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सेलिब्रिटीज के बीच काफी मशहूर हो रहा है ये फिटनेस प्रोग्राम, आप भी कर सकते हैं घर पर - Pilates

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By ETV Bharat Health Team

Published : Aug 25, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 6:07 AM IST

Pilates : पिलेट्स या पिलाटे आजकल सेलिब्रिटी फिटनेस प्रोग्राम के रूप में काफी मशहूर हो रहा है. लोगों को लगता है कि ये एक जटिल प्रकार की एक्सरसाइज है और इसे सिर्फ उपकरणों की मदद से ही किया जा सकता है. जो पूरी तरह से सही नहीं है. आइए जानते हैं क्या है पिलेट्स और कैसे किया जाता है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (Canva)

Pilates : पिलेट्स एक्सरसाइज आजकल काफी ट्रेंडी हो रहे हैं, क्योंकि बहुत से सेलिब्रिटीज ने इसे अपने फिटनेस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया है. लेकिन यह कोई नई व्यायाम तकनीक नहीं है बल्कि इस फिजिकल फिटनेस प्रणाली को 20वीं सदी में जोसेफ पिलाटेस ने विकसित किया था. यह व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करने, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और मानसिक संतुलन को सुधारने के लिए किया जाता है. इससे कमर, हिप्स और पेट को शेप भी मिलती है. पिलेट्स व्यायाम शरीर के कोर मसल्स पर फोकस करता है, जिससे शरीर की स्थिति और संतुलन में सुधार होता है.

क्या है पिलेट्स व्यायाम : साउथ मुंबई की ‘हेड टू टो’ फिटनेस सेंटर की फिटनेस ट्रेनर जरीन परेरा बताती हैं कि पिलेट्स या जिसे पिलाटे व्यायाम भी कहा जाता है एक लो-इम्पैक्ट व्यायाम है, जिसका मतलब है कि इसमें शरीर पर जोर नहीं पड़ता है. यह एक बेहतरीन व्यायाम शैली है, जिसे आप सिर्फ जिम में ही नहीं बल्कि आसानी से घर पर भी कर सकते हैं. यह ना केवल शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. सामान्यतः इसे करने के लिए विशेष प्रकार के मैट या उपकरणों का उपयोग किया जाता है, लेकिन आप इसे बिना किसी उपकरण के घर पर भी कर सकते हैं.

पिलेट्स के फायदे : वह बताती हैं कि पिलेट्स के मुख्य फ़ायदों में सांस पर नियंत्रण, मांसपेशियों की मजबूती, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और मानसिक एकाग्रता शामिल हैं. पिलेट्स में, हर मूवमेंट को धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से किया जाता है, ताकि शरीर की मांसपेशियों को चोट न पहुंचे. इसके नियमित अभ्यास से मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं.

  • मांसपेशियों की मजबूती: पिलेट्स व्यायाम कोर मसल्स पर जोर देता है, जिससे पेट, पीठ और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  • फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार: पिलेट्स के नियमित अभ्यास से शरीर की लचीलापन बढ़ती है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द कम होता है.
  • मानसिक शांति: पिलेट्स में सांस पर ध्यान दिया जाता है, जिससे मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है.
  • बॉडी पोस्चर में सुधार: पिलेट्स से शरीर की पोस्चर सही होती है, जिससे पीठ और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है.

