिकार हो गये. रविवार को भीड़ ने उनकी हत्या कर दी. काजल रॉय के रूप में पहचाने जाने वाले एक अन्य पार्षद भी भीड़ की हिंसा के शिकार हो गये. रविवार को 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे का आह्वान किया और पुलिस से भिड़ गए. हरादान रॉय की लिंचिंग को प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने प्रकाश में लाया था. उन्होंने एक्स पर इस संबंध में पोस्ट किया.

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने एक्स पर एक पोस्ट में, हिंदू समुदाय के मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर 54 हमलों को सूचीबद्ध किया है. इनमें इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र शामिल है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान -प्रदान को बढ़ावा देता है.

बांग्लादेश में कम हुई हिंदुओं की संख्या: बांग्लादेश में हिंदुओं पर व्यापक हमले 2021 के बाद से सबसे गंभीर हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. हिंसा में कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया. वर्तमान में, हिंदू बांग्लादेश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है. जो लगभग 13.1 मिलियन लोग हैं. 1951 में, बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 मिलियन से अधिक हिंदू 1964 और 2013 के बीच धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश छोड़ कर चले गये.

Hindu Report
हिंदू रिपोर्ट (Bureau Of Bangladesh)

डीडब्ल्यू के अनुसार 2011 की जनगणना से पता चलता है कि, 2000 और 2010 के बीच देश की आबादी से 10 लाख हिंदू कम हो गये. न केवल बांग्लादेश से आउट-माइग्रेशन, मुसलमानों के बीच उच्च जन्म दर और हिंदू आबादी की कम प्रतिस्थापन दर भी संख्या में कमी का बड़ा कारण है. हालांकि, बांग्लादेश आधिकारिक रूप से इस्लाम को राज्य का धर्म मानता है, लेकिन शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने 2011 में संविधान के प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द को शामिल किया था. इसके बाद बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को इस तरह के हमलों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता रहा है.

हिंदू संगठन ओइक्य परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्रा कुमार नाथ ने कहा कि हिंदू डरे हुए हैं. नाथ ने डेली स्टार को बताया कि वे (हिंदू) रो रहे हैं. उन्हें पीटा जा रहा है. उनके घरों और व्यवसायों को लूटा जा रहा है. हमारी गलती क्या है? क्या यह हमारी गलती है कि हम बांग्लादेश के नागरिक हैं? उन्होंने आगे कहा कि अगर इस तरह के हमले यहां जारी हैं तो हम कहां जाएंगे? हम हिंदू समुदाय के सदस्यों को कैसे सांत्वना दे सकते हैं?

बंगाल ने हिंदू शरणार्थियों की आमद की चेतावनी दी: हसीना के निष्कासन के साथ, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी के बीच गठजोड़ की सरकार बनने और सत्ता में आने की संभावना है. यह भी बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के लिए चिंता की बात है. यदि ऐसा हुआ तो बांग्लादेश से हिंदू शरणार्थियों का पलायन भारत की ओर हो सकता है. भारत बांग्लादेश के साथ लगभग 4,096 किमी लंबी भूमि और नदी की सीमा साझा करता है.

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेन्दु अधिकारी ने पहले ही ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को बांग्लादेश से एक करोड़ हिंदुओं को शरण देने के लिए तैयार होने की चेतावनी दी है. अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर यह स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है, तो मानसिक रूप से एक करोड़ हिंदू शरणार्थियों को शरण देने के लिए तैयार रहें. यदि स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो जमात और कट्टरपंथी नियंत्रण ले लेंगे. भाजपा के नेता सुनील देओधर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए. देओधर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हिंदुओं के खिलाफ व्यापक हिंसा की सूचना दी गई है.

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ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में नई आरक्षण नीति के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन देश भर में हिंसक हमलों का माध्यम भी बन गया. पूरे बांग्लादेश से लूटपाट और दंगे की खबरें आ रही हैं. ये हमले खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों और अल्पसंख्यकों पर हुए हैं. बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून और डेली स्टार में प्रकाशित खबरें इस बात की तस्दीक करती है. सोशल मीडिया पर कुछ मंदिरों में आग लगाने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.

Bangladesh Hindus 2024
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार में मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय. (thedailystar.net से साभार)

हालांकि, इसके साथ ही ऐसे वीडियो और खबरें भी आ रही हैं जिसमें बांग्लादेश का मुस्लिम समुदाय मंदिरों और हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने की बात कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मुस्लिम मौलवियों को देखा जा सकता है जो कमिल्ला में एक हिंदू मंदिर की रखवाली कर रहे हैं. सोमवार को प्रकाशित बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार की रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 27 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की रिपोर्ट दर्ज की गई है.

