BLOOD SUGAR CAN MAKE YOU BLIND: आज के समय में ब्लड शुगर की बीमारी आम हो चुकी है, और ये कई लोगों में देखने को मिलती है. लेकिन ब्लड शुगर की इस बीमारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर इसकी जांच कराते रहें. इलाज कराते रहें, दवाइयां लेते रहें, और कुछ ऐसे जरूरी टेस्ट भी हैं, जो कराते रहना चाहिए, नहीं तो ये आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. जैसे कि अगर आपका ब्लड शुगर बढ़ता है और आपको ये बीमारी है, तो समय-समय पर अपनी आंखों की जांच जरूर कराएं, नहीं तो ये आपके अंधा होने का कारण भी बन सकता है.
रेटिनोपैथी है खतरनाक
आयुर्वेदिक डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि, ''रेटिनोपैथी की बात करें तो इसमें जो अपना रेटिना होता है, वो बहुत ही डेंस नर्व से बना हुआ स्ट्रक्चर होता है, जो की आंखों में होता है. इसी के कारण हम किसी भी चीज को देख पाते हैं, क्योंकि इसमें बहुत पतली-पतली वेसेल्स होती हैं, जो कि बढ़े हुए शुगर के कारण डैमेज होने लग जाते हैं. इस कंडीशन को हम बोलते हैं रेटिनोपैथी, रेटिनोपैथी आज के समय में अंधा होने का सबसे बड़ा कारण बन गया है.''
रेटिनोपैथी से ऐसे करें बचाव
रेटिनोपैथी की रोकथाम के लिए सबसे पहले तो हमें ब्लड शुगर को मैनेज रखना पड़ेगा. दूसरा उन चीजों को अपने शरीर में सप्लाई बढ़ानी पड़ेगी. जिससे यह चीज रिवर्स हो सके. तीसरा अपनी-अपनी आंखों की नियमित रूप से जांच करानी पड़ेगी. अगर आपको ब्लड शुगर की प्रॉब्लम है, हालांकि ब्लड शुगर बढ़े होने से ग्लूकोमा जैसी ही शिकायतें आती हैं. लेकिन ग्लूकोमा जैसी शिकायत इतनी गंभीर नहीं होती है जितनी रेटिनोपैथी होती है. तो बढ़े हुए ब्लड शुगर के जो भी मरीज हैं, उनको अपनी आंखों का नियमित रूप से जांच करना चाहिए, अगर रेटिनोस्कोपी में किसी तरह का कोई डैमेज समझ में आता है, तो उसका जल्दी से जल्दी ट्रीटमेंट लेना चाहिए.
रेटिनोपैथी के लक्षण
शहडोल के आयुर्वेदिक डॉक्टर अंकित नामदेव रेटिनोपैथी के लक्षण को लेकर बताते हैं कि, ''लक्षण की बात करें पेशेंट पर ये वेरी करता है, जनरली दिखना कम होना, कई बार आंखों के सामने अंधेरा सा छा जाना, ब्लर विजन होना, डिप्लोपिया होना ये सारे लक्षण होते हैं. डिप्लोपीय मतलब कई बार चीज दो-दो दिखने लगती है, चीजों के अक्स दिखने लग जाते हैं.''
आयुर्वेद में इलाज
आयुर्वेद में इसे मधुमेह के उपद्रव के रूप में देखा जाता है, मधुमेह का मतलब बिस्वा प्रमेह जो कि वातज किस्म का होता है, और वातज किस्म के जो बिस्वा प्रमेह है उसमें शरीर में रोग होता है, तो कुछ इंटरनल मेडिसिंस और कुछ लोकल थेरेपी जैसे नेत्र तर्पण आदि से इसमें काफी फायदा मिलता है.