घर पर पिलेट्स कैसे करें : जरीन परेरा बताती हैं कि घर में पिलेट्स आसानी से किया जा सकता है लेकिन बहुत जरूरी है इसके अभ्यास से पहले इसे किसी प्रशिक्षित ट्रेनर से अच्छे से सीखा जाय . इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार की चोट , किसी विशेष स्थान पर दर्द या किसी ऐसी समस्या से पीड़ित हैं जिसके कुछ विशेष व्यायाम के अभ्यास से बढ़ने की आशंका हो सकती हैं तो उसे एक बात चिकित्सक व ट्रेनर से पूछने के बाद ही इस व्यायाम शैली के अभ्यास को शुरू करना चाहिए. वह बताती हैं कि घर में पिलेट्स करने के लिए कुछ तैयारियां करना तथा कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • जगह तैयार करें: घर पर पिलेट्स करने के लिए एक साफ और सपाट जगह चुनें. एक योगा मैट या कारपेट का इस्तेमाल करें, ताकि व्यायाम करते समय फिसलने का डर न हो.
  • सही कपड़े पहनें: पिलेट्स के लिए आरामदायक और लचीले कपड़े पहनें, जिससे आप आसानी से मूवमेंट कर सकें.
  • वार्म-अप करें: पिलेट्स शुरू करने से पहले थोड़ी देर वार्म-अप करें. हल्की स्ट्रेचिंग और सांस लेने के व्यायाम से शरीर को तैयार करें.

मूलभूत पिलेट्स व्यायाम: घर में किए जा सकने वाले कुछ पिलेट्स व्यायाम इस प्रकार हैं.

  • रोल अप: जमीन पर सीधे लेट जाएं. हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर उठाएं, जैसे कि आप बैठने की कोशिश कर रहे हैं. यह व्यायाम पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
  • सिंगल लेग सर्कल: पीठ के बल लेट जाएं और एक पैर को ऊपर उठाएं. अब उस पैर से हवा में छोटे गोलाकार सर्कल बनाएं. इसे दोनों पैरों से करें. यह व्यायाम पैरों की मांसपेशियों और हिप्स को टोन करता है.
  • ब्रिज: पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें. अब कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड के लिए होल्ड करें. यह व्यायाम पीठ और हिप्स को मजबूत करता है.
  • सांस पर ध्यान दें: पिलेट्स करते समय अपनी सांस को नियंत्रित रखें. नाक से गहरी सांस लें और मुंह से छोड़ें. यह आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन प्रदान करता है और व्यायाम के प्रभाव को बढ़ाता है.
  • कूल-डाउन: पिलेट्स के बाद शरीर को रिलैक्स करने के लिए थोड़ी देर कूल-डाउन करें. हल्की स्ट्रेचिंग करें और धीमे-धीमे सांस लें.

डिस्कलेमर: ये सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Pilates : पिलेट्स एक्सरसाइज आजकल काफी ट्रेंडी हो रहे हैं, क्योंकि बहुत से सेलिब्रिटीज ने इसे अपने फिटनेस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया है. लेकिन यह कोई नई व्यायाम तकनीक नहीं है बल्कि इस फिजिकल फिटनेस प्रणाली को 20वीं सदी में जोसेफ पिलाटेस ने विकसित किया था. यह व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करने, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और मानसिक संतुलन को सुधारने के लिए किया जाता है. इससे कमर, हिप्स और पेट को शेप भी मिलती है. पिलेट्स व्यायाम शरीर के कोर मसल्स पर फोकस करता है, जिससे शरीर की स्थिति और संतुलन में सुधार होता है.

क्या है पिलेट्स व्यायाम : साउथ मुंबई की ‘हेड टू टो’ फिटनेस सेंटर की फिटनेस ट्रेनर जरीन परेरा बताती हैं कि पिलेट्स या जिसे पिलाटे व्यायाम भी कहा जाता है एक लो-इम्पैक्ट व्यायाम है, जिसका मतलब है कि इसमें शरीर पर जोर नहीं पड़ता है. यह एक बेहतरीन व्यायाम शैली है, जिसे आप सिर्फ जिम में ही नहीं बल्कि आसानी से घर पर भी कर सकते हैं. यह ना केवल शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. सामान्यतः इसे करने के लिए विशेष प्रकार के मैट या उपकरणों का उपयोग किया जाता है, लेकिन आप इसे बिना किसी उपकरण के घर पर भी कर सकते हैं.