Bangladesh Hindus 2024
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार में सोमवार को प्रकाशित खबर. (thedailystar.net से साभार)

इस्कॉन मंदिर में लगाई गई आग: बांग्लादेश के खुलना डिवीजन में स्थित मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर, और एक काली मंदिर में बर्बरता की गई और आग लगा दी गई. इस्कॉन के प्रवक्ता युधिस्टिर गोविंदा दास ने ट्वीट किया कि मेहरपुर में हमारे इस्कॉन सेंटर को जला दिया गया. उन्होंने लिखा कि तीन भक्त जो केंद्र में रहते थे, किसी तरह से बचने और जीवित रहने में कामयाब रहे.

रंगपुर सिटी कॉरपोरेशन के हिंदू पार्षद हरदेश रॉय भी हिंसक दंगों के शिकार हो गये. रविवार को भीड़ ने उनकी हत्या कर दी. काजल रॉय के रूप में पहचाने जाने वाले एक अन्य पार्षद भी भीड़ की हिंसा के शिकार हो गये. रविवार को 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे का आह्वान किया और पुलिस से भिड़ गए. हरादान रॉय की लिंचिंग को प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने प्रकाश में लाया था. उन्होंने एक्स पर इस संबंध में पोस्ट किया.

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने एक्स पर एक पोस्ट में, हिंदू समुदाय के मंदिरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर 54 हमलों को सूचीबद्ध किया है. इनमें इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र शामिल है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान -प्रदान को बढ़ावा देता है.

बांग्लादेश में कम हुई हिंदुओं की संख्या: बांग्लादेश में हिंदुओं पर व्यापक हमले 2021 के बाद से सबसे गंभीर हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए. हिंसा में कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया. वर्तमान में, हिंदू बांग्लादेश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है. जो लगभग 13.1 मिलियन लोग हैं. 1951 में, बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 मिलियन से अधिक हिंदू 1964 और 2013 के बीच धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश छोड़ कर चले गये.

Hindu Report
हिंदू रिपोर्ट (Bureau Of Bangladesh)

डीडब्ल्यू के अनुसार 2011 की जनगणना से पता चलता है कि, 2000 और 2010 के बीच देश की आबादी से 10 लाख हिंदू कम हो गये. न केवल बांग्लादेश से आउट-माइग्रेशन, मुसलमानों के बीच उच्च जन्म दर और हिंदू आबादी की कम प्रतिस्थापन दर भी संख्या में कमी का बड़ा कारण है. हालांकि, बांग्लादेश आधिकारिक रूप से इस्लाम को राज्य का धर्म मानता है, लेकिन शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने 2011 में संविधान के प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द को शामिल किया था. इसके बाद बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को इस तरह के हमलों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता रहा है.

हिंदू संगठन ओइक्य परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्रा कुमार नाथ ने कहा कि हिंदू डरे हुए हैं. नाथ ने डेली स्टार को बताया कि वे (हिंदू) रो रहे हैं. उन्हें पीटा जा रहा है. उनके घरों और व्यवसायों को लूटा जा रहा है. हमारी गलती क्या है? क्या यह हमारी गलती है कि हम बांग्लादेश के नागरिक हैं? उन्होंने आगे कहा कि अगर इस तरह के हमले यहां जारी हैं तो हम कहां जाएंगे? हम हिंदू समुदाय के सदस्यों को कैसे सांत्वना दे सकते हैं?

बंगाल ने हिंदू शरणार्थियों की आमद की चेतावनी दी: हसीना के निष्कासन के साथ, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी के बीच गठजोड़ की सरकार बनने और सत्ता में आने की संभावना है. यह भी बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के लिए चिंता की बात है. यदि ऐसा हुआ तो बांग्लादेश से हिंदू शरणार्थियों का पलायन भारत की ओर हो सकता है. भारत बांग्लादेश के साथ लगभग 4,096 किमी लंबी भूमि और नदी की सीमा साझा करता है.

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेन्दु अधिकारी ने पहले ही ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को बांग्लादेश से एक करोड़ हिंदुओं को शरण देने के लिए तैयार होने की चेतावनी दी है. अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर यह स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है, तो मानसिक रूप से एक करोड़ हिंदू शरणार्थियों को शरण देने के लिए तैयार रहें. यदि स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो जमात और कट्टरपंथी नियंत्रण ले लेंगे. भाजपा के नेता सुनील देओधर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए. देओधर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हिंदुओं के खिलाफ व्यापक हिंसा की सूचना दी गई है.

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Last Updated : Aug 8, 2024, 11:18 AM IST
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