ETV Bharat / health

ओवेरियन कैंसर को जड़ से खत्म करेगी ओवेरियनवैक्स वैक्सीन, वैज्ञानिकों का बड़ा दावा - Vaccine for Ovarian Cancer

राहत भरी खबर, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि ओवेरियन कैंसर के लिए दुनिया का पहला वैक्सीन UK में विकसित किया जा रहा है...

Ovarianvax vaccine will eradicate ovarian cancer,
ओवेरियन कैंसर को जड़ को खत्म करेगी ओवेरियनवैक्स वैक्सीन, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा (CANVA)
author img

By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 5, 2024, 1:13 PM IST

कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसकी गंभीरता और उसकी भयावहता से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. हालांकि चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के चलते सही समय पर कैंसर का पता चलने पर उसका इलाज संभव है. लेकिन फिर भी हर साल बड़ी संख्या में लोग जागरूकता और सही समय पर सही इलाज के अभाव में विभिन्न प्रकार के कैंसर के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकॉन) 2018 के अनुसार महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है. मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है.

देर से पता लगता है इस बीमारी के बारे में
महिलाओं में प्रचलित कैंसर की बात करें, तो महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरी का कैंसर होता है. नेशनल ओवेरियन कैंसर कोएलिशन की एक रिपोर्ट की माने तो लक्षणों को लेकर अज्ञानता या उन्हें लेकर अनदेखी के चलते Ovarian cancer से पीड़ित लगभग 85 फीसदी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में बहुत देर से पता चल पाता है. वहीं मात्र 15 फीसदी महिलाओं को समय से इस रोग का निदान मिल पाता है. ऐसे में ज़्यादातर मामलों में जब तक महिला में इस रोग की पुष्टि होती है तक तक इस रोग की जटिलताएं और गंभीरता दोनों बढ़ जाती है.

ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा जाती है जान
इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ओवेरियनवैक्स नामक एक नया टीका विकसित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य ओवेरियन कैंसर को रोकना है. अध्ययन को निधि देने वाले कैंसर रिसर्च यूके ने इसे एक रोमांचक कदम करार दिया है. ओवेरियन कैंसर का असर डिम्बग्रंथि पर पड़ता है, यू.के. में हर साल लगभग 7,500 नए मामलों का निदान किया जाता है, और लगभग 4,100 महिलाएं हर साल इस बीमारी से मर जाती हैं.

ओवेरियनवैक्स टीके का किया गया निर्माण
ओवेरियन कैंसर के उपचार के तरीकों में आम तौर पर सर्जरी और कीमोथेरेपी शामिल होती है, साथ ही कैंसर के प्रकार और प्रसार के आधार पर लक्षित दवाएं और हार्मोन उपचार जैसे अतिरिक्त विकल्प भी उपलब्ध होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवेरियनवैक्स टीके को इस तरह से निर्मित किया जा रहा है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ओवेरियन कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ ले और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोके या नष्ट कर दें.

क्या कहना है वैज्ञानिकों का
हालांकि, वैक्सीन के व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कई साल लगने की उम्मीद है. वर्तमान में, वैज्ञानिक वैक्सीन के लिए सेलुलर लक्ष्यों की पहचान करने और यह निर्धारित करने पर काम कर रहे हैं कि ओवेरियन कैंसर कोशिकाओं पर कौन से प्रोटीन प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा सबसे प्रभावी रूप से पहचाने जाते हैं. इस शोध के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता और सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए क्लिनिकल ​​परीक्षण किए जाएंगे.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एमआरसी वेदरॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन में ओवेरियन कैंसर सेल प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अहमद ने वैक्सीन के लक्ष्य को समझाते हुए कहा कि ये वैक्सीन सेलुलर टारगेट की तरह काम करेगी. वैज्ञानिकों की टीम ये समझने की कोशिश कर रही है कि प्रारंभिक स्टेज में कैंसर कोशिकाओं की सतह पर कौन से प्रोटीन हो सकते हैं, जिन्हें वैक्सीन सबसे जल्दी पता लगा सकती है. इसके आगे के चरणों में वैक्सीन के माध्यम से उन कोशिकाओं को लक्षित करने पर काम किया जाएगा, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं.

यदि ओवेरियनवैक्स टीका सफल रहता है तो
यदि ओवेरियनवैक्स टीका सफल रहता है तो अगले 5 साल के अंदर इसके रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं. ये टीके वर्ल्ड लेवल पर स्वास्थ्य के लिए इस बड़े खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य इस कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने का है, उम्मीद है कि ये वैक्सीन इस दिशा में काफी अच्छे परिणाम दे सकती है. हालांकि हमें अभी भी एक लंबी दूरी तय करनी है. वैक्सीन का लक्ष्य ओवेरियन कैंसर की सतह पर 100 से अधिक प्रोटीनों को पहचानने के लिए डिफेंस सिस्टम को बढ़ावा देना है.

