हैदराबाद : शारीरिक संबंधों में सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल और कन्फ्यूजन हैं. जैसे कि कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या लिंग का आकार शारीरिक संबंधों की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है. लिंग के आकार को लेकर समाज में कई मिथक और पूर्वाग्रह हैं. मीडिया, पोर्नोग्राफी, और सामाजिक धारणाओं ने लिंग के आकार को एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में प्रस्तुत किया है. जिसके चलते लिंग के आकार को अक्सर पुरुष की मर्दानगी और अपने साथी को यौन रूप से संतुष्ट करने की क्षमता का मापदंड माना जाता है. हालांकि चिकित्सक इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि बड़ा लिंग यौन संतुष्टि के लिए आवश्यक है.
क्या है सच्चाई : नई दिल्ली के सेक्सोलोजिस्ट डॉ कालरा बताते हैं कि लिंग का आकार यौन संबंधों की गुणवत्ता को कुछ हद तक प्रभावित कर सकता है, लेकिन ऐसा सिर्फ उस अवस्था में हो सकता है जब लिंग का आकार असामान्य रूप से कम हो या उसमें कुछ विकृति हो. सामान्य तौर पर लिंग के आकार से ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव, संचार, तकनीक, और आपसी समझ यौन संतुष्टि में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
वह बताते हैं कि सामान्य तौर पर महिलाओं में योनि का बाहरी हिस्सा (लगभग डेढ़ से दो इंच) ज्यादा यौन उत्तेजना का अनुभव करता है. ऐसे में यदि लिंग का आकार सामान्य या थोड़ा कम भी हो तो भी वह उत्तेजना पैदा करने में और ऑर्गेज़्म के लिए सक्षम होता है.
वह बताते हैं कि लिंग के आकार से जुड़ा एक आम मिथक यह भी है लिंग का कम आकार नपुंसकता या शारीरिक संबंध बनाने में अक्षमता से जुड़ा होता है. जो कि बिल्कुल गलत है. इन दोनों ही समस्याओं के लिये शारीरिक व मानसिक समस्याएं या रोग जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन लिंग का आकार नहीं.यदि किसी पुरुष में सही मात्रा में स्वस्थ स्पर्म बनते हो तथा इनके लिंग में सामान्य इरेक्शन होता हो तो उन्हे संतान उत्पत्ति तथा शारीरिक संबंध बनाने में कोई समस्या नहीं होती है.
आपसी बातचीत जरूरी
डॉ विपिन कालरा बताते हैं कि सेक्स संबंधों में समस्याओं को लेकर अभी भी लोग चर्चा करने से कतराते हैं क्योंकि विशेष तौर पर पुरुषों को लगता है कि इससे उनकी मर्दानगी पर सवाल उठ सकता है.लेकिन बहुत जरूरी है भ्रामक मिथकों व पूर्वाग्रहों से बाहर निकलकर महिला व पुरुष दोनों अपनी इच्छाओं तथा भावनाओं को एक दूसरे को बताएं. वास्तविकता को समझने और अपने साथी के साथ ईमानदार संबंध बनाने से शारीरिक संबंध तथा भावनात्मक जुड़ाव दोनों सुखद व बेहतर होते हैं. वैसे भी अधिकांश महिलाएं यौन संतुष्टि के लिए भावनात्मक जुड़ाव को अधिक प्राथमिकता देती हैं. उनके लिए लिंग का आकार उतना महत्वपूर्ण नहीं होता जितना की साथी का संवेदनशील और ध्यान पूर्वक व्यवहार.
भ्रम भी बढ़ा सकते हैं समस्याएं
वह बताते हैं कि उनके पास कई पुरुष आते हैं जो लिंग के आकार को लेकर फैली भ्रांतियों के चलते काफी परेशान होते हैं. यहां तक कि कई लोग इसके चलते अपना आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान भी खोने लगते हैं. जिसका प्रभाव उनके यौन जीवन पर भी पड़ता है और उनका यौन प्रदर्शन प्रभावित होने लगता है. यही नहीं इसके चलते अपने साथी के साथ उनके आपसी संबंध भी खराब होने लगते हैं. ऐसे मामलों में समस्या का कारण लिंग का कम आकार नहीं बल्कि व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी तथा संबंधों में असहजता होती है.
बेहतर संबंधों के लिए जरूरी बातें
वह बताते हैं कि अच्छे सेक्स संबंधों के लिए जरूरी है कि पार्टनर आपस में यौन संबंधों के बारे में खुलकर बातचीत करें. और एक दूसरे की इच्छाओं व आवश्यकताओं के बारे में जानने का प्रयास करें. इसके अलावा यौन संबंधों के दौरान तकनीक पर ज्यादा ध्यान देना भी लाभकारी होता है. विभिन्न तकनीकों और मुद्राओं का प्रयोग करके यौन संतुष्टि को बढ़ाया जा सकता है.
यही नहीं हमारा यौन जीवन काफी हर तक हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है. ऐसे में स्वस्थ आहार व स्वस्थ जीवनशैली को अपनाए, अपनी नियमित दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें तथा तनाव से दूर रहने का हर संभव प्रयास करें.
चिकित्सक से लें परामर्श
डॉ विपिन कालरा बताते हैं कि यदि मन में लिंग के आकार को लेकर अत्यधिक चिंता हो या किसी कारण से यौन संबंधों में किसी प्रकार की समस्या हो रही हो तो इंटरनेट या दोस्तों से पूछने या बाबाओं से भस्म बूटी लेने की बजाय विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. विशेषज्ञ ना सिर्फ आपको सही जानकारी देंगे बल्कि यदि किसी प्रकार की समस्या हो भी तो सही परामर्श व इलाज देंगे.