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जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन और हार्ट डिजीज का खतरा, वैज्ञानिकों ने बताया - 666 RULE OF WALKING

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को पैदल चलने में दिलचस्पी नहीं है, उन्हें हर दिन 6-6-6 रूल को जरूर फॉलो करना चाहिए, पढ़ें....

Know how the 6-6-6 walking rule will easily reduce weight and the risk of heart disease
जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन (PEXELS)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Nov 21, 2024, 1:37 PM IST

वॉकिंग एक्सरसाइज करने का सबसे आसान और बेहद प्रभावी तरीका है. इससे शरीर को कई तरह के बेनिफिट्स मिलते हैं. इससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ और रेस्पिरेटरी सिस्टम में सुधार भी होता है. इतना ही नहीं पैदल चलने से से वजन कम करने में भी मदद मिलती है. वॉकिंग को अंडररेटेड एक्सरसाइज है भी कहा जाता है.

जब भी फिटनेस या वजन घटाने की बात आती है तो लोग जिम की मेंबरशिप लेने या फिर कोई मैजिकल एक्सरसाइज या डाइट के बारे में सोचने लगते हैं, जिससे आपके शरीर से झटपट 5 से 7 किलो वजन कम हो जाए. लेकिन फिटनेस का एक ही टोटका है और वह यह है कि आपको अपने रूटीन में बदलाव करना होगा. कई बार बिजी शेड्यूल और ऑफिस के कामकाज की वजह से लोग जिम या योगा सेंटर नहीं जा पाते हैं. ऐसे में एक बेहद कारगर और आसान नियम इस खबर में आपको बताएंगे, जिससे आपका वजन तो कम होगा ही साथ ही आपका स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहेगा....

Know how the 6-6-6 walking rule will easily reduce weight and the risk of heart disease
जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन और हार्ट डिजीज का खतरा (PEXELS)

क्या है ये 6-6-6 वॉकिंग रूल?
वजन कम करने का सबसे सरल और फायदेमंद रूल है 6-6-6 वॉकिंग नियम. 6-6-6 वॉकिंग रूल आपको फिट रखने का एक शानदार और आसान तरीका है. इस रूल के तहत आपको बस अपनी वॉकिंग हैबिट में 6 अंक को शामिल करना है. वह ऐसे है- आपको सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे कुल 60 मिनट तक वॉक करना है. वॉकिंग के साथ ही आपको इस नियम में 6 मिनट का वार्मअप और 6 मिनट का कूलडाउन भी शामिल करना है. वॉकिंग के 6-6-6 रूटीन को फॉलो करके न सिर्फ आप फिट रह सकते हैं, बल्कि ये आपके बिजी शेड्यूल में भी आसानी से सेट हो जाएगा

सुबह 6 बजे वॉक से करें अपने दिन की शुरुआत
सुबह 6 बजे वॉक करने के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं. रिसर्च के अनुसार, हर दिन 30 मिनट तक वॉक करने से हार्ट डिजीज का खतरा 35 फीसदी तक कम हो जाता है. सुबह की ताजी हवा और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने से आप अपना पूरा दिन एनर्जी और फोकस के साथ बिता पाते हैं. इसके अलावा, सुबह का समय आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन सकता है, जिससे आपके शरीर और दिमाग दोनों को फायदा होता है.

शाम 6 बजे टहलें
स्ट्रेस दूर करने के लिए शाम की सैर दिनभर की व्यस्तता और तनाव से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है. इससे न सिर्फ आपको मानसिक शांति मिलती है बल्कि शरीर भी अच्छी नींद के लिए तैयार होता है. अगर आपके पास ऑफिस से निकलने का समय नहीं है तो आप ऑफिस में भी 20 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं, जो दिनभर की थकान को कम करने में मदद करती है.

Know how the 6-6-6 walking rule will easily reduce weight and the risk of heart disease
जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन और हार्ट डिजीज का खतरा (PEXELS)

60 मिनट की वॉक
शरीर और दिल रहेगा फिट हर दिन 60 मिनट की वॉक शरीर को फैट बर्निंग मोड में आने का मौका देती है, जिससे दिल की सेहत, फेफड़े और सहनशक्ति बेहतर होती है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक, हफ्ते में 30-60 मिनट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली एक्टिविटीज से तमाम बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. इस एक घंटे में आपको शारीरिक ही नहीं बल्कि मेंटल बैलेंस और संतुष्टि भी मिलती है, जो वॉक को रूटीन में बदल देती है.

