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बरसात के मौसम में साइनसाइटिस से हैं परेशान, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय और इलाज - Sinusitis prevention treatment tips

Sinusitis prevention treatment tips : आजकल बहुत से लोग साइनसाइटिस (साइनस) की समस्या से पीड़ित हैं. साइनसाइटिस से पीड़ित लोग नाक बंद, बलगम, सांस लेने में तकलीफ, सिर भारी होना जैसी समस्या से पीड़ित रहते हैं.

sinusitis prevention treatment tips with ayurveda
साइनसाइटिस - कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Aug 25, 2024, 1:57 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 6:05 AM IST

Sinusitis prevention treatment tips : चेहरे पर नाक के आसपास वाले हिस्सों में मौजूद छोटी-छोटी संरचनाएं जिनमें हवा भरी होती है, को साइनस कहा जाता है. इस भाग में सूजन और संक्रमण को "साइनसाइटिस" कहा जाता है. संक्रमण के चलते या अन्य किसी कारण से इसमें हवा की जगह बलगम भर जाता है. हालांकि, आजकल बहुत से लोग इस समस्या से पीड़ित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्वास्थ्य समस्या किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकती है. साइनसाइटिस से पीड़ित लोग नाक बंद, बलगम, सिर का भारी होना, सांस लेने में तकलीफ, लगातार सर्दी और लगातार सिरदर्द जैसे लक्षणों से पीड़ित रहते हैं.

साथ ही इसमें पूरा सिर भारी, पूरा चेहरा सूज जाता है और आइब्रो खिंचने जैसी समस्याएं होती हैं. यानी कि साइनसाइटिस की समस्या रोजमर्रा की जिंदगी में गंभीर समस्याएं पैदा करती है. हैदराबाद के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रोफेसर पीवी रंगानायकुलु का कहना है कि साइनसाइटिस की समस्या, जो इतनी कष्टकारी है, को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक सुझावों का पालन करना ही काफी है. कुछ लोगों में साइनसाइटिस की समस्या कुछ महीनों में ठीक हो जाती है तो कुछ लोगों में यह एक साल से दो साल तक हो सकती है. साइनस की समस्या गंभीर होने पर खान-पान और जीवनशैली में कई तरह के बदलाव करने चाहिए.

  • स्मोकिंग पूरी तरह से बंद कर दें.
  • साइनस रोगी उन जगहों से दूर रहें जहां धूल, मिट्टी और प्रदूषण है, जो विशेष रूप से एलर्जी पैदा करने वाले तत्व हैं और साइनस के दर्द को बढ़ाते हैं.
  • मुंह को बार-बार गर्म पानी से धोएं.
  • सुबह-शाम गर्म पानी की भाप लें. पानी में युकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदें डालें.
  • ठंडे पेय और खट्टे खाद्य पदार्थों से भी बचना चाहिए.
  • इसके अलावा ठंडी हवा या ठंड से बचकर रहें.
  • लहसुन व प्याज जैसी सामग्री का सेवन करना चाहिए.
  • रात को अच्छी नींद लेने का प्रयास करना चाहिए.
  • सर्दियों में कानों की सुरक्षा करनी चाहिए.

नाक और भौंहों के बीच में तिल का गर्म तेल लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें. डॉ. पीवी रंगनायकुलु का कहना है कि अगर ऐसा किया जाए तो साइनसाइटिस की तकलीफ कम हो जाएगी.

Dr PV Ranganayakulu का कहना है कि "जिन लोगों को साइनसाइटिस की समस्या है, उन्हें सीधे पंखे के नीचे नहीं सोना चाहिए. इससे समस्या बढ़ सकती है. आयुर्वेदिक दुकानों में दो प्रकार के आयुर्वेदिक उपलब्ध हैं, अणु तेल और षट्बिंदु तेल. इन दोनों तेलों में से एक की दो बूंदें नाक में डालें." इससे साइनस की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. साथ ही खूब गर्म पानी पिएं. डॉ. पीवी रंगानायकुलु बताते हैं कि सलाह लेकर चित्रकहरितकी नामक औषधि का सेवन करने से भी समस्या कम हो जाती है.

