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पूरे देश पर मंडरा रहा है बर्ड फ्लू वायरस का खतरा, जानें कैसे कर सकते हैं बचाव - Prevention of Bird Flu

भारत में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार मंडरा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पश्चिम बंगाल से एक मामले की पुष्टि की है. साल 2019 से अब तक भारत में दूसरा बर्ड फ्लू का मामला है, जो इंसानों में सामने आया है. तो इस वायरस के संक्रमण से आप कैसे बच सकते हैं, यहां हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं.

The threat of bird flu increasing in India
भारत में बढ़ता बर्ड फ्लू का खतरा (फोटो - ANI Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 13, 2024, 12:54 PM IST

हैदरबाद: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में H9N2 वायरस (बर्ड फ्लू) का एक मामले की पुष्टि की है. इससे एक चार साल का बच्चा पीड़ित है. जानकारी के अनुसार भारत में इंसानों में पहली बार यह संक्रमण साल 2019 में पाया गया था.

WHO ने जानकारी दी है कि इस बच्चे को फरवरी माह में सांस की बीमारी और तेज बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चे का इलाज करीब तीन महीने चला और बीमारी से निदान और उपचार करने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - ANI Photo)

बच्चे के साथ क्या हुई परिस्थितियां: बर्ड फ्लू से ग्रसित होने पर लक्षणों की बात करें तो इस चार साल के बच्चे ने पेट में ऐंठन की शिकायत की थे. बच्चे में इस वायरस के संक्रमण का कारण घर और आस-पास के इलाके में मुर्मी पालन का व्यवसाय बताया गया.

क्या है बर्ड फ्लू: यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बर्ड फ्लू संक्रमण को एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस के कारण होने वाले संक्रमण के रूप में समझाया है. आमतौर पर, यह जंगली जलीय पक्षियों, घरेलू मुर्गियों और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को प्रभावित करने में सक्षम होता है. हालांकि, बर्ड फ्लू का संक्रमण इंसानों में भी हो सकता है और पहले भी ऐसा मामला सामने आया है.

इंसानों को कैसे होता है बर्ड फ्लू: इस वायरस का संक्रमण आमतौर पर उन लोगों या समूहों को होता है, जो संक्रमित पक्षियों या अन्य जानवरों (पशुधन सहित) या उन पक्षियों और जानवरों द्वारा दूषित संक्रमित वातावरण के संपर्क में आते हैं, या लंबे समय तक असुरक्षित रूप से वहां रहते हैं.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - IANS Photo)

क्या होते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण: बर्ड फ्लू के हल्के लक्षणों की बात करें तो, मरीज़ों को आंखों में संक्रमण और सांस संबंधी बीमारी होने की शिकायत होती है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने जानकारी दी है कि इसके गंभीर लक्षणों में निमोनिया शामिल है, जो जानलेवा हो सकता है.

बर्ड फ्लू के संक्रमण से कैसे बचें: इस वायरस से बचाव की बात करें तो संक्रमित पक्षियों और पशुओं के लंबे समय तक संपर्क में न रहकर बर्ड फ्लू संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके अलावा स्वास्थ्य निकाय ने बिना पके या अधपके भोजन को भी न खाने की सलाह दी है. खास तौर पर पोल्ट्री से जुड़े खाद्य पदार्थों को अच्छे से पकाकर खाना चाहिए.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - ANI Photo)

इनमें से कुछ उत्पादों में अनपाश्चुराइज्ड (कच्चा) दूध या कच्चे दूध से बने उत्पाद, जैसे कि पनीर आदि भी शामिल हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और केरल के कुछ जिलों में पक्षियों और पशुओं में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.

हैदरबाद: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में H9N2 वायरस (बर्ड फ्लू) का एक मामले की पुष्टि की है. इससे एक चार साल का बच्चा पीड़ित है. जानकारी के अनुसार भारत में इंसानों में पहली बार यह संक्रमण साल 2019 में पाया गया था.

WHO ने जानकारी दी है कि इस बच्चे को फरवरी माह में सांस की बीमारी और तेज बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्चे का इलाज करीब तीन महीने चला और बीमारी से निदान और उपचार करने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - ANI Photo)

बच्चे के साथ क्या हुई परिस्थितियां: बर्ड फ्लू से ग्रसित होने पर लक्षणों की बात करें तो इस चार साल के बच्चे ने पेट में ऐंठन की शिकायत की थे. बच्चे में इस वायरस के संक्रमण का कारण घर और आस-पास के इलाके में मुर्मी पालन का व्यवसाय बताया गया.

क्या है बर्ड फ्लू: यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बर्ड फ्लू संक्रमण को एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस के कारण होने वाले संक्रमण के रूप में समझाया है. आमतौर पर, यह जंगली जलीय पक्षियों, घरेलू मुर्गियों और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को प्रभावित करने में सक्षम होता है. हालांकि, बर्ड फ्लू का संक्रमण इंसानों में भी हो सकता है और पहले भी ऐसा मामला सामने आया है.

इंसानों को कैसे होता है बर्ड फ्लू: इस वायरस का संक्रमण आमतौर पर उन लोगों या समूहों को होता है, जो संक्रमित पक्षियों या अन्य जानवरों (पशुधन सहित) या उन पक्षियों और जानवरों द्वारा दूषित संक्रमित वातावरण के संपर्क में आते हैं, या लंबे समय तक असुरक्षित रूप से वहां रहते हैं.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - IANS Photo)

क्या होते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण: बर्ड फ्लू के हल्के लक्षणों की बात करें तो, मरीज़ों को आंखों में संक्रमण और सांस संबंधी बीमारी होने की शिकायत होती है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने जानकारी दी है कि इसके गंभीर लक्षणों में निमोनिया शामिल है, जो जानलेवा हो सकता है.

बर्ड फ्लू के संक्रमण से कैसे बचें: इस वायरस से बचाव की बात करें तो संक्रमित पक्षियों और पशुओं के लंबे समय तक संपर्क में न रहकर बर्ड फ्लू संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. इसके अलावा स्वास्थ्य निकाय ने बिना पके या अधपके भोजन को भी न खाने की सलाह दी है. खास तौर पर पोल्ट्री से जुड़े खाद्य पदार्थों को अच्छे से पकाकर खाना चाहिए.

The threat of bird flu increasing in India
बर्ड फ्लू वायरस से कैसे करें बचाव (फोटो - ANI Photo)

इनमें से कुछ उत्पादों में अनपाश्चुराइज्ड (कच्चा) दूध या कच्चे दूध से बने उत्पाद, जैसे कि पनीर आदि भी शामिल हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और केरल के कुछ जिलों में पक्षियों और पशुओं में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.

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