पिलेट्स के फायदे : वह बताती हैं कि पिलेट्स के मुख्य फ़ायदों में सांस पर नियंत्रण, मांसपेशियों की मजबूती, शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और मानसिक एकाग्रता शामिल हैं. पिलेट्स में, हर मूवमेंट को धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से किया जाता है, ताकि शरीर की मांसपेशियों को चोट न पहुंचे. इसके नियमित अभ्यास से मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं.

  • मांसपेशियों की मजबूती: पिलेट्स व्यायाम कोर मसल्स पर जोर देता है, जिससे पेट, पीठ और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  • फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार: पिलेट्स के नियमित अभ्यास से शरीर की लचीलापन बढ़ती है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द कम होता है.
  • मानसिक शांति: पिलेट्स में सांस पर ध्यान दिया जाता है, जिससे मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है.
  • बॉडी पोस्चर में सुधार: पिलेट्स से शरीर की पोस्चर सही होती है, जिससे पीठ और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है.

घर पर पिलेट्स कैसे करें : जरीन परेरा बताती हैं कि घर में पिलेट्स आसानी से किया जा सकता है लेकिन बहुत जरूरी है इसके अभ्यास से पहले इसे किसी प्रशिक्षित ट्रेनर से अच्छे से सीखा जाय . इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार की चोट , किसी विशेष स्थान पर दर्द या किसी ऐसी समस्या से पीड़ित हैं जिसके कुछ विशेष व्यायाम के अभ्यास से बढ़ने की आशंका हो सकती हैं तो उसे एक बात चिकित्सक व ट्रेनर से पूछने के बाद ही इस व्यायाम शैली के अभ्यास को शुरू करना चाहिए. वह बताती हैं कि घर में पिलेट्स करने के लिए कुछ तैयारियां करना तथा कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • जगह तैयार करें: घर पर पिलेट्स करने के लिए एक साफ और सपाट जगह चुनें. एक योगा मैट या कारपेट का इस्तेमाल करें, ताकि व्यायाम करते समय फिसलने का डर न हो.
  • सही कपड़े पहनें: पिलेट्स के लिए आरामदायक और लचीले कपड़े पहनें, जिससे आप आसानी से मूवमेंट कर सकें.
  • वार्म-अप करें: पिलेट्स शुरू करने से पहले थोड़ी देर वार्म-अप करें. हल्की स्ट्रेचिंग और सांस लेने के व्यायाम से शरीर को तैयार करें.

मूलभूत पिलेट्स व्यायाम: घर में किए जा सकने वाले कुछ पिलेट्स व्यायाम इस प्रकार हैं.

  • रोल अप: जमीन पर सीधे लेट जाएं. हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर उठाएं, जैसे कि आप बैठने की कोशिश कर रहे हैं. यह व्यायाम पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
  • सिंगल लेग सर्कल: पीठ के बल लेट जाएं और एक पैर को ऊपर उठाएं. अब उस पैर से हवा में छोटे गोलाकार सर्कल बनाएं. इसे दोनों पैरों से करें. यह व्यायाम पैरों की मांसपेशियों और हिप्स को टोन करता है.
  • ब्रिज: पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें. अब कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और कुछ सेकंड के लिए होल्ड करें. यह व्यायाम पीठ और हिप्स को मजबूत करता है.
  • सांस पर ध्यान दें: पिलेट्स करते समय अपनी सांस को नियंत्रित रखें. नाक से गहरी सांस लें और मुंह से छोड़ें. यह आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन प्रदान करता है और व्यायाम के प्रभाव को बढ़ाता है.
  • कूल-डाउन: पिलेट्स के बाद शरीर को रिलैक्स करने के लिए थोड़ी देर कूल-डाउन करें. हल्की स्ट्रेचिंग करें और धीमे-धीमे सांस लें.

डिस्कलेमर: ये सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Last Updated : Aug 26, 2024, 6:07 AM IST
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