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लाइट के चारों ओर चक्कर क्यों काटते हैं पतंगे? हो जाती है मौत, वजह जान हो जाएंगे हैरान - Why Moth Attracted to Light

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 5, 2024, 5:19 PM IST

बरसात में एक लाइट के चारों को पतंगों को चक्कर लगाते हुए तो आपने कई बार देखा होगा. लेकिन क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि आखिक पतंगे लाइट के चारों ओर क्यों घूमते हैं. यहां हम आपको इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं.

moths circling the light
लाइट का चक्कर काटते पतंगे (फोटो - Getty Images)

हैदराबाद: बारिश के मौसम में आपने देखा होगा कि किसी लाइट के चारों ओर पतंगे उड़ते रहते हैं. ये पतंगे आपके घर में लगी लाइट या स्ट्रीट लाइट के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पतंगे आखिर ऐसा क्यों करते हैं? इसका कारण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा पतंगे ऐसा क्यों करते हैं.

क्या है मिथक: इन पतंगे के लाइट के चारों ओर घूमने का एक कारण, जो अक्सर आपने सुना होगा कि ये चांद की रोशनी की ओर आकर्षित होता है, इसलिए ये पतंगे बल्ब को चांद समझ बैठते हैं और इसके चारों ओर घूमने लगते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पतंगे ठंडे खून के जीव होते हैं, इसलिए वे लाइट की ओर आकर्षित होते हैं और उससे गर्माहट प्राप्त करते हैं. लेकिन यह तथ्य तब निराधार हो गया, जब एलईडी बल्ब का इस्तेमाल शुरू हुआ, क्योंकि वे इतने ज्यादा गर्म नहीं होते.

आर्टिफिशियल लाइट से भटक जाते हैं रास्ता: नेचर कम्युनिकेशंस नाम की एक वेब साइट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर इन आर्टिफिशियल लाइट्स से पतंगे अपना रास्ता भटक जाते हैं. दरअसल रिपोर्ट की मानें तो पतंगे सूरज और चांद के सहारे अपना रास्ता निर्धारित करते हैं और उसी रास्ते पर चलते हैं. लेकिन रात के समय सूरज के न होने और आर्टिफिशियल लाइट के ऑन होने की वजह से पतंगे उस लाइट को ही चांद या सूरज मान लेते हैं.

उड़ते समय सूरज होता है उनके ऊपर: आपको जानकर हैरानी होगी कि पतंगे सूरज, चांद की ओर नहीं जाते, बल्कि उनके मस्तिष्क में मौजूद ग्रंथियां सूरज को अपने ऊपर मानकर उन्हें धरती के करीब सीधा उड़ने में मदद करती है. ऐसे में जब वह आर्टफिशियल लाइट को सूरज मान लेते हैं तो उनके मस्तिष्क की ग्रंथियां उन्हें लाइट को अपने सिर के ऊपर रखने का संदेश देती हैं और वह लाइट स्त्रोत को सिर के ऊपर रखने के प्रयास में उसके चारों ओर चक्कर लगाने लगते हैं और एक लूप में फंस जाते हैं.

लूप साबित होता है जानलेवा: इस लूप में फंसने के बाद ये पतंगे उस आर्टिफिळशियल लाइट का ही चक्कर काटते रहते हैं. समस्या तब आती है, जब वह किसी अपवर्ड यानी ऊपर की ओर रोशनी फेंक रही लाइट में आ जाते हैं. इस लाइट का चक्कर काटते समय ये पतंगे उल्टे होकर उड़ने लगते हैं. ये अपनी दिशा भूल जाते हैं और यही उनकी मौत का कारण बनता है. अब आप कहेंगे की इनकी मौत से इंसानों को क्या फर्क पड़ेगा.