ये भी पढ़ें-

कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसकी गंभीरता और उसकी भयावहता से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. हालांकि चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के चलते सही समय पर कैंसर का पता चलने पर उसका इलाज संभव है. लेकिन फिर भी हर साल बड़ी संख्या में लोग जागरूकता और सही समय पर सही इलाज के अभाव में विभिन्न प्रकार के कैंसर के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकॉन) 2018 के अनुसार महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है. मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है.

देर से पता लगता है इस बीमारी के बारे में
महिलाओं में प्रचलित कैंसर की बात करें, तो महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरी का कैंसर होता है. नेशनल ओवेरियन कैंसर कोएलिशन की एक रिपोर्ट की माने तो लक्षणों को लेकर अज्ञानता या उन्हें लेकर अनदेखी के चलते Ovarian cancer से पीड़ित लगभग 85 फीसदी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में बहुत देर से पता चल पाता है. वहीं मात्र 15 फीसदी महिलाओं को समय से इस रोग का निदान मिल पाता है. ऐसे में ज़्यादातर मामलों में जब तक महिला में इस रोग की पुष्टि होती है तक तक इस रोग की जटिलताएं और गंभीरता दोनों बढ़ जाती है.

ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा जाती है जान
इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ओवेरियनवैक्स नामक एक नया टीका विकसित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य ओवेरियन कैंसर को रोकना है. अध्ययन को निधि देने वाले कैंसर रिसर्च यूके ने इसे एक रोमांचक कदम करार दिया है. ओवेरियन कैंसर का असर डिम्बग्रंथि पर पड़ता है, यू.के. में हर साल लगभग 7,500 नए मामलों का निदान किया जाता है, और लगभग 4,100 महिलाएं हर साल इस बीमारी से मर जाती हैं.

ओवेरियनवैक्स टीके का किया गया निर्माण
ओवेरियन कैंसर के उपचार के तरीकों में आम तौर पर सर्जरी और कीमोथेरेपी शामिल होती है, साथ ही कैंसर के प्रकार और प्रसार के आधार पर लक्षित दवाएं और हार्मोन उपचार जैसे अतिरिक्त विकल्प भी उपलब्ध होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवेरियनवैक्स टीके को इस तरह से निर्मित किया जा रहा है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ओवेरियन कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ ले और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोके या नष्ट कर दें.

क्या कहना है वैज्ञानिकों का
हालांकि, वैक्सीन के व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कई साल लगने की उम्मीद है. वर्तमान में, वैज्ञानिक वैक्सीन के लिए सेलुलर लक्ष्यों की पहचान करने और यह निर्धारित करने पर काम कर रहे हैं कि ओवेरियन कैंसर कोशिकाओं पर कौन से प्रोटीन प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा सबसे प्रभावी रूप से पहचाने जाते हैं. इस शोध के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता और सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए क्लिनिकल ​​परीक्षण किए जाएंगे.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एमआरसी वेदरॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन में ओवेरियन कैंसर सेल प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अहमद ने वैक्सीन के लक्ष्य को समझाते हुए कहा कि ये वैक्सीन सेलुलर टारगेट की तरह काम करेगी. वैज्ञानिकों की टीम ये समझने की कोशिश कर रही है कि प्रारंभिक स्टेज में कैंसर कोशिकाओं की सतह पर कौन से प्रोटीन हो सकते हैं, जिन्हें वैक्सीन सबसे जल्दी पता लगा सकती है. इसके आगे के चरणों में वैक्सीन के माध्यम से उन कोशिकाओं को लक्षित करने पर काम किया जाएगा, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं.

यदि ओवेरियनवैक्स टीका सफल रहता है तो
यदि ओवेरियनवैक्स टीका सफल रहता है तो अगले 5 साल के अंदर इसके रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं. ये टीके वर्ल्ड लेवल पर स्वास्थ्य के लिए इस बड़े खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य इस कैंसर को पूरी तरह से खत्म करने का है, उम्मीद है कि ये वैक्सीन इस दिशा में काफी अच्छे परिणाम दे सकती है. हालांकि हमें अभी भी एक लंबी दूरी तय करनी है. वैक्सीन का लक्ष्य ओवेरियन कैंसर की सतह पर 100 से अधिक प्रोटीनों को पहचानने के लिए डिफेंस सिस्टम को बढ़ावा देना है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.