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जानें कोलेस्ट्रॉल लेवल कैसे नापा जाता है? अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कब कराई जानी चाहिए?

बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बैड या गुड हार्ट के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उच्च कोलेस्ट्रॉल "धमनियों को सख्त" कर सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

Know how cholesterol level is measured?
जानें कोलेस्ट्रॉल लेवल कैसे नापा जाता है? (PEXELS)
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By ETV Bharat Health Team

Published : 2 hours ago

कोलेस्ट्रॉल मोम, फैट जैसा तत्व होता है जो आपकी बॉडी के सभी सेल में पाया जाता है. आपकी बॉडी को हार्मोन, विटामिन डी और खाना पचाने में मदद करने वाले तत्व बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है. आपकी बॉडी अपनी जरूरत के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल बना लेती है लेकिन आप जो खाना खाते हैं, उससे भी एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल आपको मिल जाता है.

आपकी बॉडी में एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल हटाने के लिए सिस्टम होता है लेकिन आपके खून में बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल आपकी आर्टरी की दीवारों पर बैठ जाता है और इससे प्लाक का निर्माण होता हैं. यह प्लाक आपकी आर्टरी को ब्लॉक या जाम कर सकते हैं, जिसके चलते ब्लड का फ्लो दिल और दिमाग में आसानी से नहीं हो पाता है.

कोलेस्ट्रॉल लेवल कैसे नापा जाता है?
कोलेस्ट्रॉल को मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल प्रति डेसीलीटर ब्लड (मिलीग्राम / DL) में मापा जाता है और शरीर में दो टाइप के कोलेस्ट्रॉल होते हैं - "गुड" कोलेस्ट्रॉल (HDL) और "बैड" कोलेस्ट्रॉल (LDL). HDL आपके खून से एलडीएल को हटाकर आपके दिल की सुरक्षा करने में मदद करता है. इस प्रकार धमनियों में HDL के प्रोडक्शन को रोकता है. 60 मिलीग्राम/DL से ऊपर एचडीएल लेवल हेल्दी हार्ट के संकेतक हैं और हार्ट डिजीज के लिए कम खतरे से जुड़े हैं. वहीं, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है.

कोलेस्ट्रॉल का स्तर सीरम से मापा जाता है. नॉनफास्टिंग लिपिड टेस्ट किसी भी समय बिना उपवास के किया जा सकता है, जबकि उपवास लिपिड टेस्ट के लिए 12 घंटे का उपवास करना पड़ता है, जिसमें पानी एकमात्र अपवाद है. कुल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-सी) को सीधे सीरम से मापा जाता है.

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने के लिए, डॉक्टर आपकी बांह की नस से रक्त निकालते हैं. यह टेस्ट किसी डायग्नोस्टिक लैब, क्लिनिक, या घर पर भी किया जा सकता है. इस टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगता और दर्द भी नहीं होता. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने से पहले, आपको डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना होता है. आम तौर पर, टेस्ट कराने से पहले 12 घंटे तक उपवास करना होता है. इसका मतलब है कि पानी को छोड़कर सभी खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करना होता है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर मापने के लिए, रक्त के एक डेसीलिटर (डीएल) में मिलीग्राम (एमजी) की संख्या का इस्तेमाल किया जाता है.

कोलेस्ट्रॉल का खतरनाक लेवल क्या है?
बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बैड या गुड हार्ट के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उच्च कोलेस्ट्रॉल "धमनियों को सख्त" कर सकता है और समय के साथ हृदय से ब्लड फ्लो को अवरुद्ध या स्लो कर सकता है. एक व्यक्ति को हार्ट डिजीज के हाई रिस्क में तब माना जाता है जब उनका टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 240 मिलीग्राम / DL से ज्यादा होता है, LDL लेवल 160 मिलीग्राम /DL से ज्यादा है या (190 मिलीग्राम / डीएल और भी अधिक खतरा है), अगर एचडीएल लेवल है 40 मिलीग्राम / DL से नीचे है.

अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कब कराई जानी चाहिए?

आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच कब करानी चाहिए, यह आपकी उम्र और हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के लिए खतरे पर डिपेंड करता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन 20 साल या इससे ज्यादा के युवाओं को हर 4 से 6 साल में कोलेस्ट्रॉल चेक कराने की सलाह देता है. हालांकि, अगर आपके पास निम्न में से कोई भी रिस्क फैक्टर है तो आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच अक्सर करानी चाहिए: जैसे कि

  • 45 या इससे अधिक की उम्र पुरुष या 55 या इससे अधिक उम्र की महिलाएं
  • हार्ट डिजीज या स्ट्रोक की परिवार में हिस्ट्री
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • डायबिटिज
  • स्मोकिंग
  • मोटापा
  • हाई ट्राइग्लिसराइड
  • कम HDLकोलेस्ट्रॉल

मान लीजिए आपके पास दिल की बीमारियों से जुड़े अन्य जोखिम हैं जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, लो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल या हाई ट्राइग्लिसराइड. इस मामले में, आपके डॉक्टर आपको लगातार कोलेस्ट्रॉल जांचने की परामर्श दे सकते हैं. यदि आप कोलेस्ट्रॉल लेवल पर असर डालने वाली दवाएं जैसे स्टैटिंस और नियासिन का सेवन करते हैं तो यह जरूरी है कि डॉक्टर से कोलेस्ट्रॉल जांचने के बारे में सलाह ली जाए.

