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टीनएज ओबेसिटी से हेल्थ के आलावा और भी गंभीर नुकसान होते हैं, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय - Teenage obesity

Teenage obesity : टीनएज ओबेसिटी को आज के दौर की सबसे बड़ी वैश्विक समस्याओं में से एक माना जाता है. देश-विदेश में हुए शोधों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है की टीनएज ओबेसिटी ना सिर्फ किशोरों में कई मानसिक व शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है बल्कि उनके सामाजिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है. Obesity , teenagers social life , teenagers health , Teenage problems , motapa .

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी मोटापा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 29, 2024, 7:39 AM IST

Updated : Apr 30, 2024, 6:30 AM IST

देश हो या विदेश टीनएज ओबेसिटी आज के दौर की बड़ी समस्याओं में से एक मानी जाती है. दरअसल पिछले कुछ सालों में अलग-अलग कारणों से 13 से 19 वर्ष की आयु वाले युवा किशोरों में Obesity तथा उसके कारण होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के मामले काफी ज्यादा देखने में आ रहे हैं. चिकित्सकों की माने तो Teenage obesity एक ऐसी समस्या है जो किशोरों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को तो प्रभावित करती ही है साथ ही उनके सामाजिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है.

टीनएज ओबेसिटी के प्रभाव : ठाणे मुंबई के जनरल फिजीशियन डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि ओबेसिटी ( मोटापा ) चाहे किसी भी आयुवर्ग के लोगों को हो, यह उनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट प्रॉब्लम, मेटाबॉलिज्म विकारों, कमर दर्द, मांसपेशियों में समस्या तथा कैंसर सहित कई रोगों व समस्याओं के जोखिम को बढ़ाती है. लेकिन किशोरावस्था में मोटापा शारीरिक समस्याओं के साथ किशोरों के शारीरिक विकास व मानसिक स्वास्थ्य को भी काफी प्रभावित कर सकती है.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी

मोटापे का कारण : वह बताते हैं कि Teenage obesity के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अव्यवस्थित खान-पान यानी तले हुए आहार, बाजार में मिलने वाले जंक फूड या अल्प-गुणवत्ता वाले भोजन, प्रोसेस्ड फूड, और ज्यादा मीठे वाली मिठाईयों व कोल्ड ड्रिंक आदि का ज्यादा मात्रा में सेवन, खराब जीवनशैली जैसे कम व्यायाम, लगातार बैठकर टीवी व मोबाइल देखते रहने की आदत, दौड़ने भागने वाले खेल या गतिविधियों में भाग ना लेना तथा तनाव आदि. वहीं कई बार आनुवंशिकता तथा किसी रोग या दवा के पार्श्व प्रभाव के कारण भी ओबेसिटी की समस्या हो सकती है. डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि टीनएज ओबेसिटी को रोकने में कुछ बातें काफी मददगार हो सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी मोटापा

स्वस्थ खान-पान : कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की बजाय भोजन में साबुत अनाज, सब्जियों और फलों युक्त ताजे व सुपाच्य आहार को प्राथमिकता दें. जिनमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, हेल्दी फैट तथा अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हो.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
ओबेसिटी मोटापा

नियमित व्यायाम : वैसे तो लड़कियां हो या लड़के , उन्हें अपनी किशोरावस्था में ऐसे खेल, व्यायाम तथा गतिविधियों में शामिल होना चाहिए जिनसे उनके शरीर का जरूरी मात्रा में व्यायाम हो और शरीर सक्रिय रहे. लेकिन अगर किशोर अपनी नियमित दिनचर्या में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें सप्ताह में तीन दिन कम से कम आधा से एक घंटा दौड़, योग या किसी भी प्रकार का व्यायाम जरूर करना चाहिए.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
मोटापा

संतुलित जीवनशैली : Obesity के कारणों में जरूरी मात्रा में नींद की कमी को भी एक बड़ा कारण माना जाता है. वहीं लंबी अवधि तक फोन, टीवी या लैपटॉप के समक्ष समय बिताने से भी ओबेसिटी का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि समय से सोया तथा जागा जाय, रात में कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर ली जाय तथा किसी भी प्रकार की स्क्रीन के समक्ष बिताए जाने वाले समय को कम किया जाए . कहने का तात्पर्य यह है की अनुशासित तथा समयबद्ध दिनचर्या का पालन किया जाए.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी

