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आत्महत्या से पहले दिख सकते हैं ये लक्षण, क्या कहते हैं विशेषज्ञ - Warning signs of suicide - WARNING SIGNS OF SUICIDE

Warning Signs of Suicide: ऐसी बहुत सी परिस्थितियां हैं, जब व्यक्ति परेशान होकर स्यूसाइड का कदम उठाने की कोशिश करता है. दरअसल, ये दबाव मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने लगता है. इस तरह के विचारों से मुक्त होने के लिए कुछ बातों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है. पढ़ें पूरी खबर...

what are the Warning Signs of Suicide
आत्महत्या से पहले दिख सकते हैं ये लक्षण, क्या कहते हैं विशेषज्ञ (CANVA)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Sep 16, 2024, 2:58 PM IST

हैदराबाद: सभी के जीवन में कभी ना कभी एक ऐसा मोड़ आता है, जहां पर हर व्यक्ति खुद को हताश महसूस करने लगता है. सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या आज भी अविस्मरणीय है. 34 वर्षीय इस युवा कलाकार ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे फिल्म उद्योग और नेटिजन्स के बीच हंगामा मच गया था. कभी किसी ने नहीं सोचा था कि इतना प्रतिभाशाली अभिनेता ऐसा काम कर सकता है.

वहीं, हाल ही में मलायका अरोड़ा के पिता अनिल मेहता ने भी आत्महत्या कर ली. अपने पिता के अचानक उठाए गए इस कदम से मलायका बेहद दुखी हैं और जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है, हर कोई शॉक्ड है. खबरों के मुताबिक, सुशांत सिंह राजपूत और अनिल मेहता की आत्महत्या के पीछे मुख्य वजह डिप्रेशन है. चलिए जानते हैं कि कैसे स्यूसाइड की फीलिंग से डील किया जा सकता है.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो और कई जिंदगियां बचाई जा सकें. आत्महत्या पर चर्चा इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं.

अब यह आमतौर पर पूछा जाता है कि क्या डिप्रेशन का कोई फेज होता है, जहां व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाता है?

डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (डीएसएम) के अनुसार, शोध में आत्महत्या से पहले होने वाले कुछ लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

अध्ययन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अचानक आत्महत्या जैसा बड़ा कदम नहीं उठाता. विशेषज्ञों के मुताबिक, आत्महत्या करने वाला व्यक्ति काफी देर तक इसके बारे में सोचता रहता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (NIH) के मुताबिक, कोई भी इस रास्ते को आसानी से नहीं चुनता. इन सभी चीजों के बारे में व्यक्ति काफी देर तक सोचता रहता है. आप कुछ संकेतों को देखकर समझ सकते हैं, जानिए क्या हैं लक्षण?

बार-बार मरने की इच्छा व्यक्त करना, अत्यधिक अपराधबोध या शर्म महसूस करना, दूसरों पर बोझ महसूस करना आदि. इसके अलावा मरने के तरीकों की योजना बनाना या उन पर शोध करना, दोस्तों से अलग हो जाना, अलविदा कहना, महत्वपूर्ण चीजें दे देना या वसीयत करना, बहुत तेज गाड़ी चलाना, कम सोना, बार-बार ड्रग्स या शराब लेने की इच्छा जैसे खतरनाक जोखिम उठाना.

आत्महत्या से पहले ये लक्षण भी हो सकते हैं:

लगातार परेशान रहना: लगातार दर्द लोगों को आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने के लिए तैयार कर देता है. एनआईएच के अनुसार , जो लोग हमेशा दुखी रहते हैं उनमें आत्महत्या करने की संभावना अधिक होती है. उनकी बातों में दुःख और निराशा के स्पष्ट संकेत हैं. ऐसे लोग हमेशा किसी बात को लेकर सकारात्मक होने की बजाय निराशावादी सोचते हैं.

सोशल मीडिया से दूरी: अक्सर देखा जाता है कि सार्वजनिक स्थानों पर दूरी बनाए रखने की कोशिश करें लक्षणों में खुद को सोशल मीडिया से दूर करना या अपने पुराने पोस्ट हटाना शामिल हो सकते हैं. आत्महत्या करने से पहले व्यक्ति को अंतिम समय में अपने प्रियजनों से बात करने की इच्छा अवश्य व्यक्त करनी चाहिए. कई मामलों में व्यक्ति आत्महत्या करने से पहले अपने प्रियजनों से माफी भी मांगता है. यदि आपका कोई प्रिय व्यक्ति आपको कॉल करता है और आपसे अलग तरह से बात करता है, तो तुरंत मदद करने का प्रयास करें.

