आप सभी को पता है कि कैंसर एक घातक बीमारी है, इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति बुरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से टूट जाता है. कई बार कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के अभिभावक भी बुरी तरह से टूट जाते है, ऐसे हालातों में मेडिकल फील्ड में कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों के लिए पैलिएटिव केयर मेथड से मरीज का इलाज किया जाता है.
पैलिएटिव केयर मेथड की मदद से कैंसर के मरीजों की मदद की जाती है. कैंसर के अलावा पैलिएटिव केयर का इस्तेमाल पार्किंसन, अल्जाइमर, किडनी की बीमारी, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए भी है. ऐसे मरीज जो शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक तनाव से गुजर रहे होते हैं. तनाव के कारण मरीजों को अनिद्रा, भूख न लगना, कब्ज, थकान, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं. इन लक्षणों को दूर करने के लिए पैलिएटिव केयर देकर मरीजों की भावनात्मक रूप से मदद की जाती है.
इस इलाज में बीमार व्यक्ति को दवाओं के साथ-साथ मानसिक रूप से भी मजबूत किया जाता है. इसके लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम होती है, जो पैलिएटिव केयर की सुविधा मरीज को देते है. कई बार मरीज को इस इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, तो कई बार घर से ही सुझाव के जरिए इलाज किया जाता है. ये केयर मात्र कैंसर के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य जानलेवा बीमारियों के लिए भी उपयोग में लाई जाती है.
दरअसल कैंसर में मरीज की लास्ट स्टेज सबसे खतरनाक स्टेज मानी जाती है. प्रथम द्वितीय स्टेज से पीड़ित को कीमो थेरैपी, रेडियोथेरेपी ,ओर विभिन्न दवाओं के जरिये उपचार किया जाता है. कई बार ऑपरेशन के जरिए भी मरीज को ठीक करने की कोशिश की जाती है. लेकिन कई बार मरीज और उनके परिजनों को कैंसर का पता अंतिम स्टेज पर चलता है, जब मरीज का इलाज संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में मरीज असहनीय दर्द से गुजरता है उसे मानसिक तनाव तक कि दिक्कत आने लगती है. ऐसे हालातों में मरीज की मदद पैलिएटिव केयर से डॉक्टर करते है जिसमे मरीज को दर्द निवारक दवाओं के साथ भूख ना लगने ,उल्टी ,जैसी दिक्कतों से बचाया जाता है. जिससे कि मरीज के अंतिम दिन अच्छे से खुशी-खुशी बीते ,डॉक्टर इस केयर में मरीज ओर परिजनों को मानसिक रूप से तैयार कर कैंसर से लड़ने की प्रेरणा देते है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मेडिकल कॉलेज रिसर्च सेंटर के एनेस्थीसिया विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर मोहित सैनी ने बताया कि पैलिएटिव केयर कैंसर, हार्ट फेलियोर,किडनी फेलियोर, एचआईवी से पीड़ित लोगों को दी जाती है. उन्होंने आगे बताया कि अब गढ़वाल के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पैलिएटिव कियर से पीड़ित मरीजों को दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आज से यूनिट शुरू की गयी है. इसके लिए 4 बेड बनाया गया है, केयर नॉ होने मरीजों को देहरादून ,ऋषिकेश की दौड़ लगानी पड़ती थी अब श्रीनगर में ही गढ़वाल के लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.
उन्होंने आगे कहा कि पहले चरण में ही कैंसर के मरीजों को पैलिएटिव केयर की सुविधा दी जाएगी, इसके साथ ही इस इलाज में मरीज और उनके परिजनों को आर्थिक मदद भी करवाई जाती है ये मदद विभिन्न एनजीओ के जरिए करवाई जाती है.
https://www.cancer.gov/about-cancer/advanced-cancer/care-choices/palliative-care-fact-sheet
- (डिस्कलेमर:-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, कृपया एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)