ETV Bharat / health

बरसात के मौसम में बढ़ सकती हैं इस बीमारी से पीड़ितों की समस्याएं - Rainy Season Health Tips

Rainy Season Health Tips : बरसात का मौसम अपने साथ एक ताजगी और सुकून लाता है, लेकिन बीमारों के लिए यह समय अक्सर चुनौतियों से भरा होता है. इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जो श्वास रोगियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है.

precautions for respiratory patients in rainy season
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 17, 2024, 7:50 AM IST

Updated : Jul 18, 2024, 6:02 AM IST

हैदराबाद : बरसात का मौसम श्वास रोगियों के लिए चुनौतियां ला सकता है, लेकिन सही सावधानियों और उपचार के साथ इन समस्याओं से बचा जा सकता है. जानकार मानते हैं कि यह समय अक्सर चुनौतियों से भरा होता है, श्वास रोगी स्वच्छता, नियमित दवाइयों का सेवन व उचित खान-पान जैसे उपायों से इस मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं और सुकून के साथ बरसात का आनंद ले सकते हैं.

बरसात में श्वास रोगियों की समस्याएं : दिल्ली के लाइफ अस्पताल के चिकित्सक डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि बरसात के मौसम में वातावरण में नमी और ठंडक अस्थमा के रोगियों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन सकती है. वहीं नमी के कारण वातावरण में फफूंद और धूल के कण बढ़ जाते हैं, जिससे अस्थमा रोगियों में अस्थमा के दौरे बढ़ सकते हैं.

precautions for respiratory patients in rainy season
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

वहीं इस मौसम में एलर्जी के मामले भी बढ़ जाते हैं. दरअसल इस मौसम में वातावरण में फफूंद और धूल के कण के साथ पराग कण तथा मच्छर,मक्खी, मकड़ी तथा अन्य कई कीट पतंगों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से श्वास रोगियों में और कई बार सामान्य लोगों में भी एलर्जी प्रतिक्रियाओं को बढ़ा सकते है. इसके अलावा इस मौसम में जिन लोगों के घर में कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवर हो या जो लोग जानवरों के ज़्यादा संपर्क में रहते हैं उनमें जानवरों के कारण होने वाली एलरजिक प्रतिक्रियाएं भी बढ़ सकती हैं. जिनके चलते पीड़ित में कई बार कुछ क्षणों के लिए तो कभी लंबे समय के लिए एलर्जी प्रतिक्रियाएं नजर आ सकती हैं. ऐसे में सामान्यतः पीड़ित में छींक आना, आंखों में जलन, नाक से पानी बहना और सांस लेने में कठिनाई जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.

इसके अलावा बरसात में चूंकि बैक्टीरिया और वायरस भी तेजी से फैलते हैं, जिससे संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है. जो श्वास संबंधी समस्याओं व एलर्जी के प्रभाव को ज्यादा खराब भी कर सकती है. वह बताते हैं कि इस मौसम में खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और न्यूमोनिया जैसी समस्याओं के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.

precautions for respiratory patients in rainy season
कॉन्सेप्ट इमेज (Getty Images)

बचाव के उपाय
डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि ऐसे लोग जो किसी श्वास संबंधी समस्या जैसे अस्थमा , ब्रोंकाईटिस या किसी अन्य फेफड़ों से जुड़े रोग से पीड़ित हो या जो लोग एलर्जी को लेकर ज्यादा संवेदनशील रहते हैं उन्हे इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. बहुत जरूरी है कि ऐसे लोगों को अपनी दवाओं, आहार व व्यवहार को लेकर अनुशासन व सावधानियों को बरतना चाहिए. इसके अलावा भी कुछ बातें तथा सावधानियां हैं जिन्हे अपनाने से लोग समस्या के प्रभाव के बढ़ने से पहले उसे नियंत्रित कर सकते हैं और बरसात में होने वाली समस्याओं के प्रभाव से सुरक्षित भी रह सकते है. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

स्वच्छता बनाए रखें:
अपने घर को साफ और सूखा रखें. फफूंद और धूल के कणों को कम करने के लिए नियमित रूप से सफाई करें. एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना भी सहायक हो सकता है.

संक्रमण से बचे:
बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें. संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें.

इनहेलर और दवाइयां से जुड़ी सावधानियां :
अपने डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब इनहेलर और दवाइयों का नियमित रूप से उपयोग करें. इसके साथ ही अस्थमा रोगी चिकित्सक द्वारा बताई गई आपातकालीन दवाइयां व इनहेलर हमेशा साथ रखें. जिससे अस्थमा के दौरे की स्थिति में अवस्था को बिगड़ने से रोक जा सके.

खानपान का ध्यान रखें:
अपने आहार में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें. ताजे फल, सब्जियां और हर्बल चाय का सेवन करें. मसालेदार और तैलीय खाद्य पदार्थों से बचें.

व्यायाम और योग:
श्वास रोगियों के लिए नियमित व्यायाम और योग फायदेमंद होते हैं. यह श्वास तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है. प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे श्वास अभ्यास विशेष रूप से लाभकारी हो सकते हैं.

सतर्कता बरतें:
मौसम के बदलाव पर ध्यान दें और अपने शरीर के संकेतों को समझें. किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.