तो हम आपको बता दें कि ये पतंगे इंसानी के जीवन और लाइफ साइकिल के लिए बहुत ही जरूरी हैं. दरअसल ये पतंगे फसलों में लगने वाले छोटे-छोटे कीड़ों को खा जाते हैं, जिसकी वजह से खेतों में फसलों को नुकसान नहीं होता है. तो ये कभी मत समझिएगा कि ये छोटे पतंगे आपके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं.

हैदराबाद: बारिश के मौसम में आपने देखा होगा कि किसी लाइट के चारों ओर पतंगे उड़ते रहते हैं. ये पतंगे आपके घर में लगी लाइट या स्ट्रीट लाइट के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पतंगे आखिर ऐसा क्यों करते हैं? इसका कारण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा पतंगे ऐसा क्यों करते हैं.

क्या है मिथक: इन पतंगे के लाइट के चारों ओर घूमने का एक कारण, जो अक्सर आपने सुना होगा कि ये चांद की रोशनी की ओर आकर्षित होता है, इसलिए ये पतंगे बल्ब को चांद समझ बैठते हैं और इसके चारों ओर घूमने लगते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पतंगे ठंडे खून के जीव होते हैं, इसलिए वे लाइट की ओर आकर्षित होते हैं और उससे गर्माहट प्राप्त करते हैं. लेकिन यह तथ्य तब निराधार हो गया, जब एलईडी बल्ब का इस्तेमाल शुरू हुआ, क्योंकि वे इतने ज्यादा गर्म नहीं होते.

आर्टिफिशियल लाइट से भटक जाते हैं रास्ता: नेचर कम्युनिकेशंस नाम की एक वेब साइट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर इन आर्टिफिशियल लाइट्स से पतंगे अपना रास्ता भटक जाते हैं. दरअसल रिपोर्ट की मानें तो पतंगे सूरज और चांद के सहारे अपना रास्ता निर्धारित करते हैं और उसी रास्ते पर चलते हैं. लेकिन रात के समय सूरज के न होने और आर्टिफिशियल लाइट के ऑन होने की वजह से पतंगे उस लाइट को ही चांद या सूरज मान लेते हैं.

उड़ते समय सूरज होता है उनके ऊपर: आपको जानकर हैरानी होगी कि पतंगे सूरज, चांद की ओर नहीं जाते, बल्कि उनके मस्तिष्क में मौजूद ग्रंथियां सूरज को अपने ऊपर मानकर उन्हें धरती के करीब सीधा उड़ने में मदद करती है. ऐसे में जब वह आर्टफिशियल लाइट को सूरज मान लेते हैं तो उनके मस्तिष्क की ग्रंथियां उन्हें लाइट को अपने सिर के ऊपर रखने का संदेश देती हैं और वह लाइट स्त्रोत को सिर के ऊपर रखने के प्रयास में उसके चारों ओर चक्कर लगाने लगते हैं और एक लूप में फंस जाते हैं.

लूप साबित होता है जानलेवा: इस लूप में फंसने के बाद ये पतंगे उस आर्टिफिळशियल लाइट का ही चक्कर काटते रहते हैं. समस्या तब आती है, जब वह किसी अपवर्ड यानी ऊपर की ओर रोशनी फेंक रही लाइट में आ जाते हैं. इस लाइट का चक्कर काटते समय ये पतंगे उल्टे होकर उड़ने लगते हैं. ये अपनी दिशा भूल जाते हैं और यही उनकी मौत का कारण बनता है. अब आप कहेंगे की इनकी मौत से इंसानों को क्या फर्क पड़ेगा.

तो हम आपको बता दें कि ये पतंगे इंसानी के जीवन और लाइफ साइकिल के लिए बहुत ही जरूरी हैं. दरअसल ये पतंगे फसलों में लगने वाले छोटे-छोटे कीड़ों को खा जाते हैं, जिसकी वजह से खेतों में फसलों को नुकसान नहीं होता है. तो ये कभी मत समझिएगा कि ये छोटे पतंगे आपके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं.

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