शरीर में पानी की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं. जिसमें गहरे पीले रंग का पेशाब, कम पेशाब आना और लगातार प्यास लगना शामिल है. वहीं, डिहाइड्रेशन के कारण चक्कर आना, थकान महसूस करना, ड्राई माउथ और ठंडी त्वचा भी माने जाते हैं. इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और चिड़चिड़ापन भी इसके लक्षण हो सकते है. ध्यान रहें गंभीर मामलों में यह तेज हृदय गति, पानी की कमी की समस्या और बेहोशी का कारण बन सकता है.
इन लक्षणों से बचने के लिए शरीर में तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना सबसे अच्छा माना गया है, यह भी बात याद रखें कि यदि इस तरह के लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं तो चिकित्सकीय सहायता जरूर लें. हाइड्रेटेड रहने से शरीर का संपूर्ण स्वास्थ्य बना रहता है और निर्जलीकरण से जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सकता है. हालांकि, सही तरीके से पानी पीने से ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बरकरार रखा जा सकता है.
क्या भोजन के बीच में पानी पीना सही है?
हममें से ज्यादातर लोग एक गिलास पानी के बिना खाना नहीं खाते होंगे, कुछ लोगें का कहना है कि खाना खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए. उस अनुसार, भोजन के बीच कुछ घूंट पानी पीना बिल्कुल फायदेमंद है. हालांकि, भोजन के दौरान बहुत अधिक पानी पीना सही नहीं है. वहीं, कुछ अध्ययन बताते हैं कि भोजन से 30 मिनट पहले या 30 मिनट बाद एक या दो गिलास पानी पीना फायदेमंद होता है. लेकिन, हर किसी के मन में यही सवाल होता है कि भोजन के बीच पानी पीना चाहिए या नहीं...
एक्सपर्ट का कहना है कि खाना खाते समय गलत तरीके से पानी पीने से यह कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जैसे कि...
खाना खाते समय या खाने के तुरंत बाद बहुत अधिक पानी पीने से पेट के एसिड और पाचन एंजाइम कमजोर हो सकते हैं और पाचन स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. पाचन और प्रक्रिया में गड़बड़ी से बचने के लिए कम मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है.
जो लोग प्यास लगने पर पानी पीते हैं, इसका मतलब है कि वे पहले से ही निर्जलित हैं. प्यास जलयोजन आवश्यकताओं का विश्वसनीय संकेतक नहीं है. इसलिए इष्टतम जलयोजन बनाए रखने के लिए पूरे दिन नियमित और लगातार पानी का सेवन आवश्यक है.
जल्दी-जल्दी पानी पीने से सूजन और परेशानी हो सकती है. तेजी से पानी पीने से इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन भी बिगाड़ सकता है. इसलिए पानी को धीरे-धीरे पीना आवश्यक है ताकि शरीर इसे अधिक कुशलता से अवशोषित कर सके.
निर्जलीकरण की तरह, अत्यधिक जलयोजन भी नुकसान पहुंचा सकता है. कम समय में बहुत अधिक पानी का सेवन करने से जल विषाक्तता हो जाती है. यह इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन का कारण बनता है और सिरदर्द, मतली और भ्रम का कारण बनता है. इसलिए इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन के लिए ओवरहाइड्रेशन से बचना महत्वपूर्ण है.
बहुत ठंडे पानी का सेवन भी वसा को ठोस बनाकर पाचन एंजाइमों को धीमा कर देता है. इससे पेट में ऐंठन भी हो सकती है. इसके लिए कमरे का तापमान या गर्म पानी का चयन करने से पाचन तंत्र बेहतर होगा. भोजन के दौरान पानी पीने के ये हैं गलत तरीके. इन तरीकों के अलावा सेहत को बरकरार रखने के लिए उचित मात्रा में भोजन का सेवन करना भी जरूरी है.
(डिस्कलेमर :-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)