ये भी पढ़ें :

Minimum Walk For You : सिर्फ इतना पैदल चलने से रहेंगे हमेशा हेल्दी और बचेंगे जानलेवा बीमारियों से

Early morning Walk : इस समय करेंगे सैर तो शरीर को होगा ज्यादा फायदा

हैदराबाद : बरसात का मौसम श्वास रोगियों के लिए चुनौतियां ला सकता है, लेकिन सही सावधानियों और उपचार के साथ इन समस्याओं से बचा जा सकता है. जानकार मानते हैं कि यह समय अक्सर चुनौतियों से भरा होता है, श्वास रोगी स्वच्छता, नियमित दवाइयों का सेवन व उचित खान-पान जैसे उपायों से इस मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं और सुकून के साथ बरसात का आनंद ले सकते हैं.

बरसात में श्वास रोगियों की समस्याएं : दिल्ली के लाइफ अस्पताल के चिकित्सक डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि बरसात के मौसम में वातावरण में नमी और ठंडक अस्थमा के रोगियों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन सकती है. वहीं नमी के कारण वातावरण में फफूंद और धूल के कण बढ़ जाते हैं, जिससे अस्थमा रोगियों में अस्थमा के दौरे बढ़ सकते हैं.

precautions for respiratory patients in rainy season
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

वहीं इस मौसम में एलर्जी के मामले भी बढ़ जाते हैं. दरअसल इस मौसम में वातावरण में फफूंद और धूल के कण के साथ पराग कण तथा मच्छर,मक्खी, मकड़ी तथा अन्य कई कीट पतंगों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से श्वास रोगियों में और कई बार सामान्य लोगों में भी एलर्जी प्रतिक्रियाओं को बढ़ा सकते है. इसके अलावा इस मौसम में जिन लोगों के घर में कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवर हो या जो लोग जानवरों के ज़्यादा संपर्क में रहते हैं उनमें जानवरों के कारण होने वाली एलरजिक प्रतिक्रियाएं भी बढ़ सकती हैं. जिनके चलते पीड़ित में कई बार कुछ क्षणों के लिए तो कभी लंबे समय के लिए एलर्जी प्रतिक्रियाएं नजर आ सकती हैं. ऐसे में सामान्यतः पीड़ित में छींक आना, आंखों में जलन, नाक से पानी बहना और सांस लेने में कठिनाई जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.

इसके अलावा बरसात में चूंकि बैक्टीरिया और वायरस भी तेजी से फैलते हैं, जिससे संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है. जो श्वास संबंधी समस्याओं व एलर्जी के प्रभाव को ज्यादा खराब भी कर सकती है. वह बताते हैं कि इस मौसम में खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और न्यूमोनिया जैसी समस्याओं के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.

precautions for respiratory patients in rainy season
कॉन्सेप्ट इमेज (Getty Images)

बचाव के उपाय
डॉ अशरीर कुरैशी बताते हैं कि ऐसे लोग जो किसी श्वास संबंधी समस्या जैसे अस्थमा , ब्रोंकाईटिस या किसी अन्य फेफड़ों से जुड़े रोग से पीड़ित हो या जो लोग एलर्जी को लेकर ज्यादा संवेदनशील रहते हैं उन्हे इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है. बहुत जरूरी है कि ऐसे लोगों को अपनी दवाओं, आहार व व्यवहार को लेकर अनुशासन व सावधानियों को बरतना चाहिए. इसके अलावा भी कुछ बातें तथा सावधानियां हैं जिन्हे अपनाने से लोग समस्या के प्रभाव के बढ़ने से पहले उसे नियंत्रित कर सकते हैं और बरसात में होने वाली समस्याओं के प्रभाव से सुरक्षित भी रह सकते है. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

स्वच्छता बनाए रखें:
अपने घर को साफ और सूखा रखें. फफूंद और धूल के कणों को कम करने के लिए नियमित रूप से सफाई करें. एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना भी सहायक हो सकता है.

संक्रमण से बचे:
बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें. संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें.

इनहेलर और दवाइयां से जुड़ी सावधानियां :
अपने डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब इनहेलर और दवाइयों का नियमित रूप से उपयोग करें. इसके साथ ही अस्थमा रोगी चिकित्सक द्वारा बताई गई आपातकालीन दवाइयां व इनहेलर हमेशा साथ रखें. जिससे अस्थमा के दौरे की स्थिति में अवस्था को बिगड़ने से रोक जा सके.

खानपान का ध्यान रखें:
अपने आहार में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें. ताजे फल, सब्जियां और हर्बल चाय का सेवन करें. मसालेदार और तैलीय खाद्य पदार्थों से बचें.

व्यायाम और योग:
श्वास रोगियों के लिए नियमित व्यायाम और योग फायदेमंद होते हैं. यह श्वास तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है. प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे श्वास अभ्यास विशेष रूप से लाभकारी हो सकते हैं.

सतर्कता बरतें:
मौसम के बदलाव पर ध्यान दें और अपने शरीर के संकेतों को समझें. किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.

ये भी पढ़ें :

Minimum Walk For You : सिर्फ इतना पैदल चलने से रहेंगे हमेशा हेल्दी और बचेंगे जानलेवा बीमारियों से

Early morning Walk : इस समय करेंगे सैर तो शरीर को होगा ज्यादा फायदा

Last Updated : Jul 18, 2024, 6:02 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.