स्ट्रेस नियंत्रित रखें : आजकल किशोरों में सिर्फ पढ़ाई या भविष्य में रोजगार की चिंता के कारण ही नहीं बल्कि दूसरों के समक्ष अच्छी इमेज बनाने, गर्लफ्रेंड या ब्वायफ्रेंड के कारण तथा मातापिता के साथ मनमुटाव सहित बहुत से कारणों से ज्यादा स्ट्रेस होने के मामले देखने में आते हैं. स्ट्रेस यानी तनाव को भी Obesity के खास कारणों से में एक माना जाता है. इसलिए जहां तक संभव हो परिजनों तथा अध्यापकों को किशोरों से बातचीत करते रहना चाहिए तथा उन्हें हर संभव तरह से जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस के प्रभाव में आने से बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए.

जागरूकता जरूरी : बहुत जरूरी है कि किशोरावस्था में युवा किशोरों को स्वस्थ जीवनशैली और मोटापे के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाए. जिससे वे ना सिर्फ अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहे, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए स्वयं प्रयास करें.

सही समय पर जांच जरूरी : डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि किशोरो में जरूरत से ज्यादा बढ़ते वजन को बहुत से मातापिता अच्छे स्वास्थ्य की निशानी मानकर उनकी ओर ध्यान नहीं देते हैं, जो गलत है. बहुत जरूरी है कि वयस्कों को समझाया तथा शिक्षित किया जाय कि बच्चों में किसी भी आयु में ओबेसिटी, कई बार कई कम या ज्यादा गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है. विशेषतौर पर ऐसे किशोर जो पहले से ही किसी रोग या स्वास्थ्य से जुड़ी अवस्था का सामना कर रहे हैं, उनके लिए Obesity से बचाव बहुत जरूरी हो जाता है. क्योंकि इसके कारण कई अन्य गंभीर समस्याएं भी ट्रिगर हो सकती हैं.

वह बताते हैं की ऐसे बच्चे जो पहले से ही Obesity का शिकार हैं उनके माता-पिता को चाहिए की वे नियमित जांच, इलाज व जरूरी सावधानियों का पालन करने के साथ , बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग करें. साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें. Obesity , Teenage problems , motapa , teenagers social life , teenagers health , Obesity

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देश हो या विदेश टीनएज ओबेसिटी आज के दौर की बड़ी समस्याओं में से एक मानी जाती है. दरअसल पिछले कुछ सालों में अलग-अलग कारणों से 13 से 19 वर्ष की आयु वाले युवा किशोरों में Obesity तथा उसके कारण होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के मामले काफी ज्यादा देखने में आ रहे हैं. चिकित्सकों की माने तो Teenage obesity एक ऐसी समस्या है जो किशोरों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को तो प्रभावित करती ही है साथ ही उनके सामाजिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है.

टीनएज ओबेसिटी के प्रभाव : ठाणे मुंबई के जनरल फिजीशियन डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि ओबेसिटी ( मोटापा ) चाहे किसी भी आयुवर्ग के लोगों को हो, यह उनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट प्रॉब्लम, मेटाबॉलिज्म विकारों, कमर दर्द, मांसपेशियों में समस्या तथा कैंसर सहित कई रोगों व समस्याओं के जोखिम को बढ़ाती है. लेकिन किशोरावस्था में मोटापा शारीरिक समस्याओं के साथ किशोरों के शारीरिक विकास व मानसिक स्वास्थ्य को भी काफी प्रभावित कर सकती है.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी

मोटापे का कारण : वह बताते हैं कि Teenage obesity के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अव्यवस्थित खान-पान यानी तले हुए आहार, बाजार में मिलने वाले जंक फूड या अल्प-गुणवत्ता वाले भोजन, प्रोसेस्ड फूड, और ज्यादा मीठे वाली मिठाईयों व कोल्ड ड्रिंक आदि का ज्यादा मात्रा में सेवन, खराब जीवनशैली जैसे कम व्यायाम, लगातार बैठकर टीवी व मोबाइल देखते रहने की आदत, दौड़ने भागने वाले खेल या गतिविधियों में भाग ना लेना तथा तनाव आदि. वहीं कई बार आनुवंशिकता तथा किसी रोग या दवा के पार्श्व प्रभाव के कारण भी ओबेसिटी की समस्या हो सकती है. डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि टीनएज ओबेसिटी को रोकने में कुछ बातें काफी मददगार हो सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी मोटापा

