गया: महिलाएं सेनिटरी पैड के विकल्प के तौर पर पीरियड्स के दिनों में माहवारी कप का इस्तेमाल कर सकती है. माहवारी कप महिलाओं के लिए कंफर्टेबल साबित हो सकता है वहीं इसके स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ फायदे हैं, जो इसे खास बनाते हैं. हालांकि बिहार जैसे राज्य में माहवारी कप बिल्कुल नया है. देश के कुछ विकसित राज्यों में माहवारी कप का उपयोग पढ़ी-लिखी महिलाएं सीमित तौर पर कर रही है.
"माहवारी कप का उपयोग कई तरह से फायदेमंद है. एक तो इसका उपयोग करने वाली महिलाओं को यह बिल्कुल सुविधा के अनुसार लगता है, दूसरा इन्फेक्शन की संभावना कम हो जाती है. तीसरा किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम माहवारी कप का उपयोग करके कर सकते हैं."- डा. विवेकानंद मिश्रा, चिकित्सक
इसके कई फायदे हैंः माहवारी कप के इस्तेमाल के कई फायदे हैं. माहवारी कप महज ₹300 से ₹400 की कीमत में मिल जाता है. इसका उपयोग पीरियड्स के लिए महिलाएं 10 सालों तक कर सकती है, जबकि सेनेटरी पैड माहवारी के दिनों में यूज करना थोड़ा महंगा होता है. वहीं, सेनेटरी पैड को बार-बार चेंज करने की परेशानी भी होती है. पूरी तरह से कपनुमा माहवारी कप सिलिकॉन से बना होता है. सिलिकॉन से बने रहने के कारण यह मुलायम होता है और माहवारी के दिनों में इसका उपयोग से महिलाओं को ज्यादा तकलीफ नहीं होती है.
पूरी जानकारी लेकर करें उपयोगः किस तरह से इसका यूज पीरियड्स के दौरान किया जाए, इसकी जानकारी ले लेनी चाहिए. इसके उपयोग से माहवारी के दौरान इंफेक्शन के खतरे की जो आशंका रहती है वह घट जाती है. सेनेटरी पैड जहां माहवारी के दौरान तीन -चार घंटे में बदलने पड़ते हैं. वही, माहवारी कप के उपयोग से इस परेशानी से निजात मिलती है. सैनिटरी पैड वेस्टेज को फेंंकना किसी मुश्किल से कम नहीं होता. माहवारी कप का दूसरी बार उपयोग स्ट्रेरिलाइज्ड करके ही करना चाहिए.
चलाया जा रहा जागरुकता अभियानः अब देश के कई हिस्सों में माहवारी कप के उपयोग को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जागरूकता अभियान से महिलाएं काफी कुछ सीखती हैं. फिर माहवारी कप का उपयोग करना शुरू कर रही हैं. बिहार में भी अब कुछ स्थानों पर महिलाएं माहवारी कप उपयोग करने लगी हैं. आज भी ग्रामीण इलाकों में महिलाएं सैनिटरी पैड तक का उपयोग नहीं करती हैं. वह कपड़े का ही उपयोग करती हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है.
मजदूर महिला भी कर सकती इस्तेमालः माहवारी कप उपयोग किसान और मजदूर महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है. माहवारी कप के उपयोग से महिला किसान या महिला मजदूर बगैर किसी परेशानी के खेती का काम कर सकती हैं. फिलहाल अभी धान रोपनी का समय है. धान की रोपनी ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं. ऐसे में उनके लिए माहवारी कप की उपयोगिता काफी है. नायलॉन का रहने का कारण यह मुलायम और लचीला होता है. इसके उपयोग से महिलाओं को कोई दिक्कते नहीं होती.
पर्यावरण संतुलन में भी मददगारः सेनेटरी पैड का उपयोग ज्यादातर महिलाएं करती हैं. सैनिटरी पैड के वेस्टेज से पर्यावरण संतुलन को भी खतरा होता है. ऐसे में यदि माहवारी कप का उपयोग किया जाए, तो सैनिटरी पैड के वेस्टेज से निजात मिल सकेगी. एक महिला की पहल क्लाइमेट चेंज को रोकने में मददगार साबित हो सकता है. क्योंकि अब छोटी-छोटी चीज से क्लाइमेट प्रभावित हो रहा है. ऐसे में माहवारी कप का उपयोग हो, तो सैनिटरी पैड के वेस्टेज से पर्यावरण पर पड़ने वाला असर कम हो सकता है.
10 सालों तक कर सकते हैं उपयोगः माहवारी कप का उपयोग लगातार 10 सालों तक किया जा सकता है. माहवारी कप का उपयोग फिलहाल देश में नहीं के बराबर हो रहा है, लेकिन धीरे-धीरे कई संस्थाएं आगे आई हैं और महिलाएं जागरूक हो रही है. संस्थाओं के माध्यम से माहवारी कप कम मूल्य पर उपलब्ध कराया जा रहा है. 400 रुपये कीमत वाली माहवारी कप को संस्था के माध्यम से 100 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है.
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