हैदराबाद : कमर में दर्द की समस्या पिछले कुछ सालों में लगभग हर उम्र के लोगों में ही काफी आम हो गई है. लेकिन कुछ योग आसन हैं जो इस समस्या में आराम दिला सकते हैं बशर्ते उन्हे प्रशिक्षक से प्रशिक्षण लेकर तथा जरूरी सावधानियों के साथ किया जाय. गलत पोश्चर, सक्रिय दिनचर्या की कमी, पोषण की कमी तथा कई अन्य कारणों से पिछले कुछ सालों में ना सिर्फ बुजुर्गों में बल्कि हर उम्र के लोगों में कमर में दर्द या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानियों के मामले काफी बढ़ गए हैं. जिसकी पुष्टि चिकित्सक करते हैं.
चिकित्सकों का कहना है कि ना सिर्फ ज्यादा देर तक ऑफिस, घर, स्कूल या कालेज में लैपटॉप के समक्ष खराब पॉशचर में बैठकर पढ़ने व काम करने, आधे से ज्यादा दिन मोबाइल में व्यस्त रहने तथा शिथिल दिनचर्या जिसमें व्यायाम या ऐसी गतिविधियां शामिल नहीं होती हैं जिसमें शरीर सक्रिय रहे, का पालन करने जैसे कारणों के चलते लोगों में गर्दन, कंधों और कमर से जुड़ी हड्डी व मांसपेशियों संबंधी समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं . जो सर्वाइकल, साइटिका और स्पॉन्डिलाइटिस सहित कई समस्याओं का कारण बनती हैं. इस तरह की समस्याओं में राहत दिलाने में कुछ योग आसन काफी मददगार हो सकते हैं.
मैसूर कर्नाटक की योग विशेषज्ञ मीनाक्षी वर्मा बताती हैं कुछ विशेष प्रकार के तथा बहुत सरल योग आसन है जिनका नियमित अभ्यास कमर व कंधे के दर्द व मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं में काफी राहत दिला सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
अर्ध शलभासन
- अर्ध शलभासन के लिए सबसे पहले जमीन पर दरी या योग मैट बिछाकर इस पर पेट के बल लेट जाएं.
- ध्यान रहे पीठ और पांव एकदम सीधे हों.
- अब अपने हाथों को जांघों के बगल में रखें और अपनी ठोडी को जमीन पर टिकाए.
- अब गहरी सांस लेते हुए दाएं पैर को हवा में उठाएं. ध्यान रहे इस अवस्था में दोनों हाथों ज़मीन पर टिके हों.
- कुछ सेकण्ड इस पोज़ में रहने के बाद पांव को वापस ज़मीन पर ले आए.
- अब ये ही प्रक्रिया बाएं पैर के साथ दोहराएं .
भुजंगासन
- भुजंगासन करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं और दोनों हथेलियों को छाती के बगल में रख लें.
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए हथेलियों के सहारे तथा कोहनियों को सीधा करते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं.
- इसी क्रम में गर्दन को अपनी क्षमतानुसार पीछे ले जाने की कोशिश करें.
- कुछ देर इस मुद्रा में बनें रहें.
- अब सांस छोड़ते हुए नीचे आ आएं.
शशांक भुजंगासन
- शशांक भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर एड़ियों पर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं. अब दोनों हाथों को जांघों पर टिका लें.
- अपने बाजुओं को कंधों के सामने फैलाये .
- अब धीरे-धीरे छाती से आगे की तरफ़ झुकाते हुए हाथों व धड़ को जमीन की तरफ ले जाए और इसी क्रम में उन्हे जमीन पर टिका लें.
- ध्यान रहे कि इस अवस्था में दोनों हाथ जमीन पर ही सीधे हों.
- अब नाभि से शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर ओर उठाएं और गर्दन को क्षमतानुसार ऊपर की ओर ले जाएं.
- कुछ क्षणों तक इस स्थिति में रहकर वज्रासन की स्थिति में वापस आ जाएं.
मार्जरी आसन
- मार्जरी आसन के लिए अपने घुटनों और हाथों के बल खड़े हो जाएं . यह मुद्रा मेज जैसी होनी चाहिए.
- ध्यान रहे की इस अवस्था में आपकी हथेलियां ज़मीन पर सपाट हो और कोहनियां सीधी हो.
- अब सांस लेते हुए अपने जितना संभव हो सिर को ऊपर उठाएं.
- इसी क्रम में सांस रोक कर पीठ को नीचे जमीन की ओर झुकाएं.
- इस अवस्था में कंधे और हिप्स ऊपर की तरह खींचे होंगे और कमर नीचे की ओर.
- इस अवस्था में 3 से 5 सेकंड तक रहें.
- अब अपने सिर को झुकाते हुए और अपनी पीठ को ऊपर की ओर सामान्य अवस्था में लौटते हुए सांस छोड़ें.
बालासन
- बालासन के लिए मैट या दरी पर वज्रासन की मुद्रा में बैठे.
- अब गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं.
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की तरफ झुकें और सिर को जमीन से टिका ले.
- इस मुद्रा में थोड़ी देर बने रहें और फिर वापस व्रजासन में लौट आयें.
मकरासन
- योग मैट पर पेट के बल सीधा लेट जाए.
- अब दोनों कोहनियों को साथ-साथ रखते हुए हाथों, सिर और कंधों को ऊपर की तरफ ले जाये.
- इसी क्रम में अब हथेलियों का स्टैंड जैसा आकार बनाए और उस पर ठुड्डी/चिन रख लें.
- जहां तक संभव हो इस दौरान कोहनियों व हाथों को सटाकर रखें. लेकिन अगर गर्दन पर दबाव ज्यादा पड़ रहा हो तो दोनों कोहनियों में थोड़ा गैप दिया जा सकता है.
- अब पूरे शरीर कि शिथिल छोड़ते हुए व आंखे बंद करके गहरी सांस लें व छोड़ें.
सावधानी जरूरी
मीनाक्षी वर्मा बताती हैं कि इन योग आसनों का नियमित अभ्यास संबंधित समस्याओं में काफी राहत दिला सकता है, लेकिन बहुत जरूरी है कि उन्हें सही तरीके से तथा तमाम जरूरी सावधानियों के साथ किया जाय. इसके अलावा कुछ ऐसी शारीरिक अवस्थाएं भी होती हैं जिनमें इन योग आसनों के अभ्यास की सलाह नहीं दी जाती है. जैसे यदि किसी की हाल फिलहाल सर्जरी हुई हो, हर्निया से पीड़ित व्यक्ति, ऐसे लोग जो सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस या साइटिका के तत्काल प्रभाव में हो या गर्भावस्था के दौरान आदि. इसलिए बहुत जरूरी है किसी प्रशिक्षित योग टीचर के निरीक्षण में तथा उनसे जानकारी व सलाह लेने के बाद ही इन योग आसनों के अभ्यास की शुरुआत की जाए. इसके अलावा इन योग आसनों के अभ्यास से पहले अभ्यास कर्ता यदि किसी शारीरिक समस्या का सामना कर रहा है तो उसे एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए. relief yoga , kamar dard , Back pain , yoga asanas