पैनिक अटैक: बहुत ही दुर्लभ मामलों में व्यक्ति को पैनिक अटैक आने लगता है. पैनिक अटैक को आत्मघाती लक्षण माना जा सकता है. यदि आपके किसी परिचित को पैनिक अटैक आ रहा है, तो आपको उनकी मदद करनी चाहिए...

पैनिक अटैक क्या है (What is a panic attack)?

चिंता और भय की शुरुआत को पैनिक अटैक कहा जाता है. जब घबराहट होने पर व्यक्ति अचानक घबरा जाता है तो पैनिक अटैक जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

पैनिक अटैक के लक्षण: अत्यधिक पसीना आना, चिंता, सांस लेने में कठिनाई, घुटन महसूस होना, चक्कर आना या हल्का सिरदर्द महसूस होना, ठंड लगना, बेहोशी आदि. इन लक्षणों को पहचानकर हम अपने प्रियजनों या परिचितों की जान बचा सकते हैं. कभी-कभी ऐसे व्यक्ति को बातचीत करके प्रोत्साहित करके या उसकी समस्याओं को समझने की कोशिश करके उसकी मदद करनी चाहिए.

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7891495/

https://www.nimh.nih.gov/health/publications/warning-signs-of-suside

(नोट): आत्महत्या कोई समाधान नहीं है यदि आपके मन में कभी भी आत्महत्या के विचार आए हों या किसी मित्र या परिचित ने आए हों, तो घबराएं नहीं. जानिए, कोई है जो आपका दर्द, आपकी हताशा साझा करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. आपके साथ खड़े होने के लिए तैयार हूं. मदद के लिए दिन में किसी भी समय स्नेहा फाउंडेशन को 044-24640050 पर कॉल करें. आप टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के हेल्पलाइन नंबर (9152987821) पर भी कॉल कर सकते हैं. सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे के बीच यहां कॉल करें.

(विशेष नोट: इस रिपोर्ट में उल्लिखित जानकारी पोषण विशेषज्ञ-विशेषज्ञ की व्यक्तिगत राय और प्रचलित राय के आधार पर लिखी गई है. यह रिपोर्ट केवल अवधारणा और सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले कृपया विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें. यदि पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या बनी रहती है तो इसकी सूचना पहले ही डॉक्टर को देनी चाहिए.)

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हैदराबाद: सभी के जीवन में कभी ना कभी एक ऐसा मोड़ आता है, जहां पर हर व्यक्ति खुद को हताश महसूस करने लगता है. सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या आज भी अविस्मरणीय है. 34 वर्षीय इस युवा कलाकार ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे फिल्म उद्योग और नेटिजन्स के बीच हंगामा मच गया था. कभी किसी ने नहीं सोचा था कि इतना प्रतिभाशाली अभिनेता ऐसा काम कर सकता है.

वहीं, हाल ही में मलायका अरोड़ा के पिता अनिल मेहता ने भी आत्महत्या कर ली. अपने पिता के अचानक उठाए गए इस कदम से मलायका बेहद दुखी हैं और जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा है, हर कोई शॉक्ड है. खबरों के मुताबिक, सुशांत सिंह राजपूत और अनिल मेहता की आत्महत्या के पीछे मुख्य वजह डिप्रेशन है. चलिए जानते हैं कि कैसे स्यूसाइड की फीलिंग से डील किया जा सकता है.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो और कई जिंदगियां बचाई जा सकें. आत्महत्या पर चर्चा इसलिए जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं.

अब यह आमतौर पर पूछा जाता है कि क्या डिप्रेशन का कोई फेज होता है, जहां व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाता है?

डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (डीएसएम) के अनुसार, शोध में आत्महत्या से पहले होने वाले कुछ लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

अध्ययन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अचानक आत्महत्या जैसा बड़ा कदम नहीं उठाता. विशेषज्ञों के मुताबिक, आत्महत्या करने वाला व्यक्ति काफी देर तक इसके बारे में सोचता रहता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (NIH) के मुताबिक, कोई भी इस रास्ते को आसानी से नहीं चुनता. इन सभी चीजों के बारे में व्यक्ति काफी देर तक सोचता रहता है. आप कुछ संकेतों को देखकर समझ सकते हैं, जानिए क्या हैं लक्षण?

