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AIIMS से गुडन्यूजः सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इलाज अब आसान, जानिए- क्या है कोल्पोस्कोपी - Colposcopy Training in AIIMS

Colposcopy Training in AIIMS: देश के बड़े अस्पताल एम्स से अच्छी खबर आई है. यहां सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके बाद सर्वाइकल कैंसर की पहचान करना और इसका इलाज करना दोनों ही आसान हो जायेगा.

सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग
सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग (source: ETV Bharat Reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 7, 2024, 1:32 PM IST

नई दिल्ली: भारत में एक बड़ी संख्या में महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में देश में सर्वाइकल कैंसर के अनुमानित 3.4 लाख से अधिक मामले थे. इन मामलों में अक्सर समय पर ही जांच ना होने की वजह से जान का खतरा बना रहता है.

दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा
दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा (source: ETV Bharat Reporter)

भारत में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे अधिक कैंसर सर्वाइकल कैंसर है, जो 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में सबसे अधिक देखा जाता है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर की अर्ली स्टेज पर पहचान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग

सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके बाद देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स नई दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा क्योंकि सर्वाइकल इंट्रापिथेलियल नियोप्लासिया (सीआईएन) (कैंसर का शुरुआती चरण) की सटीक जांच स्वदेशी कोल्पोस्कोपी से स्वास्थ्य कर्मी कर सकेंगे. जिसके लिए एम्स अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है इसका पता चलने पर थर्मल अब्लेशन से 40 सेकंड में इलाज भी हो सकेगा.

सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग
सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग (source: ETV Bharat Reporter)

सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता चल सके और इसका समय पर इलाज हो सके इसी की ट्रेनिंग एम्स स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की मदद से महज 15 से 20 मिनट में ही गर्भाशय ग्रीवा के घाव की जांच हो सकेगी इस जांच से पता चल जाएगा कि उक्त जगह पर ट्यूमर विकसित हो रहा है या नहीं जिससे इसका इलाज करने में आसानी होगी सटीकता से आकलन होने के बाद पुष्टि के लिए बायोप्सी भी कर सकेंगे.

सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग (source: ETV Bharat Reporter)

एम्स अस्पताल की प्रोफेसर डॉक्टर नीरजा भाटला ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है जिसको देखते हुए सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के बाद आगे की जांच की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है एम्स में इसकी शुरुआत हुई है आने वाले दिनों में देश भर में इसका विस्तार किया जाएगा.

कोल्पोस्कोपी क्या होता है?

कोल्पोस्कोपी का मेन काम कैंसर पूर्व घावों का पता लगाकर, उनका इलाज करके गर्भाश्य ग्रीवा के कैंसर को रोकना है. कोल्पोस्कोपी आपके गर्भाशय ग्रीवा को नजदीक से देखने का एक तरीका है, ये आपके गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाओं में बदलाव का पता लगाने का एक जल्द और आसान तरीका है. ताकि कैंसर का जल्द पता लगाकर उसका इलाज किया जा सके.

ये भी पढ़ें- नशे की गोली अल्प्राजोलम बनाने वाली अवैध फैक्‍ट्री का भंडाफोड़, 3 ड्रग्‍स तस्‍कर अरेस्‍ट

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नई दिल्ली: भारत में एक बड़ी संख्या में महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में देश में सर्वाइकल कैंसर के अनुमानित 3.4 लाख से अधिक मामले थे. इन मामलों में अक्सर समय पर ही जांच ना होने की वजह से जान का खतरा बना रहता है.

दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा
दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा (source: ETV Bharat Reporter)

भारत में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे अधिक कैंसर सर्वाइकल कैंसर है, जो 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में सबसे अधिक देखा जाता है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर की अर्ली स्टेज पर पहचान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है.

सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग

सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके बाद देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स नई दिल्ली में सर्वाइकल कैंसर की पहचान और इसका इलाज आसान हो जाएगा क्योंकि सर्वाइकल इंट्रापिथेलियल नियोप्लासिया (सीआईएन) (कैंसर का शुरुआती चरण) की सटीक जांच स्वदेशी कोल्पोस्कोपी से स्वास्थ्य कर्मी कर सकेंगे. जिसके लिए एम्स अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है इसका पता चलने पर थर्मल अब्लेशन से 40 सेकंड में इलाज भी हो सकेगा.

सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग
सर्वाइकल कैंसर के लिए ट्रेनिंग (source: ETV Bharat Reporter)

सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता चल सके और इसका समय पर इलाज हो सके इसी की ट्रेनिंग एम्स स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की मदद से महज 15 से 20 मिनट में ही गर्भाशय ग्रीवा के घाव की जांच हो सकेगी इस जांच से पता चल जाएगा कि उक्त जगह पर ट्यूमर विकसित हो रहा है या नहीं जिससे इसका इलाज करने में आसानी होगी सटीकता से आकलन होने के बाद पुष्टि के लिए बायोप्सी भी कर सकेंगे.

सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग
सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही स्वदेशी कोल्पोस्कोपी की ट्रेनिंग (source: ETV Bharat Reporter)

एम्स अस्पताल की प्रोफेसर डॉक्टर नीरजा भाटला ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है जिसको देखते हुए सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के बाद आगे की जांच की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है एम्स में इसकी शुरुआत हुई है आने वाले दिनों में देश भर में इसका विस्तार किया जाएगा.

कोल्पोस्कोपी क्या होता है?

कोल्पोस्कोपी का मेन काम कैंसर पूर्व घावों का पता लगाकर, उनका इलाज करके गर्भाश्य ग्रीवा के कैंसर को रोकना है. कोल्पोस्कोपी आपके गर्भाशय ग्रीवा को नजदीक से देखने का एक तरीका है, ये आपके गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाओं में बदलाव का पता लगाने का एक जल्द और आसान तरीका है. ताकि कैंसर का जल्द पता लगाकर उसका इलाज किया जा सके.

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