नई दिल्ली: बीते 1 जुलाई से देश में तीन नए कानून लागू हो गए हैं. इन कानूनों ने आईपीसी और सीआरपीसी जैसे लॉ की जगह ली है. इसके साथ ही अब कई धाराओं के नाम भी बदल गए हैं. नए कानून में करीब 20 नए अपराध जोड़े गए हैं. साथ ही कई अपराधों को अब भी जुर्म की कैटेगरी में रखा गया है.
इनमें शादी का झूठा झांसा देकर गलत फायदा उठाने और शादीशुदा औरत को गलत इरादे से बहलाने-फुसलाने से संबंधित. नए कानून के तहत ऐसे मामलों में अब आरोपी सख्त सजा हो सकती है. अगर कोई पुरुष अपनी प्रेमिका को धोखा देकर या शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाता है, तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने पर सजा
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को धोखा देकर या शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाता है और उसका महिला से शादी करने का कोई इरादा नहीं है, तो उसे 10 साल जेल की सजा हो सकती है. साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
इस तरह के मामलों में नौकरी दिलाने का झूठा वादा करना, प्रमोशन दिलाने का झूठा वादा करना और अपनी पहचान छिपाकर शादी का झूठा वादा करना शामिल हैं. हालांकि, इस तरह के मामले को रेप की कैटेगरी में नहीं रखा गया है. पहले इस तरह के मामले IPC की धारा 90 के तहत डील किए जाते थे.
शादीशुदा महिला को बहलाना-फुसलाना पड़ेगा भारी
वहीं, भारतीय न्याय संहिता की धारा 84 के तहत अगर कोई शख्स किसी शादीशुदा महिला को इस इरादे से बहलाता-फुसलाता है कि वह उसके साथ अवैध संबंध बना सकती है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा दी जाएगी. इस तरह के मामले में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इससे पहले इस तरह के मामलों का फैसला आईपीसी की धारा 498 के तहत होता था.