शतावरी एक ऐसी बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं व पुरुषों, दोनों के स्वास्थ्य को भी कई तरह से लाभ पहुंचाती है. जानकार मानते हैं कि इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ दे सकता है लेकिन बहुत जरूरी हैं कि इसके सेवन से जुड़ी सावधानियों तथा अन्य जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए...
महिलाओं ही नहीं पुरुषों के लिए भी लाभकारी होती है शतावरी
आयुर्वेदिक औषधि शतावरी के बारे में ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह सिर्फ महिलाओं के लिए गुणकारी होती है. लेकिन जानकार मानते हैं कि यह अद्भुत औषधि महिलाओं के साथ पुरुषों की सेहत को भी कई तरह के लाभ पहुंचा सकती हैं. गौरतलब है कि शतावरी (वैज्ञानिक नाम Asparagus Racemosus) का उपयोग प्राचीन काल से आयुर्वेद में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है. इसमें कई रोगों के बचाव तथा उनके निदान के लिए जरूरी गुण तो मिलते ही हैं साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज भी पाए जाते हैं जो शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.
शतावरी के फायदे
मुंबई के आरोग्यधाम आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं कि शतावरी का उपयोग विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक लाभ के लिए किया जा सकता है. यह शरीर के हार्मोनल स्वास्थ्य को संतुलित रखने में फायदेमंद होती है और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को हानिकारक तत्वों से बचाते हैं.
महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद होता हैं क्योंकि यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है. इसके अलावा, यह पुरुषों के लिए भी गुणकारी है और उनमें प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती है. वह बताती हैं इसके अलावा भी शतावरी के सेहत को कई तरह से लाभ मिलते हैं बशर्ते इसका सेवन नियमानुसार यानी चिकित्सक के निर्देश पर उनके द्वारा बताए गए तरीके से किया जाए.
शतावरी के अनेक फायदे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं.
शतावरी महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है. यह पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन और दर्द को कम करने में भी कारगर है और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के लक्षणों को भी कम करती है.
शतावरी के सेवन से स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन बेहतर होता है.
शतावरी पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करती है. यह महिलाओं में अंडाणु की गुणवत्ता में सुधार करती है और पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाती है.
इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं. दरअसल शतावरी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स तथा अन्य पोषक तत्व व औषधीय गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे शरीर को विभिन्न बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है.
शतावरी पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है.
यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है. शतावरी के सेवन से मस्तिष्क को शांत रखने तथा तनाव व चिंता को कम करने में भी मदद मिलती है.
सावधानी
डॉ. मनीषा काले बताती हैं कि किसी रोग या समस्या में शतावरी का उपयोग चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही करना चाहिए. इसके अलावा कुछ ऐसी अवस्थाएं भी हैं जिनमें शतावरी के सेवन से परहेज करना चाहिए. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
जो लोग रक्तचाप की दवाइयां लेते हैं, उन्हें शतावरी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि शतावरी रक्तचाप को प्रभावित कर सकती है.
गर्भवती महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के शतावरी का सेवन न करें, क्योंकि यह गर्भावस्था के दौरान कुछ मामलों में हानिकारक हो सकती हैं.
कुछ लोगों में शतावरी या एस्पैरेगस से एलर्जी देखी जाती है, ऐसे लोगों को शतावरी का सेवन नहीं करना चाहिए.
किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों को भी शतावरी के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो किडनी पर असर डाल सकते हैं.
कैसे करें उपयोग
डॉ. मनीषा काले बताती हैं कि चिकित्सक से सलाह लेने के बाद सही तरीके से और नियमित नियम के साथ शतावरी का सेवन करने से सेहत को कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. वह बताती हैं कि मूल रूप से शतावरी की जड़ों से औषधि बनाई जाती हैं. इसके अलावा बाजार में इसका चूर्ण या पाउडर, कैप्सूल, टैबलेट और सिरप भी उपलब्ध है. किसी भी माध्यम में विशेषकर इसके चूर्ण या गोली का दूध के साथ सेवन करने से इसके अधिक लाभ मिलते हैं.
डिस्कलेमर:-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, कृपया एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.