हैदराबाद: कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक और स्ट्रोक के ऐसी समस्या हो गई है, जो कम उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है. अब तक कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोगों को हार्ट अटैक का दर्द होता है और उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं होती कि उन्हें हार्ट अटैक आया है.
वह उस दर्द को एसिडिटी का दर्द समझकर नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं या कोई एंटी एसिड दवा लेकर उसे ठीक करने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब तक उन्हें अहसास होता है कि यह दर्द हार्ट अटैक का है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. तो सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे पता चले कि सीने में उठने वाला दर्ज हार्ट अटैक का है या एसिडिटी का. तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर हार्ट अटैक का दर्द कैसा महसूस होता है.
सीने में उठे दर्द को लें गंभीरता से
आमतौर पर हार्ट अटैक के दर्द को अक्सर गलत तरह से समझा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कोई सामान्य तेज दर्द नहीं होता है. हार्ट अटैक का दर्द एक तरह की बेचैनी का अहसास कराता है. यह बेचैनी काफी व्यापक होती है और यह बेचैनी किसी खास जगह पर नहीं होती है.
जब किसी को हार्ट अटैक आता है, तो इसके दर्द को महसूस करने वाला व्यक्ति आमतौर पर किसी सटीक स्थान की ओर इशारा नहीं करता, बल्कि अपनी पूरी छाती पर मुट्ठी को बांध लेता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि हार्ट अटैक के दर्द को एसिडिटी से अलग करके समझना बहुत ही जरूरी है, हालांकि इसे समझना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
दर्द होने पर लें एंटासिड
हार्ट अटैक के दर्द और एसिडिटी को पहचाने का एक तरीका यह होता है कि दर्द उठने पर एंटासिड और पानी लेना चाहिए. अगर एंटासिड लेने या पानी पीने के बाद आपका दर्द कम हो जाता है, तो यह एसिडिटी के कारण होने वाला दर्द हो सकता है. लेकिन अगर एंटासिड लेने से राहत नहीं मिलती है, तो यह हृदय संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है.