हैदराबाद: आजकल लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक होते जा रहे हैं, जो कि स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छा संकेत हैं. जब हम हेल्थ की बात करते हैं तो आमतौर पर यूरिन के कलर से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में हम काफी कुछ जान जाते हैं. हालांकि, डिटेल में जाने के लिए डॉक्टरी परामर्श लेना आवश्यक है. ठीक वैसे ही हम मल (स्टूल) के रंग को देखकर अपनी सेहत का पता लगा सकते हैं. जब कभी हम मल (Poop) का त्याग करने टॉयलेट में जाते हैं तो उसके रंग, गंध और बनावट अन्य दिनों की तुलना में अलग-अलग होती है. ऐसा माना जाता है कि, अगर आपका पेट साफ है तो आप काफी हद तक स्वस्थ हैं.
आज कल खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान की वजह से लोग तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते नजर आ रहे हैं. इसमें पेट से जुड़ी समस्याएं होना बेहद आम है. अगर हम अनहेल्दी डाइट रेगुलर फॉलो करते हैं तो आने वाले दिनों इसका सीधा असर पाचन क्रिया पड़ पड़ता है. जिसके चलते लोगों को पेट में तेज दर्द, गैस, अपच, एसिडिटी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हम मल, यूरिन के साथ-साथ पेट की समस्याओं का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसका कनेक्शन आपके हेल्थ से जुड़ा होता है. अधिकतर लोग ऐसे में शिकायत करते हैं कि कई बार घंटों टॉयलट में गुजारने के बाद भी उनका पेट साफ नहीं हो पाता है. अगर आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए काफी हद तक मददगार साबित हो सकता है. हालांकि, आपको अपनी सेहत से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टरों, विशेषज्ञों की सलाह लेना अनिवार्य है. आइए जानते हैं कि किस तरह का मल बीमारी का संकेत देता है. असामान्य मल से क्या बीमारी हो सकती है और इसमें सुधार के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं.
अगर तेज गंध वाला मल है तो....
वैसे कहा जाता है कि मध्यम से गहरा भूरे रंग, बिना दर्द के तेज गंध वाला, एक ही टुकड़े या छोटे-छोटे कई हिस्सों में अगर मल का त्याग कर रहे हैं तो आप स्वस्थ हैं. मल का आकार आंतों के आकार के कारण होता है. वैसे 24 घंटे में एक से दो बार मल का त्याग करना अच्छी बात है. वैसे कहते हैं कि, 10 से 15 मिनट में अगर आप टॉयलेट में जाकर फ्रेश हो जाते हैं तो आप ठीक है. अगर ऐसा नहीं है और आप टॉयलेट में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं तो कुछ न कुछ तो गड़बड़ जरूर है. इन परिस्थितियों में पेट में कब्ज या अन्य कोई समस्या हो सकती है.
काला रंग का मल
ऐसा मानना है कि, काला रंग के मल में अगर टार जैसा कुछ दिखता है, तो यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का संकेत देता है. अगर ऐसा है तो आप समय से डॉक्टर के पास जाकर जरूरी परामर्श ले सकते हैं.
सफेद कलर का मल
ऐसा कहा जाता है कि, अगर मल का रंग सफेद, पीला या फिर भूरा है तो व्यक्ति को लिवर या पित्ताशय की समस्या हो सकती है.
हरा रंग
पालक या अन्य हरे रंग के खाद्य पदार्थ के सेवन से भी इस रंग का मल निकल सकता है. हरे रंग के मल में ज्यादा पित्त और अपर्याप्त बिलीरुबिन का संकेत दे सकता है. वैसे प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक अलग लाइफ स्टाइल होता है. ऐसे में हमारी सलाह है कि, मल के कलर को देखकर आप कोई भी राय खुद से न बनाए. डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें.
साफ पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें
आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में लोगों में स्ट्रेस का होना सामान्य सी बात है. इसलिए स्ट्रेस लेने से बचें. साथ ही हर दिन पर्याप्त मात्रा में साफ और गुनगुना पानी का सेवन करते रहें. साफ पानी के सेवन से आप कई बीमारियों को अपने से दूर रख सकते हैं. कम पानी पीने से कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकता है. कहते हैं कि, ज्यादा दिन का कब्ज या मल संबंधी विकार कई अन्य सामान्य या फिर गंभीर बीमारियों को निमंत्रण दे सकता है.
अगर किसी व्यक्ति को मल में बदलाव काफी समय तक बना रहता है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर मल लाल चमकदार, काला या फिर चिपचिपा है तो आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. वैसे जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए धूम्रपान, अल्कोहल या अन्य खराब आदतों से बचना चाहिए. वैसे अच्छी नींद और व्यायाम के साथ-साथ स्वस्थ आहार आपको जीवन भर काफी हद तक फिट रहने की गारंटी देता है.
(Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ एक सामान्य जानकारी है. किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टरों से संपर्क अवश्य करें...ईटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है)
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