सोर्स-

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK542294/

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कोलेस्ट्रॉल मोम, फैट जैसा तत्व होता है जो आपकी बॉडी के सभी सेल में पाया जाता है. आपकी बॉडी को हार्मोन, विटामिन डी और खाना पचाने में मदद करने वाले तत्व बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है. आपकी बॉडी अपनी जरूरत के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल बना लेती है लेकिन आप जो खाना खाते हैं, उससे भी एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल आपको मिल जाता है.

आपकी बॉडी में एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल हटाने के लिए सिस्टम होता है लेकिन आपके खून में बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल आपकी आर्टरी की दीवारों पर बैठ जाता है और इससे प्लाक का निर्माण होता हैं. यह प्लाक आपकी आर्टरी को ब्लॉक या जाम कर सकते हैं, जिसके चलते ब्लड का फ्लो दिल और दिमाग में आसानी से नहीं हो पाता है.

कोलेस्ट्रॉल लेवल कैसे नापा जाता है?
कोलेस्ट्रॉल को मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल प्रति डेसीलीटर ब्लड (मिलीग्राम / DL) में मापा जाता है और शरीर में दो टाइप के कोलेस्ट्रॉल होते हैं - "गुड" कोलेस्ट्रॉल (HDL) और "बैड" कोलेस्ट्रॉल (LDL). HDL आपके खून से एलडीएल को हटाकर आपके दिल की सुरक्षा करने में मदद करता है. इस प्रकार धमनियों में HDL के प्रोडक्शन को रोकता है. 60 मिलीग्राम/DL से ऊपर एचडीएल लेवल हेल्दी हार्ट के संकेतक हैं और हार्ट डिजीज के लिए कम खतरे से जुड़े हैं. वहीं, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है.

कोलेस्ट्रॉल का स्तर सीरम से मापा जाता है. नॉनफास्टिंग लिपिड टेस्ट किसी भी समय बिना उपवास के किया जा सकता है, जबकि उपवास लिपिड टेस्ट के लिए 12 घंटे का उपवास करना पड़ता है, जिसमें पानी एकमात्र अपवाद है. कुल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-सी) को सीधे सीरम से मापा जाता है.

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने के लिए, डॉक्टर आपकी बांह की नस से रक्त निकालते हैं. यह टेस्ट किसी डायग्नोस्टिक लैब, क्लिनिक, या घर पर भी किया जा सकता है. इस टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगता और दर्द भी नहीं होता. कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने से पहले, आपको डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना होता है. आम तौर पर, टेस्ट कराने से पहले 12 घंटे तक उपवास करना होता है. इसका मतलब है कि पानी को छोड़कर सभी खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज करना होता है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर मापने के लिए, रक्त के एक डेसीलिटर (डीएल) में मिलीग्राम (एमजी) की संख्या का इस्तेमाल किया जाता है.

कोलेस्ट्रॉल का खतरनाक लेवल क्या है?
बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बैड या गुड हार्ट के लिए नुकसानदेह हो सकता है. उच्च कोलेस्ट्रॉल "धमनियों को सख्त" कर सकता है और समय के साथ हृदय से ब्लड फ्लो को अवरुद्ध या स्लो कर सकता है. एक व्यक्ति को हार्ट डिजीज के हाई रिस्क में तब माना जाता है जब उनका टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 240 मिलीग्राम / DL से ज्यादा होता है, LDL लेवल 160 मिलीग्राम /DL से ज्यादा है या (190 मिलीग्राम / डीएल और भी अधिक खतरा है), अगर एचडीएल लेवल है 40 मिलीग्राम / DL से नीचे है.

अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कब कराई जानी चाहिए?

आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच कब करानी चाहिए, यह आपकी उम्र और हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के लिए खतरे पर डिपेंड करता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन 20 साल या इससे ज्यादा के युवाओं को हर 4 से 6 साल में कोलेस्ट्रॉल चेक कराने की सलाह देता है. हालांकि, अगर आपके पास निम्न में से कोई भी रिस्क फैक्टर है तो आपको कोलेस्ट्रॉल की जांच अक्सर करानी चाहिए: जैसे कि

  • 45 या इससे अधिक की उम्र पुरुष या 55 या इससे अधिक उम्र की महिलाएं
  • हार्ट डिजीज या स्ट्रोक की परिवार में हिस्ट्री
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • डायबिटिज
  • स्मोकिंग
  • मोटापा
  • हाई ट्राइग्लिसराइड
  • कम HDLकोलेस्ट्रॉल

मान लीजिए आपके पास दिल की बीमारियों से जुड़े अन्य जोखिम हैं जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, लो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल या हाई ट्राइग्लिसराइड. इस मामले में, आपके डॉक्टर आपको लगातार कोलेस्ट्रॉल जांचने की परामर्श दे सकते हैं. यदि आप कोलेस्ट्रॉल लेवल पर असर डालने वाली दवाएं जैसे स्टैटिंस और नियासिन का सेवन करते हैं तो यह जरूरी है कि डॉक्टर से कोलेस्ट्रॉल जांचने के बारे में सलाह ली जाए.

सोर्स-

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK542294/

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