हैदराबाद : खुजली शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है, लेकिन कभी-कभी किसी अंग विशेष में यह समस्या गंभीर हो सकती है जैसे कि गुदा द्वार यानी उस छिद्र के आसपास खुजली जहां से मल शरीर से बाहर निकलता है. गुदाद्वार में खुजली होना एक आम समस्या है जिसके लिए आमतौर पर सफाई या स्वच्छता में कमी को जिम्मेदार माना जाता है, जो काफी हद तक सही भी है. लेकिन स्वच्छता में कमी के अलावा भी कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जो खुजली के लिए जिम्मेदार हों.
संभावित कारण : भोपाल मध्य प्रदेश के फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि लोगों में अलग-अलग कारणों से गुदा छिद्र पर या गुदा मार्ग में खुजली हो सकती है. सामान्य तौर पर इसके लिए उचित स्वच्छता की कमी जिम्मेदार होती है. लेकिन इसके अलावा कभी-कभी किसी रोग-संक्रमण का प्रभाव, तेज मिर्च मसाले वाले आहार का सेवन और गुदा स्थान पर ज्यादा नमी होने सहित कुछ अन्य कारणों से भी यह समस्या हो सकती है. वह बताते हैं कि गुदा स्थल पर खुजली के जो कारण आमतौर पर नजर आते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
स्वच्छता की कमी: उचित स्वच्छता का अभाव गुदा द्वार में खुजली का एक प्रमुख कारण माना जाता है. दरअसल पखाना या मल त्याग करने के बाद गुदा द्वार तथा उसके आसपास के स्थान को अच्छी तरह से साफ ना करने से उक्त स्थान पर बैक्टीरिया और फंगस का संक्रमण हो सकता है, जिससे खुजली होती है.
असंयमित आहार: मसालेदार, तैलीय और खट्टे खाद्य पदार्थों का ज्यादा मात्रा में सेवन भी गुदा क्षेत्र में जलन और खुजली का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा अधिक कैफीन और शराब का सेवन भी इस समस्या को बढ़ा सकता है.
त्वचा की समस्याएं: एक्जिमा, सोरायसिस, और अन्य त्वचा रोग गुदा खुजली का कारण बन सकते हैं. इन स्थितियों में त्वचा में सूजन, लालिमा, और खुजली होती है.
संक्रमण: कई बार बैक्टीरियल, फंगल या पैरासाइटिक संक्रमण भी गुदा खुजली का कारण हो सकते हैं. विशेषतौर पर बच्चों में पिनवॉर्म संक्रमण या पेट में कीड़ों के कारण भी यह समस्या ज्यादा नजर आती है.
मेडिकल कंडीशन: कभी-कभी बवासीर, फिस्टुला, और अन्य गुदा संबंधित समस्याएं भी खुजली का कारण बन सकती हैं. इन स्थितियों में गुदा क्षेत्र में सूजन और जलन हो सकती है.
एलर्जी : साबुन, डिटर्जेंट या अन्य केमिकल उत्पादों से एलर्जी भी गुदा खुजली का कारण बन सकती है.
नमी : गुदा क्षेत्र में नमी का रहना बैक्टीरिया और फंगस के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे खुजली होती है. कभी-कभी लंबी अवधि तक सिंथेटिक अंडरवियर या तंग कपड़ों के पहनने के चलते ज्यादा पसीना आने के कारण तो कभी-कभी गीले या ज्यादा नमी वाले अंडरवियर पहनने से भी यह समस्या हो सकती है.
बचाव और उपचार : डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि सामान्य अवस्था में कुछ बातों का ध्यान रखने से इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
स्वच्छता बनाए रखें: मल त्यागने के बाद गुदा क्षेत्र को साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं और सुखाएं. यदि संभव हो तो गुदा द्वार को धोने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें. लेकिन इस स्थान को धोने के लिए कभी भी ज्यादा कठोर या तेज केमिकल वाले साबुन का इस्तेमाल करने से बचे.
संतुलित आहार: ज्यादा मात्रा में मसालेदार और तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. भोजन में अधिक फाइबर युक्त आहार की मात्रा बढ़ाएं जिससे पाचन प्रणाली स्वस्थ रहे. साथ ही कैफीन और शराब का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करें.
एलर्जी से बचाव: एलर्जी के संभावित स्रोतों से बचें. प्राकृतिक और हाइपोएलर्जेनिक उत्पादों का उपयोग करें. सिंथेटिक अंडरवियर और तंग कपड़ों से बचें क्योंकि वे भी कई बार त्वचा पर एलर्जी का कारण बन सकते हैं.
नमी को नियंत्रित करें: गुदा क्षेत्र को सूखा रखें. पसीना अधिक होने पर दिन में एक या दो बार अंडरवियर बदलें. कॉटन के अंडरवियर पहनें, जो नमी को अवशोषित करते हैं.
मेडिकेटेड क्रीम और मलहम: खुजली से राहत पाने के लिए मेडिकेटेड क्रीम और मलहम का उपयोग करें. ये क्रीम एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल गुणों से युक्त हो सकती हैं.
फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि यदि तमाम सावधानियों के बाद भी खुजली होती हैं और लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर हो जाती है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें. डॉक्टर उचित परीक्षण करके तथा खुजली के कारणों को जानने के बाद सही परामर्श व उपचार देंगे.