बार-बार मरने की इच्छा व्यक्त करना, अत्यधिक अपराधबोध या शर्म महसूस करना, दूसरों पर बोझ महसूस करना आदि. इसके अलावा मरने के तरीकों की योजना बनाना या उन पर शोध करना, दोस्तों से अलग हो जाना, अलविदा कहना, महत्वपूर्ण चीजें दे देना या वसीयत करना, बहुत तेज गाड़ी चलाना, कम सोना, बार-बार ड्रग्स या शराब लेने की इच्छा जैसे खतरनाक जोखिम उठाना.

आत्महत्या से पहले ये लक्षण भी हो सकते हैं:

लगातार परेशान रहना: लगातार दर्द लोगों को आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने के लिए तैयार कर देता है. एनआईएच के अनुसार , जो लोग हमेशा दुखी रहते हैं उनमें आत्महत्या करने की संभावना अधिक होती है. उनकी बातों में दुःख और निराशा के स्पष्ट संकेत हैं. ऐसे लोग हमेशा किसी बात को लेकर सकारात्मक होने की बजाय निराशावादी सोचते हैं.

सोशल मीडिया से दूरी: अक्सर देखा जाता है कि सार्वजनिक स्थानों पर दूरी बनाए रखने की कोशिश करें लक्षणों में खुद को सोशल मीडिया से दूर करना या अपने पुराने पोस्ट हटाना शामिल हो सकते हैं. आत्महत्या करने से पहले व्यक्ति को अंतिम समय में अपने प्रियजनों से बात करने की इच्छा अवश्य व्यक्त करनी चाहिए. कई मामलों में व्यक्ति आत्महत्या करने से पहले अपने प्रियजनों से माफी भी मांगता है. यदि आपका कोई प्रिय व्यक्ति आपको कॉल करता है और आपसे अलग तरह से बात करता है, तो तुरंत मदद करने का प्रयास करें.

पैनिक अटैक: बहुत ही दुर्लभ मामलों में व्यक्ति को पैनिक अटैक आने लगता है. पैनिक अटैक को आत्मघाती लक्षण माना जा सकता है. यदि आपके किसी परिचित को पैनिक अटैक आ रहा है, तो आपको उनकी मदद करनी चाहिए...

पैनिक अटैक क्या है (What is a panic attack)?

चिंता और भय की शुरुआत को पैनिक अटैक कहा जाता है. जब घबराहट होने पर व्यक्ति अचानक घबरा जाता है तो पैनिक अटैक जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है.

पैनिक अटैक के लक्षण: अत्यधिक पसीना आना, चिंता, सांस लेने में कठिनाई, घुटन महसूस होना, चक्कर आना या हल्का सिरदर्द महसूस होना, ठंड लगना, बेहोशी आदि. इन लक्षणों को पहचानकर हम अपने प्रियजनों या परिचितों की जान बचा सकते हैं. कभी-कभी ऐसे व्यक्ति को बातचीत करके प्रोत्साहित करके या उसकी समस्याओं को समझने की कोशिश करके उसकी मदद करनी चाहिए.

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7891495/

https://www.nimh.nih.gov/health/publications/warning-signs-of-suside

(नोट): आत्महत्या कोई समाधान नहीं है यदि आपके मन में कभी भी आत्महत्या के विचार आए हों या किसी मित्र या परिचित ने आए हों, तो घबराएं नहीं. जानिए, कोई है जो आपका दर्द, आपकी हताशा साझा करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. आपके साथ खड़े होने के लिए तैयार हूं. मदद के लिए दिन में किसी भी समय स्नेहा फाउंडेशन को 044-24640050 पर कॉल करें. आप टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के हेल्पलाइन नंबर (9152987821) पर भी कॉल कर सकते हैं. सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे के बीच यहां कॉल करें.

(विशेष नोट: इस रिपोर्ट में उल्लिखित जानकारी पोषण विशेषज्ञ-विशेषज्ञ की व्यक्तिगत राय और प्रचलित राय के आधार पर लिखी गई है. यह रिपोर्ट केवल अवधारणा और सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले कृपया विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें. यदि पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या बनी रहती है तो इसकी सूचना पहले ही डॉक्टर को देनी चाहिए.)

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