स्वस्थ खान-पान : कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की बजाय भोजन में साबुत अनाज, सब्जियों और फलों युक्त ताजे व सुपाच्य आहार को प्राथमिकता दें. जिनमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, हेल्दी फैट तथा अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हो.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
ओबेसिटी मोटापा

नियमित व्यायाम : वैसे तो लड़कियां हो या लड़के , उन्हें अपनी किशोरावस्था में ऐसे खेल, व्यायाम तथा गतिविधियों में शामिल होना चाहिए जिनसे उनके शरीर का जरूरी मात्रा में व्यायाम हो और शरीर सक्रिय रहे. लेकिन अगर किशोर अपनी नियमित दिनचर्या में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें सप्ताह में तीन दिन कम से कम आधा से एक घंटा दौड़, योग या किसी भी प्रकार का व्यायाम जरूर करना चाहिए.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
मोटापा

संतुलित जीवनशैली : Obesity के कारणों में जरूरी मात्रा में नींद की कमी को भी एक बड़ा कारण माना जाता है. वहीं लंबी अवधि तक फोन, टीवी या लैपटॉप के समक्ष समय बिताने से भी ओबेसिटी का जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि समय से सोया तथा जागा जाय, रात में कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर ली जाय तथा किसी भी प्रकार की स्क्रीन के समक्ष बिताए जाने वाले समय को कम किया जाए . कहने का तात्पर्य यह है की अनुशासित तथा समयबद्ध दिनचर्या का पालन किया जाए.

Teenage obesity affects teenagers social life and health
टीनएज ओबेसिटी

स्ट्रेस नियंत्रित रखें : आजकल किशोरों में सिर्फ पढ़ाई या भविष्य में रोजगार की चिंता के कारण ही नहीं बल्कि दूसरों के समक्ष अच्छी इमेज बनाने, गर्लफ्रेंड या ब्वायफ्रेंड के कारण तथा मातापिता के साथ मनमुटाव सहित बहुत से कारणों से ज्यादा स्ट्रेस होने के मामले देखने में आते हैं. स्ट्रेस यानी तनाव को भी Obesity के खास कारणों से में एक माना जाता है. इसलिए जहां तक संभव हो परिजनों तथा अध्यापकों को किशोरों से बातचीत करते रहना चाहिए तथा उन्हें हर संभव तरह से जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस के प्रभाव में आने से बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए.

जागरूकता जरूरी : बहुत जरूरी है कि किशोरावस्था में युवा किशोरों को स्वस्थ जीवनशैली और मोटापे के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाए. जिससे वे ना सिर्फ अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहे, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए स्वयं प्रयास करें.

सही समय पर जांच जरूरी : डॉ आशीष कुमार बताते हैं कि किशोरो में जरूरत से ज्यादा बढ़ते वजन को बहुत से मातापिता अच्छे स्वास्थ्य की निशानी मानकर उनकी ओर ध्यान नहीं देते हैं, जो गलत है. बहुत जरूरी है कि वयस्कों को समझाया तथा शिक्षित किया जाय कि बच्चों में किसी भी आयु में ओबेसिटी, कई बार कई कम या ज्यादा गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है. विशेषतौर पर ऐसे किशोर जो पहले से ही किसी रोग या स्वास्थ्य से जुड़ी अवस्था का सामना कर रहे हैं, उनके लिए Obesity से बचाव बहुत जरूरी हो जाता है. क्योंकि इसके कारण कई अन्य गंभीर समस्याएं भी ट्रिगर हो सकती हैं.

वह बताते हैं की ऐसे बच्चे जो पहले से ही Obesity का शिकार हैं उनके माता-पिता को चाहिए की वे नियमित जांच, इलाज व जरूरी सावधानियों का पालन करने के साथ , बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग करें. साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें. Obesity , Teenage problems , motapa , teenagers social life , teenagers health , Obesity

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Last Updated : Apr 30, 2024, 6:30 AM IST
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