वियनतियाने : लाओस में भारतीय दूतावास ने रविवार को कहा कि उसने नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हुए दक्षिणपूर्व एशियाई देश के बोकेओ प्रांत में 13 भारतीयों को सफलतापूर्वक बचाया है और उन्हें स्वदेश वापस लाया है.
इनमें अटापेउ प्रांत की एक लकड़ी की फैक्ट्री से सात उड़िया श्रमिक और गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनोमिक जोन से छह भारतीय युवा शामिल हैं. दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'दूतावास ने अब तक लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (पीडीआर) से 428 भारतीयों को बचाया है. हम लाओ अधिकारियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.'
यह कहते हुए कि भारतीयों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, दूतावास ने लाओस/लाओ पीडीआर में आने वाले भारतीय श्रमिकों को फर्जी या अवैध नौकरी की पेशकश से धोखा न खाने की सलाह दी.
इस महीने की शुरुआत में दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें हाल के उन उदाहरणों का ब्योरा दिया गया था. जिसमें भारतीय नागरिकों को थाईलैंड के रास्ते लाओस में रोजगार का लालच दिया गया था.
एडवाइजरी में कहा गया था कि 'ये फर्जी नौकरियां लाओस में गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में कॉल-सेंटर घोटालों और क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी में शामिल संदिग्ध कंपनियों द्वारा 'डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव्स' या 'कस्टमर सपोर्ट सर्विस' जैसे पदों के लिए हैं. ऐसी जगहों पर एजेंट दुबई, बैंकॉक, सिंगापुर और भारत की इन कंपनियों से जुड़ी कंपनियां एक साधारण साक्षात्कार और टाइपिंग टेस्ट लेकर भारतीय नागरिकों की भर्ती कर रही हैं और उच्च वेतन, होटल बुकिंग के साथ-साथ वापसी हवाई टिकट और वीजा सुविधा की पेशकश कर रही हैं.'