हैदराबाद: सुबह के समय नाश्ते में ज्यादातर लोग ब्रेड खाना पसंद करते हैं. अगर आपको शुगर या डायबिटीज या मधुमेह है, तो आम धारणा के विपरीत आप भी ब्रेड खा सकते हैं, लेकिन सही किस्म और सीमित मात्रा में. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) की रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए होल-व्हीट ब्रेड जैसे साबुत अनाज से बनी ब्रेड सीमित मात्रा में खाना ठीक है, हालांकि उन्हें सफेद ब्रेड से बचना चाहिए.
लेकिन ब्रेड खरीदते समय पैकेट पर लिखा लेबल पढ़ना बहुत जरूरी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, मधुमेह रोगियों को उच्च फाइबर वाली ब्रेड का सेवन करना चाहिए, जिसमें प्रति स्लाइस कम से कम तीन ग्राम फाइबर हो. ओट्स, क्विनोआ या चोकर जैसी सामग्री वाली साबुत अनाज से बनी ब्रेड ही खाना चाहिए, क्योंकि इनमें फाइबर की अच्छी मात्रा हो सकती है, जो ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया (खाने के बाद रक्त शर्करा और इंसुलिन का स्तर बढ़ना) को बेहतर बनाएगी.
हालांकि, ऐसी ब्रेड का सेवन करते वक्त कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी है. अगर आप ब्रेड के दो स्लाइस से सैंडविच बना रहे हैं, तो ऐसी ब्रेड का इस्तेमाल करें जिसमें प्रति स्लाइस 15 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और 100 कैलोरी न हो. अगर ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी ज्यादा है, तो सिर्फ एक स्लाइस का इस्तेमाल करें और कोई सब्जी ऊपर के स्लाइस के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
हेल्दी ब्रेड
साबुत अनाज वाले ब्रेड कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट को लेकर जागरूक किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छे है. अगर सामान्य ब्रेड के अलावा अन्य विकल्प भी चुन सकते हैं: जैसें- स्पेल्ट, अलसी, चिया-सीड और बादाम-आटे के ब्रेड. ये बहुत सारे फाइबर, प्रोटीन और स्वस्थ वसा प्रदान कर सकते हैं. लेकिन लेबल को देखना बहुत जरूरी है: ये लोफ कैलोरी में भी अधिक हो सकते हैं. यदि एक स्लाइस में 100 से अधिक कैलोरी हैं, तो दो के बजाय एक का सेवन करें. ऑर्गेनिक साबुत अनाज की ब्रेड स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं. इसमें प्रति स्लाइस कार्बोहाइड्रेट कम होता है.
अंकुरित अनाज से बनी ब्रेड मधुमेह रोगियों के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं. आटे के बजाय ये ब्रेड साबुत अनाज से बनाए जाते हैं, जो अंकुरित होने लगते हैं. और इसलिए इनका ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स कम होता है. हालांकि मीठे से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे कार्बोहाइड्रेट और चीनी की मात्रा बढ़ जाएगी.
मधुमेह में इन ब्रेड से करें परहेज
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (जैसे- मैदा) से बने ब्रेड मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के लिए सबसे खराब माने जाते हैं. ADA के अनुसार, मैदे को बनाने के लिए अनाज के प्रसंस्करण से बनावट नरम हो जाती है, लेकिन यह फाइबर, विटामिन और खनिजों को निकाल देता है, जिससे कारण इसमें उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. इसके अलावा चीनी, उच्च-फ्रक्टोज कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज या गुड़ वाली ब्रेड खाने से बचना चाहिए. किशमिश या अन्य सूखे फल वाली ब्रेड भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इनमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं.
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