6 मिनट का वार्म-अप
मांसपेशियों को तैयार करता है टहलने से पहले 6 मिनट का वार्म-अप शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है. इससे शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और मांसपेशियां लचीली बनती हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, वार्म-अप से खेल में चोट लगने का रिस्क कम होता है और मांसपेशियों में एनर्जी लेवल बढ़ जाता है.

6 मिनट का कूल-डाउन
वॉक से पहले शरीर को तैयार करना जितना जरूरी है, ब्रिस्क वॉक के बाद कूल-डाउन करना भी उतना ही जरूरी है। कूल-डाउन करने से हार्ट बीट सामान्य होती है, मसल्स की अकड़न कम होती है और बॉडी अगली वॉक के लिए तैयार होता है. इससे आपके शरीर में फ्लेग्जिबिलिटी बढ़ता है और वॉक के अगले सेशन में शरीर को आसानी से एडजस्ट होने में मदद मिलती है.

ब्रिस्क वॉक को लेकर अमेरिकन जर्नल (American Journal) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की वॉक से शरीर में खुशी का विस्तार करने वाले हार्मोन बनते हैं, जिससे मन तो खुश रहता ही है साथ ही व्यक्ति स्ट्रेस और चिंता यानी एंजायटी से भी दूर रहता है. ब्रिस्क वॉकिंग सिर्फ मानसिक हेल्थ के लिए ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. इस संबंध में किए गए विभिन्न रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि हर दिन ब्रिस्क वॉक करने वालों में मोटापे, हार्ट डिजीज, मेटाबोलिज्म रिलेटेड डिसऑर्डर, तंत्रिका तंत्र तथा मेंटल रिलेटेड डिसऑर्डर और डायबिटीज समेत अन्य कई बीमारियों का खतरा कम होता है.

6-6-6 रूल का असली फायदा रेगुलर होने ने से ही मिल सकता है
6-6-6 नियम में नियमित होना जरूरी है. इसे बिना किसी खास टूल्स या जिम के अपनाया जा सकता है. 6-6-6 वॉकिंग नियम आपकी सेहत, मेंयल पीस और एनर्जी लेवल को बेहतर बनाने में सक्षम है. सुबह की सैर आपको ऑनलाइन या ऑफिस में आमने-सामने की मीटिंग में तनाव के असर को कम करने में काफी मदद करेगी. यह रूटीन आपको एक अच्छी लाइफस्टाइल दे सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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वॉकिंग एक्सरसाइज करने का सबसे आसान और बेहद प्रभावी तरीका है. इससे शरीर को कई तरह के बेनिफिट्स मिलते हैं. इससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ और रेस्पिरेटरी सिस्टम में सुधार भी होता है. इतना ही नहीं पैदल चलने से से वजन कम करने में भी मदद मिलती है. वॉकिंग को अंडररेटेड एक्सरसाइज है भी कहा जाता है.

जब भी फिटनेस या वजन घटाने की बात आती है तो लोग जिम की मेंबरशिप लेने या फिर कोई मैजिकल एक्सरसाइज या डाइट के बारे में सोचने लगते हैं, जिससे आपके शरीर से झटपट 5 से 7 किलो वजन कम हो जाए. लेकिन फिटनेस का एक ही टोटका है और वह यह है कि आपको अपने रूटीन में बदलाव करना होगा. कई बार बिजी शेड्यूल और ऑफिस के कामकाज की वजह से लोग जिम या योगा सेंटर नहीं जा पाते हैं. ऐसे में एक बेहद कारगर और आसान नियम इस खबर में आपको बताएंगे, जिससे आपका वजन तो कम होगा ही साथ ही आपका स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहेगा....

Know how the 6-6-6 walking rule will easily reduce weight and the risk of heart disease
जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन और हार्ट डिजीज का खतरा (PEXELS)

क्या है ये 6-6-6 वॉकिंग रूल?
वजन कम करने का सबसे सरल और फायदेमंद रूल है 6-6-6 वॉकिंग नियम. 6-6-6 वॉकिंग रूल आपको फिट रखने का एक शानदार और आसान तरीका है. इस रूल के तहत आपको बस अपनी वॉकिंग हैबिट में 6 अंक को शामिल करना है. वह ऐसे है- आपको सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे कुल 60 मिनट तक वॉक करना है. वॉकिंग के साथ ही आपको इस नियम में 6 मिनट का वार्मअप और 6 मिनट का कूलडाउन भी शामिल करना है. वॉकिंग के 6-6-6 रूटीन को फॉलो करके न सिर्फ आप फिट रह सकते हैं, बल्कि ये आपके बिजी शेड्यूल में भी आसानी से सेट हो जाएगा

