कानपुर: मधुमेह जिसे आम बोलचाल की भाषा में डायबिटीज भी कहा जाता है. अब एक ऐसी लाइलाज और जानलेवा बीमारी हो चुकी है, जिसके नाम से ही लोगों की रूह कांप उठती है. हालांकि शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की टीम से एक ऐसा शोध किया है. जिसमें इस बीमारी का तो 100 प्रतिशत इलाज हुआ ही. मरीजों की शुगर, रेटिना, कोलेस्ट्रॉल व न्यूरो से संबंधित दिक्क़तें भी काफी हद खत्म हो गयीं. जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दावा किया कि ऐसा शोध पहली बार हुआ है, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने कहा, शोध के दौरान कई मरीजों की तो डायबिटीज की दवा तक बंद हो गयी, जो अपने आप में ऐतिहासिक बात है.
पेट की चर्बी के स्टेम सेल मरीजों में लगाए गए: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि लगभग 3 साल तक शोध कार्य के दौरान कानपुर व मुंबई के डॉक्टर्स की टीम ने 25 मरीजों पर शोध किया. इनकी पेट की चर्बी के स्टेम सेल ही अन्य अंगों में लगाए गए. जिससे डायबिटीज कंट्रोल हो गई. मुंबई से डॉ. बीएस राजपूत व अन्य डॉक्टर्स ने बहुत मेहनत की. मरीजों का कोलेस्ट्रॉल लेवल सही हुआ. उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में हम एलएलआऱ अस्पताल में जरूरत मंद मरीजों का इसी विधि से जल्द इलाज शुरू कर देंगे.
स्पेशल किट का हुआ प्रयोग: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मरीजों पर शोध के दौरान स्पेशल किट का उपयोग किया गया. इस किट की कीमत लाखों रुपये में है. एक मरीज का इलाज करने के लिए दो से तीन किटों की जरूरत होतीं है. ऐसे में हमने इसकी जानकारी सीएम पोर्टल पर व शासन क़ो दे दी है. जितनी जल्दी सरकार से हमें किट्स मिल जाएंगी, उतनी जल्दी हम मरीजों का इलाज शुरू कर देंगे.
डायबिटीज मरीजों के लिए खुशखबरी! अब पेट की चर्बी से होगा गारंटी इलाज, जानिए कैसी होगी प्रक्रिया? - Diabetes Treatment
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने एक ऐसा शोध किया है, जिससे डायबिटीज का इलाज सौ प्रतिशत हो सकेगा. इलाज के बाद डायबिटीज पूरी तरह कंट्रोल होने के साथ अन्य दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 12, 2024, 10:16 PM IST
कानपुर: मधुमेह जिसे आम बोलचाल की भाषा में डायबिटीज भी कहा जाता है. अब एक ऐसी लाइलाज और जानलेवा बीमारी हो चुकी है, जिसके नाम से ही लोगों की रूह कांप उठती है. हालांकि शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की टीम से एक ऐसा शोध किया है. जिसमें इस बीमारी का तो 100 प्रतिशत इलाज हुआ ही. मरीजों की शुगर, रेटिना, कोलेस्ट्रॉल व न्यूरो से संबंधित दिक्क़तें भी काफी हद खत्म हो गयीं. जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दावा किया कि ऐसा शोध पहली बार हुआ है, जिसके आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने कहा, शोध के दौरान कई मरीजों की तो डायबिटीज की दवा तक बंद हो गयी, जो अपने आप में ऐतिहासिक बात है.
पेट की चर्बी के स्टेम सेल मरीजों में लगाए गए: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि लगभग 3 साल तक शोध कार्य के दौरान कानपुर व मुंबई के डॉक्टर्स की टीम ने 25 मरीजों पर शोध किया. इनकी पेट की चर्बी के स्टेम सेल ही अन्य अंगों में लगाए गए. जिससे डायबिटीज कंट्रोल हो गई. मुंबई से डॉ. बीएस राजपूत व अन्य डॉक्टर्स ने बहुत मेहनत की. मरीजों का कोलेस्ट्रॉल लेवल सही हुआ. उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में हम एलएलआऱ अस्पताल में जरूरत मंद मरीजों का इसी विधि से जल्द इलाज शुरू कर देंगे.
स्पेशल किट का हुआ प्रयोग: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मरीजों पर शोध के दौरान स्पेशल किट का उपयोग किया गया. इस किट की कीमत लाखों रुपये में है. एक मरीज का इलाज करने के लिए दो से तीन किटों की जरूरत होतीं है. ऐसे में हमने इसकी जानकारी सीएम पोर्टल पर व शासन क़ो दे दी है. जितनी जल्दी सरकार से हमें किट्स मिल जाएंगी, उतनी जल्दी हम मरीजों का इलाज शुरू कर देंगे.