हैदराबाद: टहलना मात्र ही सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है और इससे आपका वजन भी कुछ हद तक कम होता है. लेकिन अगर हम कहें कि टहलने के तरीके में थोड़ा सा बदलाव करने पर आप अपना वजन तेजी से कम कर सकते हैं, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा. मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन में इसी बात का खुलासा किया गया है.
इस शोध में यह सामने आया है कि चलते समय असमान कदम उठाने से आपके चयापचय में काफी वृद्धि हो सकती है, जिससे आपकी ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. असमान कदमों का मतलब एकसमान न चलकर, बड़े और छोटे कदमों का मिश्रण करना है. यह खोज उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाली है, जो अपनी दैनिक दिनचर्या में आसान एडजस्टमेंट करके अपने फिटनेस को बेहतर बनाना चाहते हैं.
मेटाबॉलिक दर पर पड़ता है प्रभाव
डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में चलने के दौरान असमान कदमों के मेटाबॉलिक दर पर पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया. इसके रिजस्ट से यह पता चला कि आपके चलने के पैटर्न में थोड़ा सा बदलाव करना कैलोरी बर्न करने के लिए एकसमान चलने से ज़्यादा फायदेमंद होता है.
विशेषज्ञों का दावा है कि चलने में थोड़ा बदलाव कैलोरी बर्न बढ़ा सकता है. इस शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि कदमों की लंबाई में थोड़ा बदलाव करने से भी मेटाबॉलिक दर में तेज़ी लाई जा सकती है. अध्ययन के लेखक एडम ग्रिमिट ने बताया कि 'मुझे लगता है कि यह मानना उचित होगा कि कदमों की लंबाई में अधिक लगातार और बड़े बदलाव से चलते समय आपकी चयापचय दर बढ़ जाएगी.'
24 साल के लोगों पर किया गया अध्ययन
यह शोध डॉ. ग्रिमिट के नेतृत्व में किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं ने चयापचय पर कदमों के बदलाव के प्रभाव की जांच की. शोध के लिए 24 साल के 18 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया, जिनका वजन औसतन 155 पाउंड था. प्रतिभागी पहले अपने प्राकृतिक कदमों की लंबाई के साथ पांच मिनट तक ट्रेडमिल पर चले.
इसके बाद, प्रतिभागियों को ऐसे कदमों के साथ चलने के लिए कहा गया, जो उनके सामान्य कदमों से 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत कम या ज्यादा लंबे हों. इस दौरान, शोधकर्ताओं ने कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को भी मापा, जो व्यायाम की तीव्रता के संकेतक के रूप में काम करता है.
शोध में क्या निकला निष्कर्ष
अध्ययन का मुख्य निष्कर्ष निकला कि कदमों की परिवर्तनशीलता (2.7 प्रतिशत) में अपेक्षाकृत छोटी वृद्धि के परिणामस्वरूप चयापचय (1.7 प्रतिशथ) में बढ़ोतरी देखी गई. शोधकर्ताओं ने बताया कि 'चलने के दौरान होने वाली चयापचय लागत में कदमों की लंबाई में होने वाली परिवर्तनशीलता एक मामूली, यद्यपि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.'