सुबह 6 बजे वॉक से करें अपने दिन की शुरुआत
सुबह 6 बजे वॉक करने के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं. रिसर्च के अनुसार, हर दिन 30 मिनट तक वॉक करने से हार्ट डिजीज का खतरा 35 फीसदी तक कम हो जाता है. सुबह की ताजी हवा और आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने से आप अपना पूरा दिन एनर्जी और फोकस के साथ बिता पाते हैं. इसके अलावा, सुबह का समय आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन सकता है, जिससे आपके शरीर और दिमाग दोनों को फायदा होता है.

शाम 6 बजे टहलें
स्ट्रेस दूर करने के लिए शाम की सैर दिनभर की व्यस्तता और तनाव से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है. इससे न सिर्फ आपको मानसिक शांति मिलती है बल्कि शरीर भी अच्छी नींद के लिए तैयार होता है. अगर आपके पास ऑफिस से निकलने का समय नहीं है तो आप ऑफिस में भी 20 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं, जो दिनभर की थकान को कम करने में मदद करती है.

Know how the 6-6-6 walking rule will easily reduce weight and the risk of heart disease
जानिए 6-6-6 वॉकिंग रूल से कैसे आसानी से कम हो जाएगा वजन और हार्ट डिजीज का खतरा (PEXELS)

60 मिनट की वॉक
शरीर और दिल रहेगा फिट हर दिन 60 मिनट की वॉक शरीर को फैट बर्निंग मोड में आने का मौका देती है, जिससे दिल की सेहत, फेफड़े और सहनशक्ति बेहतर होती है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक, हफ्ते में 30-60 मिनट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली एक्टिविटीज से तमाम बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. इस एक घंटे में आपको शारीरिक ही नहीं बल्कि मेंटल बैलेंस और संतुष्टि भी मिलती है, जो वॉक को रूटीन में बदल देती है.

6 मिनट का वार्म-अप
मांसपेशियों को तैयार करता है टहलने से पहले 6 मिनट का वार्म-अप शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है. इससे शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और मांसपेशियां लचीली बनती हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, वार्म-अप से खेल में चोट लगने का रिस्क कम होता है और मांसपेशियों में एनर्जी लेवल बढ़ जाता है.

6 मिनट का कूल-डाउन
वॉक से पहले शरीर को तैयार करना जितना जरूरी है, ब्रिस्क वॉक के बाद कूल-डाउन करना भी उतना ही जरूरी है। कूल-डाउन करने से हार्ट बीट सामान्य होती है, मसल्स की अकड़न कम होती है और बॉडी अगली वॉक के लिए तैयार होता है. इससे आपके शरीर में फ्लेग्जिबिलिटी बढ़ता है और वॉक के अगले सेशन में शरीर को आसानी से एडजस्ट होने में मदद मिलती है.

ब्रिस्क वॉक को लेकर अमेरिकन जर्नल (American Journal) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की वॉक से शरीर में खुशी का विस्तार करने वाले हार्मोन बनते हैं, जिससे मन तो खुश रहता ही है साथ ही व्यक्ति स्ट्रेस और चिंता यानी एंजायटी से भी दूर रहता है. ब्रिस्क वॉकिंग सिर्फ मानसिक हेल्थ के लिए ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. इस संबंध में किए गए विभिन्न रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि हर दिन ब्रिस्क वॉक करने वालों में मोटापे, हार्ट डिजीज, मेटाबोलिज्म रिलेटेड डिसऑर्डर, तंत्रिका तंत्र तथा मेंटल रिलेटेड डिसऑर्डर और डायबिटीज समेत अन्य कई बीमारियों का खतरा कम होता है.

6-6-6 रूल का असली फायदा रेगुलर होने ने से ही मिल सकता है
6-6-6 नियम में नियमित होना जरूरी है. इसे बिना किसी खास टूल्स या जिम के अपनाया जा सकता है. 6-6-6 वॉकिंग नियम आपकी सेहत, मेंयल पीस और एनर्जी लेवल को बेहतर बनाने में सक्षम है. सुबह की सैर आपको ऑनलाइन या ऑफिस में आमने-सामने की मीटिंग में तनाव के असर को कम करने में काफी मदद करेगी. यह रूटीन आपको एक अच्छी लाइफस्टाइल दे सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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