डिस्कलेमर: ये सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें.

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Walking Benefits : आपने शायद ही सुनें हों पैदल चलने के हैरान करने वाले ये फायदे

Sinusitis prevention treatment tips : चेहरे पर नाक के आसपास वाले हिस्सों में मौजूद छोटी-छोटी संरचनाएं जिनमें हवा भरी होती है, को साइनस कहा जाता है. इस भाग में सूजन और संक्रमण को "साइनसाइटिस" कहा जाता है. संक्रमण के चलते या अन्य किसी कारण से इसमें हवा की जगह बलगम भर जाता है. हालांकि, आजकल बहुत से लोग इस समस्या से पीड़ित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्वास्थ्य समस्या किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकती है. साइनसाइटिस से पीड़ित लोग नाक बंद, बलगम, सिर का भारी होना, सांस लेने में तकलीफ, लगातार सर्दी और लगातार सिरदर्द जैसे लक्षणों से पीड़ित रहते हैं.

साथ ही इसमें पूरा सिर भारी, पूरा चेहरा सूज जाता है और आइब्रो खिंचने जैसी समस्याएं होती हैं. यानी कि साइनसाइटिस की समस्या रोजमर्रा की जिंदगी में गंभीर समस्याएं पैदा करती है. हैदराबाद के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रोफेसर पीवी रंगानायकुलु का कहना है कि साइनसाइटिस की समस्या, जो इतनी कष्टकारी है, को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक सुझावों का पालन करना ही काफी है. कुछ लोगों में साइनसाइटिस की समस्या कुछ महीनों में ठीक हो जाती है तो कुछ लोगों में यह एक साल से दो साल तक हो सकती है. साइनस की समस्या गंभीर होने पर खान-पान और जीवनशैली में कई तरह के बदलाव करने चाहिए.

  • स्मोकिंग पूरी तरह से बंद कर दें.
  • साइनस रोगी उन जगहों से दूर रहें जहां धूल, मिट्टी और प्रदूषण है, जो विशेष रूप से एलर्जी पैदा करने वाले तत्व हैं और साइनस के दर्द को बढ़ाते हैं.
  • मुंह को बार-बार गर्म पानी से धोएं.
  • सुबह-शाम गर्म पानी की भाप लें. पानी में युकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदें डालें.
  • ठंडे पेय और खट्टे खाद्य पदार्थों से भी बचना चाहिए.
  • इसके अलावा ठंडी हवा या ठंड से बचकर रहें.
  • लहसुन व प्याज जैसी सामग्री का सेवन करना चाहिए.
  • रात को अच्छी नींद लेने का प्रयास करना चाहिए.
  • सर्दियों में कानों की सुरक्षा करनी चाहिए.

नाक और भौंहों के बीच में तिल का गर्म तेल लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें. डॉ. पीवी रंगनायकुलु का कहना है कि अगर ऐसा किया जाए तो साइनसाइटिस की तकलीफ कम हो जाएगी.

Dr PV Ranganayakulu का कहना है कि "जिन लोगों को साइनसाइटिस की समस्या है, उन्हें सीधे पंखे के नीचे नहीं सोना चाहिए. इससे समस्या बढ़ सकती है. आयुर्वेदिक दुकानों में दो प्रकार के आयुर्वेदिक उपलब्ध हैं, अणु तेल और षट्बिंदु तेल. इन दोनों तेलों में से एक की दो बूंदें नाक में डालें." इससे साइनस की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. साथ ही खूब गर्म पानी पिएं. डॉ. पीवी रंगानायकुलु बताते हैं कि सलाह लेकर चित्रकहरितकी नामक औषधि का सेवन करने से भी समस्या कम हो जाती है.

डिस्कलेमर: ये सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें.

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Last Updated : Aug 26, 2024, 6:05 AM IST
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